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HPU के 2 दिव्यांग छात्रों ने मनवाया अपनी प्रतिभा का लोहा, JRF उतीर्ण कर Ph.D में पाया प्रवेश - अजय कुमार

बता दें कि इन दोनों ही छात्रों ने पहले जेआरएफ की परीक्षा उतीर्ण की है जिसके आधार पर अब प्रवेश उन्हें पीएचडी कोर्स में मिल पाया है. दोनों ही छात्रों का सपना प्रोफेसर बनने का है जिसके लिए अपनी मेहनत से वह आगे बढ़ते जा रहे हैं. छात्रों की इस उपलब्धि पर उन्हें हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सिंकदर कुमार ने भी बधाई दी है.

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Published : Oct 30, 2019, 7:50 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से दिव्यांग छात्रों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. इस बार दो दिव्यांग छात्रों को एचपीयू में ही पीएचडी में प्रवेश मिला है. दिव्यांग विद्यार्थी सविना जहां को हिंदी और अजय कुमार को इतिहास विषय में पीएचडी कोर्स में दाखिला मिला है.

बता दें कि इन दोनों ही छात्रों ने पहले जेआरएफ की परीक्षा उतीर्ण की है जिसके आधार पर अब प्रवेश उन्हें पीएचडी कोर्स में मिल पाया है. दोनों ही छात्रों का सपना प्रोफेसर बनने का है जिसके लिए अपनी मेहनत से वह आगे बढ़ते जा रहे है. छात्रों की इस उपलब्धि पर उन्हें हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सिंकदर कुमार ने भी बधाई दी है.

कुलपति ने कहा है कि विश्वविद्यालय दिव्यांग छात्रों को सभी आवश्यक सुविधाएं देने का प्रयास कर रहा है. विश्वविद्यालय को अपने प्रतिभाशाली दिव्यांग विद्यार्थियों पर गर्व है. एचपीयू विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि जूनियर रिसर्च फेलो की परीक्षा उतीर्ण करने वाली सविना जहां शारीरिक दिव्यांग हैं और छात्र अजय कुमार दृष्टिबाधित है.

वीडियो.

सविना ने इससे पहले हिंदी में एमए,एमफिल के साथ ही बीएड की है. इनके साथ ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में भी शोध पत्र प्रस्तुत किये है. छात्र अजय कुमार ने इसी वर्ष इतिहास में एमए किया है. इसके साथ ही एमफिल और बीएड में भी उनका प्रवेश हो गया है.
अजय दृष्टिबाधित होने के कारण एचपीयू की सुगम्य लाइब्रेरी में कंप्यूटर पर टॉकिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से पढ़ाई करता है. सविना का कहना है कि उन्हें बचपन से ही इस उनके हाथ की चार उंगलियां नहीं हैं. जिसके चलते उन्हें समाज से भी कई बातें सुननी पड़ी.

उन्होंने इस सब की परवाह किए बिना अपने लक्ष्य कि तरफ लगातार कदम बढ़ाए और मेहनत की जिसमें उन्हें उनके परिवार का भी पूरा सहयोग मिला. उन्होंने बताया कि शिक्षण संस्थानों में दिव्यांग छात्रों के लिए सुविधाओं का आभाव था, लेकिन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में दिव्यांग छात्रों सुविधाएं महसूस करवाई जा रही है.

वहीं, अजय ने बताया कि वह 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित है. दृष्टिबाधित होने के चलते के चलते उन्हें अपनी पढ़ाई को करने में दिक्कत आई. ऑनलाइन ही वह पढ़ाई करते थे, लेकिन एचपीयू में सुगम्य पुस्तकालय में उन्हें पुस्तकें टॉकिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से पढ़ने को मिली. सुगम्य पुस्तकालय की मदद से ही वह जेआरएफ की परीक्षा उतीर्ण कर सके.

ये भी पढ़ें- बिलासपुर DC ने डाउनलोड किया ETV भारत एप, खास प्रोग्राम 'खबरां पहाड़ां री' की भी की तारीफ

शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से दिव्यांग छात्रों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. इस बार दो दिव्यांग छात्रों को एचपीयू में ही पीएचडी में प्रवेश मिला है. दिव्यांग विद्यार्थी सविना जहां को हिंदी और अजय कुमार को इतिहास विषय में पीएचडी कोर्स में दाखिला मिला है.

बता दें कि इन दोनों ही छात्रों ने पहले जेआरएफ की परीक्षा उतीर्ण की है जिसके आधार पर अब प्रवेश उन्हें पीएचडी कोर्स में मिल पाया है. दोनों ही छात्रों का सपना प्रोफेसर बनने का है जिसके लिए अपनी मेहनत से वह आगे बढ़ते जा रहे है. छात्रों की इस उपलब्धि पर उन्हें हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सिंकदर कुमार ने भी बधाई दी है.

कुलपति ने कहा है कि विश्वविद्यालय दिव्यांग छात्रों को सभी आवश्यक सुविधाएं देने का प्रयास कर रहा है. विश्वविद्यालय को अपने प्रतिभाशाली दिव्यांग विद्यार्थियों पर गर्व है. एचपीयू विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि जूनियर रिसर्च फेलो की परीक्षा उतीर्ण करने वाली सविना जहां शारीरिक दिव्यांग हैं और छात्र अजय कुमार दृष्टिबाधित है.

वीडियो.

सविना ने इससे पहले हिंदी में एमए,एमफिल के साथ ही बीएड की है. इनके साथ ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में भी शोध पत्र प्रस्तुत किये है. छात्र अजय कुमार ने इसी वर्ष इतिहास में एमए किया है. इसके साथ ही एमफिल और बीएड में भी उनका प्रवेश हो गया है.
अजय दृष्टिबाधित होने के कारण एचपीयू की सुगम्य लाइब्रेरी में कंप्यूटर पर टॉकिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से पढ़ाई करता है. सविना का कहना है कि उन्हें बचपन से ही इस उनके हाथ की चार उंगलियां नहीं हैं. जिसके चलते उन्हें समाज से भी कई बातें सुननी पड़ी.

उन्होंने इस सब की परवाह किए बिना अपने लक्ष्य कि तरफ लगातार कदम बढ़ाए और मेहनत की जिसमें उन्हें उनके परिवार का भी पूरा सहयोग मिला. उन्होंने बताया कि शिक्षण संस्थानों में दिव्यांग छात्रों के लिए सुविधाओं का आभाव था, लेकिन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में दिव्यांग छात्रों सुविधाएं महसूस करवाई जा रही है.

वहीं, अजय ने बताया कि वह 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित है. दृष्टिबाधित होने के चलते के चलते उन्हें अपनी पढ़ाई को करने में दिक्कत आई. ऑनलाइन ही वह पढ़ाई करते थे, लेकिन एचपीयू में सुगम्य पुस्तकालय में उन्हें पुस्तकें टॉकिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से पढ़ने को मिली. सुगम्य पुस्तकालय की मदद से ही वह जेआरएफ की परीक्षा उतीर्ण कर सके.

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हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से दिव्यांग छात्रों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। इस बार दो दिव्यांग छात्रों को एचपीयू में ही पीएचडी में प्रवेश मिला है। दिव्यांग विद्यार्थी सविना जहां को हिंदी और अजय कुमार को इतिहास विषय में पीएचडी कोर्स में दाखिला मिला है। इन दोनों ही छात्रों ने पहले जेआरएफ की परीक्षा उतीर्ण की है जिसके आधार पर अब प्रवेश उन्हें पीएचडी कोर्स में मिल पाया है। दोनों ही छात्रों का सपना प्रोफेसर बनने का है जिसके लिए अपनी मेहनत से वह आगे बढ़ते जा रहे है। छात्रों की इस उपलब्धि पर उन्हें हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.सिंकदर कुमार ने भी बधाई दी है।


Body:कुलपति ने कहा है कि विश्वविद्यालय दिव्यांग छात्रों को सभी आवश्यक सुविधाएं देने का प्रयास कर रहा है। विश्वविद्यालय को अपने प्रतिभाशाली दिव्यांग विद्यार्थियों पर गर्व है। एचपीयू विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रो.अजय श्रीवास्तव ने बताया कि जूनियर रिसर्च फेलो की परीक्षा उतीर्ण करने वाली सविना जहाँ शारीरिक दिव्यांग है और छात्र अजय कुमार दृष्टिबाधित है। सविना ने इससे पहले हिंदी में एमए,एमफिल के साथ ही बीएड की है। इनके साथ ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में भी शोध पत्र प्रस्तुत किये है। छात्र अजय कुमार ने इसी वर्ष इतिहास में एमए किया है। इसके साथ ही एमफिल ओर बीएड में भी उनका प्रवेश हो गया है। अजय दृष्टिबाधित होने के कारण एचपीयू की सुगम्य लाइब्रेरी में कंप्यूटर पर टॉकिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से पढ़ाई करता है। वह केंद्र सरकार की ऑनलाइन लाइब्रेरी सुगम्य पुस्तकालय ओर अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन लाइब्रेरी बुक शेयर का भी उपयोग करता हैं।


Conclusion:सविना का कहना है कि उन्हें बचपन से ही इस उनके हाथ की 4 उंगलियां नहीं है जिसके चलते उन्हें समाज से भी क़ई बातें सुननी पड़ी। उन्होंने इस सब की परवाह किए बिना अपने लक्ष्य कि तरफ लगातार कदम बढ़ाए ओर मेहनत की जिसमें उन्हें उनके परिवार का भी पूरा सहयोग मिला। उन्होंने बताया कि शिक्षण संस्थानों में दिव्यांग छात्रों के लिए सुविधाओं का आभाव था लेकिन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में दिव्यांग छात्रों सुविधाएं महसूस करवाई जा रही है। वहीं अजय ने बताया कि वह 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित है। दृस्टिबाधित होने के चलते के चलते उन्हें अपनी पढ़ाई को करने में दिक्कत आई। ऑनलाइन ही वह पढ़ाई करते थे लेकिन एचपीयू में सुगम्य पुस्तकालय में उन्हें पुस्तकें टॉकिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से पढ़ने को मिली। सुगम्य पुस्तकालय की मदद से ही वह जेआरएफ की परीक्षा उतीर्ण कर सके।
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