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पीजीआई सैटेलाइट सेंटर के निर्माण के लिए केंद्र की मंजूरी, इन जिलों को मिलेंगी बेहतर मेडिकल सुविधाएं

हिमाचल प्रदेश के ऊना में पीजीआई सैटेलाइट सेंटर के निर्माण के लिए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय ने वन मंजूरी दे दी है. पीजीआई सैटेलाइट सेंटर से किन जिलों को बेहतर मेडिकल सुविधाएं मिलेंगी ये जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (Pgi satellite center).

Pgi satellite center
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (फाइल फोटो).
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Published : May 3, 2023, 9:33 PM IST

शिमला: ऊना में पीजीआई सैटेलाइट सेंटर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. सेंटर के निर्माण के लिए केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. ऐसे में अब इसका काम शुरू हो जाएगा. इसके बनने से ऊना, कांगड़ा, हमीरपुर और बिलासपुर के लोगों को बेहतर मेडिकल सुविधाएं मिलेंगी.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की मंजूरी के बाद इस महत्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण की बड़ी बाधा दूर हो गई है. उन्होंने कहा कि उनकी राज्य सरकार ने इस मामले को केंद्र सरकार के साथ मजबूती से उठाया और निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी प्रदान करने का आग्रह किया था. इसके बाद केंद्रीय मंत्रालय ने इसको मंजूरी दे दे दी है. उन्होंने कहा कि पीजीआई सैटेलाइट सेंटर ऊना के निर्माण से ऊना, कांगड़ा, हमीरपुर और बिलासपुर जिलों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी.

वन मंजूरी न मिलने की वजह से लटका था कार्य: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस स्वास्थ्य संस्थान का शिलान्यास मार्च, 2018 में किया गया था, लेकिन केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की इसके निर्माण की मंजूरी नहीं मिल पाई थी. जिसके चलते अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया. अब केंद्रीय मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद शीघ्र ही इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.

वन मंजूरी के मामले केंद्र सरकार के सामने उठा रही है सरकार: सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न महत्वकांक्षी परियोजनाओं की वन मंजूरी के मामले केंद्र सरकार के समक्ष प्राथमिकता के आधार उठा रही है. राज्य सरकार ने एफसीए और एफआरए के मामलों में स्वीकृतियों की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस कंसल्टेंट ऑर्गनाइजेशन (एफसीसीओ) के माध्यम से उपयोगकर्ता एजेंसियों को सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एफसीए और एफआरए क्लीयरेंस के मुद्दे को प्रभावी तरीके से सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष उठाया था, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इसकी पूर्व अनुमति की शर्त को हटा दिया था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के लोगों को उनके घर-द्वार पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि उन्हें विशेष चिकित्सा सेवाएं प्राप्त करने में किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े.

शिमला: ऊना में पीजीआई सैटेलाइट सेंटर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. सेंटर के निर्माण के लिए केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. ऐसे में अब इसका काम शुरू हो जाएगा. इसके बनने से ऊना, कांगड़ा, हमीरपुर और बिलासपुर के लोगों को बेहतर मेडिकल सुविधाएं मिलेंगी.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की मंजूरी के बाद इस महत्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण की बड़ी बाधा दूर हो गई है. उन्होंने कहा कि उनकी राज्य सरकार ने इस मामले को केंद्र सरकार के साथ मजबूती से उठाया और निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी प्रदान करने का आग्रह किया था. इसके बाद केंद्रीय मंत्रालय ने इसको मंजूरी दे दे दी है. उन्होंने कहा कि पीजीआई सैटेलाइट सेंटर ऊना के निर्माण से ऊना, कांगड़ा, हमीरपुर और बिलासपुर जिलों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी.

वन मंजूरी न मिलने की वजह से लटका था कार्य: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस स्वास्थ्य संस्थान का शिलान्यास मार्च, 2018 में किया गया था, लेकिन केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की इसके निर्माण की मंजूरी नहीं मिल पाई थी. जिसके चलते अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया. अब केंद्रीय मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद शीघ्र ही इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.

वन मंजूरी के मामले केंद्र सरकार के सामने उठा रही है सरकार: सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न महत्वकांक्षी परियोजनाओं की वन मंजूरी के मामले केंद्र सरकार के समक्ष प्राथमिकता के आधार उठा रही है. राज्य सरकार ने एफसीए और एफआरए के मामलों में स्वीकृतियों की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस कंसल्टेंट ऑर्गनाइजेशन (एफसीसीओ) के माध्यम से उपयोगकर्ता एजेंसियों को सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एफसीए और एफआरए क्लीयरेंस के मुद्दे को प्रभावी तरीके से सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष उठाया था, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इसकी पूर्व अनुमति की शर्त को हटा दिया था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के लोगों को उनके घर-द्वार पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि उन्हें विशेष चिकित्सा सेवाएं प्राप्त करने में किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े.

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