शिमला: राजधानी शिमला शहर में नगर निगम की दुकानों के किराये में बढ़ोतरी करने पर शिमला व्यापार मंडल भड़क गया है. नगर निगम के खिलाफ कई दुकानदार कोर्ट पहुंच गए हैं.व्यापार मंडल का आरोप है कि नगर निगम ने दुकानदारों को लाखों के बिल थमा दिए हैं, जबकि तीन साल पहले ही बिलों में बढ़ोतरी की गई थी. उन्होंने कहा कि अब दोबारा से किराए के बिलों में वृद्धि कर दी है, जो कि दुकानदारों की हैसियत से बाहर है.
वहीं, शिमला व्यापार मंडल ने बढ़े हुए बिलों को वापिस लेने की मांग की है. ऐसा न करने पर व्यापारियों ने नगर निगम के खिलाफ सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने की चेतावनी दी है.शिमला व्यापार मंडल के अध्यक्ष व लोअर बाजार के पार्षद इंद्रजीत सिंह ने कहा कि कारोबारी बिल को लेकर कई शिकायतें कर रहे हैं. इसे लेकर कुछ लोग कोर्ट गए हैं, जबकि निगम की ओर से जारी किए बिलों में कई खामियां भी हैं. इस पर आयुक्त से भी बात कर चुके हैं, लेकिन कोई राहत नहीं मिल रही है.
इंद्रजीत सिंह ने आरोप लगाया कि नगर निगम अधिकारियों द्वारा दुकानों की पैमाइश गलत की जा रही है. हर तीन साल बाद दुकानदारों से बढ़ा किराया लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि निगम के अधिकारी कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं. ये मामला नगर निगम के सदन में भी उठाया जायेगा और व्यापारी सडकों पर उतर कर नगर निगम के खिलाफ आंदोलन भी शुरू करेंगे.
शिमला शहर में नगर निगम की 987 दुकानें और स्टॉल हैं. इसका हर महीने नगर निगम किराया वसूल करता है, लेकिन इस बार निगम की पैमाइश, जीएसटी और अधूरे बिलों को लेकर कारोबारी नाराज हैं. वहीं, अभी सिर्फ लोअर बाजार एरिया में ही नगर निगम ने दुकानों के बिल जारी किए थे. अचानक लाखों रुपये के बिल देखकर कारोबारी परेशान हो गए.
इसके अलावा जिन कारोबारियों के बिल कम आए हैं वो किराया जमा करवाने निगम दफ्तर भी पहुंच रहे हैं. वहीं, जिनके बिल कई गुना ज्यादा आए हैं, वे प्रदेश कोर्ट पहुंच गए हैं.
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