शिमला: हिमाचल प्रदेश किसान सभा की जिला इकाई शिमला की दो दिवसीय विस्तारित बैठक और संगठनात्मक शिविर का रामपुर में समापन हो गया. बैठक में राज्य कमेटी से अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर, राज्य उपाध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा ने विशेष रूप से हिस्सा लिया.
शिविर का उद्घाटन करते हुए जिला अध्यक्ष सत्यवान पुण्डीर ने विस्तारित बैठक के उद्देश्य पर चर्चा करते हुए बताया कि अखिल भारतीय किसान काउंसिल की बैठक में तय रूपरेखा के अनुरूप पूरे देश में संगठनात्मक दुरुस्तीकरण श्रृंखला के तहत काम किया जा रहा है. इसके तहत किसान सभा की विभिन्न स्तरों पर कमेटियों में सदस्यों को शामिल करते हुए किसान सभा के संघर्षों, आन्दोलनों तथा संगठनात्मक प्रक्रियाओं का अवलोकन और समीक्षा की गई. जिलाध्यक्ष ने कहा कि पिछले वर्षों में किसान सभा की अगुवाई में लड़े जा रहे आंदोलनों से संगठन विकास को प्राथमिकता देने की जरूरत है.
डॉ. तंवर ने केंद्र सरकार पर किसानों के बनिस्पत बड़े उद्योगपतियों के हित साधने का आरोप लगाया, उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में अम्बानी, अडानी और बाबा रामदेव सहित बड़े कारोबारियों की आमदनी में सैंकड़ों गुणा इज़ाफ़ा हुआ है, लेकिन किसान को इनकी फसलों के लाभकारी दाम नहीं मिल रहे हैं. सरकार किसानों को उनकी पैदावार के लाभकारी दाम देने के बजाय किसान सम्मान निधि के रूप में प्रतिदिन एक बीड़ी के बंडल के बराबर 16 रुपये 48 पैसे रिश्वत के तौर पर खाते में सीधे पैसे दे रही है.
इन सभी बातों को लेकर 2 दिसम्बर को प्रत्येक खण्ड में स्थानीय मुद्दों पर चौबीस घण्टे का धरना प्रदर्शन किया जाएगा. इसमें रामपुर के दत्तनगर में दूध के मुद्दे पर 6 खंडों के किसानों द्वारा, रोहड़ू में अस्पताल में आ रही समस्याओं पर, ठियोग में बिजली, गैस, पानी और सार्वजनिक समस्याओं पर, कसुम्पटी में सब्जियों और सार्वजनिक सेवाओं की समस्याओं पर प्रदर्शन किए जाएंगे. इस बीच राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस के अवसर पर 14 अक्तूबर को कालीबाड़ी में ग्रामीण महिलाओं का राज्य अधिवेशन तथा 15 को राज्यपाल व मुख्यमंत्री को ग्रामीण महिलाओं के मुद्दों पर मांगपत्र दिया जायेगा.
बैठक मे राजेन्द्र चौहान, जय शिव ठाकुर, उषा देवी,कृष्ण प्रकाश नेगी, ओम प्रकाश भारती, प्रेम चौहान, जगदीश, दयाल सिंह, दिनेश मेहता, हेम राज, मधु, काकू, राकेश वर्मा, डोला राम, मोहर सिंह, नेक राम, शेर सिंह, हितेश हाष्टा, सुख देव चौहान, संजीव नेगी आदि मैजूद थे.