शिमला: कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए देशभर में बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन अभियान जारी है. राजधानी शिमला में भी आईजीएमसी में अब तक 13,920 लोगों को वैक्सीन लगाई गई है. सबसे बड़ी बात ये है कि आईजीएमसी में जीरो वैक्सीन वेस्टेज पर भी विशेष बल ध्यान दिया जा रहा है. वैक्सीनेशन के दौरान दवा बर्बाद न हो इसका ख्याल भी रखा जाता है.
क्या कहते हैं आईजीएमसी के एमएस जनक राज?
आईजीएमसी के एमएस डॉक्टर जनक राज ने इस बारे में बताया कि कोरोना काफी समय तक रह सकता है, इसलिए लोगों को इसके साथ जीने की आदत डालनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए सही तरीके से कोविड नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है. उन्होंने बताया कि आईजीएमसी में कोरोना की पहली लहर में भी पूरी तैयारी की गई थी. वहीं, दूसरी लहर के लिए भी इंतजाम किए गए हैं जिससे कि मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो. इसके अलावा अब आईजीएमसी प्रशासन तीसरी लहर के लिए भी पूरी तरह से तैयार है.
उन्होंने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए हानिकारक बताई जा रही है लेकिन अभी इस पर कुछ कह पाना मुश्किल है. मौजूदा समय में केवल कोरोना चेन को तोड़ना होगा जो कि केवल खुद के बचाव करने से ही हो सकता है.
आईजीएमसी में 93 कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती
जनक राज ने कहा कि फिलहाल आईजीएमसी में केवल 93 मरीज उपचाराधीन हैं. मरीज की घटती-बढ़ती संख्या के साथ ही अस्पताल में इंतजाम किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों के मरीज अस्पताल में भर्ती हैं. बीते 24 घंटों में केवल 4 मरीज भर्ती हुए हैं जबकि 14 लोगों डिस्चार्ज किया गया है.
लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत
आईजीएमसी के एमएस जनक राज बताया कि कोई भी वायरस कुछ समय के लिए कम होता है, फिर वह ज्यादा भी बढ़ जाता है, इसलिए लोगों को स्वयं ही सावधानी बरतनी होगी, जिससे कि संक्रमण से बचाव हो सके. उन्होंने कहा कि बताया कि कोरोना संक्रमण अभी लंबे समय तक चलने वाला है ऐसे में हमें इससे बच कर रहना है.
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