शिमला: हिमाचल सरकार के शिक्षा विभाग में म्यूचुअल ट्रांसफर अथवा अन्य किसी माध्यम से तीस किलोमीटर के दायरे में ही तैनाती लेने वाले टीचर्स की अब ट्रांसफर होगी. इस बारे में कैबिनेट बैठक में हुए फैसले के बाद राज्य सरकार के शिक्षा सचिव राकेश कंवर की तरफ से ऑफिस मेमोरेंडम जारी कर दिया गया है. मेमोरेंडम के अनुसार जिन अध्यापकों का 30 किलोमीटर के भीतर एक से अधिक पोस्टिंग का कुल तीन साल से अधिक का स्टे हो गया है, उनका अब अगेंस्ट लॉन्गर स्टे के आधार पर तबादला आदेश जारी किया जा सकेगा. शिक्षा विभाग के मेमोरेंडम में कहा गया है कि ये व्यवस्था एलीमेंटरी एजुकेशन से हायर एजुकेशन तक हर कैडर के अध्यापकों पर लागू होगी.
शिक्षा सचिव की तरफ से जारी किए गए मेमोरेंडम में कहा गया है कि विभाग ने पाया है कि कुछ शिक्षक किसी न किसी तरीके से अपनी पोस्टिंग को मैनेज कर लेते हैं. देखा गया है कि प्रभावशाली लोग आसपास के दायरे में ही पोस्टिंग लेते रहते हैं. अन्य शब्दों में कहा जाए तो जुगाड़ कर लेते हैं. विभाग की तरफ से कहा गया है कि वर्ष 2013 की ट्रांसफर पॉलिसी में स्टे को क्लब करने का प्रावधान नहीं है. ऐसे में अब यदि किसी कर्मचारी ने एक से अधिक दफा कुल 30 किलोमीटर के भीतर-भीतर ही तैनाती ले ली है तो उसका कार्यकाल एक ही गिना जाएगा. विभाग के अनुसार यदि ट्रांसफर 30 किलोमीटर के दायरे से बाहर होगी, उसी स्थिति में ही स्टे टूट सकेगा. शिक्षा सचिव ने कहा है कि पोस्टिंग मैनेज करने वाले लोगों के कारण प्रदेश के दुर्गम व दूरदराज के एरिया में सेवाएं दे रहे अध्यापकों को कस्बों व शहरों में तैनाती का मौका नहीं मिल रहा है. ऐसे में राज्य सरकार ने उपरोक्त निर्णय लिया है.
जारी किए गए ऑफिस मेमोरेंडम में कहा गया है कि ये प्रावधान तुरंत लागू होंगे. उल्लेखनीय है कि हिमाचल में सरकारों के लिए तबादलों को लेकर प्रावधान व नियम तय करना हमेशा ही सिरदर्दी रहा है. तबादला नीति को लेकर मांग होती रही है. शिक्षा विभाग चूंकि सबसे बड़ा है, लिहाजा समस्या यहीं अधिक है. कैबिनेट ने पहले शिक्षा विभाग के लिए स्टे क्लब करने का दायरा चालीस किलोमीटर रखा था.
इससे पहले की संबंधित आदेश जारी हो पाते, कुछ शिक्षक संगठनों ने सरकार को फीडबैक दिया. उनके फीडबैक के बाद हाल ही में कैबिनेट में इस मामले को फिर से लाया गया. कैबिनेट की इस बैठक में 40 किलोमीटर के दायरे को घटकर 30 किलोमीटर कर दिया गया. अब ये प्रावधान लागू कर दिया गया है. अभी की व्यवस्था के अनुसार इस महीने भी तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की ट्रांसफर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर खुद करेंगे. ऐसे में इस महीने के आखिर में जारी होने वाली लिस्ट में इस प्रावधान को लागू किया जा सकता है.
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