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IGMC में ब्रेन स्ट्रोक का होगा नि:शुल्क इलाज, बाजार में एक इंजेक्शन की कीमत है 60 हजार

प्रदेश में आइजीएमसी के अलावा 17 ऐसे स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां ब्रेन स्ट्रोक का इलाज संभव है. इन स्वास्थ्य केंद्रों में टीपीए यानी टिशू प्लांट एक्टिवेशन इंजेक्शन उपलब्ध करवाया गया है जो कि बिल्कुल मुफ्त है.

free treatment of brain stroke in IGMC
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Published : Oct 5, 2019, 6:25 PM IST

शिमला: बदलते परिदृश्य में ब्रेन स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. सही समय पर मरीज को अस्पताल में पहुंचाने पर ही उसकी जान बच सकती है. प्रदेश में आइजीएमसी के अलावा 17 ऐसे स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां ब्रेन स्ट्रोक का इलाज संभव है. इन स्वास्थ्य केंद्रों में टीपीए यानी टिशू प्लांट एक्टिवेशन इंजेक्शन उपलब्ध करवाया गया है जो कि बिल्कुल मुफ्त है.

ईटीवी से विशेष बातचीत में आईजीएमसी में न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुधीर शर्मा ने कहा कि ब्रेन स्ट्रोक को कई नामो से भी जानते हैं. इसमें पक्षाघात ,लकवा और अधरंग है. इसका कारण ब्रेन तक खून की सप्लाई प्रभावित होना है. उन्होंने कहा कि दिमाग के जिस हिस्से में खून प्रभावित नहीं होता है वहां अधरंग या ब्रेन स्ट्रोक हो जाता है जैसे मुंह, हाथ का काम करना बंद करना बोलने या सुनने में दिक्कतें आती हैं.

डॉ. सुधीर ने कहा कि उनके पास 75 फीसदी मरीज ऐसे आते हैं जिनके मुंह, हाथ हिलना-ढुलना बंद कर देते हैं या फिर उन्हें बोलने में परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ब्रेन स्ट्रोक के इलाज के लिए एचपी टेलिस्टोक के नाम से सुविधा शुरू की गई है. ये सुविधा प्रदेश में 17 स्वास्थ्य केंद्रों में है, जहां पर सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध है. डॉ. सुधीर ने कहा कि इन सभी केंद्रों पर चिकित्सकों को ट्रेंड किया गया है. चिन्हित स्वास्थ्य केंद्रों में टीपीए इंजेक्शन उपलब्ध करवा दिया गया है जो ब्रेन स्ट्रोक के दौरान दिमाग में बने खून के थक्कों को ठीक करता है.

डॉ. सुधीर ने कहा कि बाजार में इस इंजेक्शन की कीमत 60 हजार रुपए है जबकि आईजीएमसी और 17 चिन्हित स्वास्थ्य केंद्रों में यह नि:शुल्क उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि कभी भी व्यक्ति में मुंह टेढ़ा होना, हाथ का काम न करना, बोलने-सुनने में समस्या का होना और ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत अस्पताल में चेक करवाना चाहिए. उन्होंने कहा कि समय पर मरीज के अस्पताल पहुंचने पर ब्रेन स्टॉक का इलाज संभव है.

डॉ. सुधीर शर्मा, न्यूरोलॉजी विभाग, आईजीएमसी

ये भी पढ़ें: अनछुआ हिमाचल: सचमुच धरती का स्वर्ग है छितकुल, यहां स्थित है हिंदुस्तान का आखिरी ढाबा

शिमला: बदलते परिदृश्य में ब्रेन स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. सही समय पर मरीज को अस्पताल में पहुंचाने पर ही उसकी जान बच सकती है. प्रदेश में आइजीएमसी के अलावा 17 ऐसे स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां ब्रेन स्ट्रोक का इलाज संभव है. इन स्वास्थ्य केंद्रों में टीपीए यानी टिशू प्लांट एक्टिवेशन इंजेक्शन उपलब्ध करवाया गया है जो कि बिल्कुल मुफ्त है.

ईटीवी से विशेष बातचीत में आईजीएमसी में न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुधीर शर्मा ने कहा कि ब्रेन स्ट्रोक को कई नामो से भी जानते हैं. इसमें पक्षाघात ,लकवा और अधरंग है. इसका कारण ब्रेन तक खून की सप्लाई प्रभावित होना है. उन्होंने कहा कि दिमाग के जिस हिस्से में खून प्रभावित नहीं होता है वहां अधरंग या ब्रेन स्ट्रोक हो जाता है जैसे मुंह, हाथ का काम करना बंद करना बोलने या सुनने में दिक्कतें आती हैं.

डॉ. सुधीर ने कहा कि उनके पास 75 फीसदी मरीज ऐसे आते हैं जिनके मुंह, हाथ हिलना-ढुलना बंद कर देते हैं या फिर उन्हें बोलने में परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ब्रेन स्ट्रोक के इलाज के लिए एचपी टेलिस्टोक के नाम से सुविधा शुरू की गई है. ये सुविधा प्रदेश में 17 स्वास्थ्य केंद्रों में है, जहां पर सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध है. डॉ. सुधीर ने कहा कि इन सभी केंद्रों पर चिकित्सकों को ट्रेंड किया गया है. चिन्हित स्वास्थ्य केंद्रों में टीपीए इंजेक्शन उपलब्ध करवा दिया गया है जो ब्रेन स्ट्रोक के दौरान दिमाग में बने खून के थक्कों को ठीक करता है.

डॉ. सुधीर ने कहा कि बाजार में इस इंजेक्शन की कीमत 60 हजार रुपए है जबकि आईजीएमसी और 17 चिन्हित स्वास्थ्य केंद्रों में यह नि:शुल्क उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि कभी भी व्यक्ति में मुंह टेढ़ा होना, हाथ का काम न करना, बोलने-सुनने में समस्या का होना और ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत अस्पताल में चेक करवाना चाहिए. उन्होंने कहा कि समय पर मरीज के अस्पताल पहुंचने पर ब्रेन स्टॉक का इलाज संभव है.

डॉ. सुधीर शर्मा, न्यूरोलॉजी विभाग, आईजीएमसी

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Intro:टीपीए इंजेक्शन से आइजीएमसी में ब्रेन स्टॉक का होगा निशुल्क ईलाज ,बाजार में कीमत है 60हजार ।
शिमला ।
ब्यक्ति के ब्रेन यदि सही है तो वह बड़ी से बड़ी बाजी जीत सकता है और यदि ब्रेन में विकार पैदा हो जाये तो वह बिस्तर पकड़ लेता है। बदलते परिदृश्य में ब्रेन स्टॉक के मामले तेजी से बढ़ रहे है ।ऐसे में यदि सही समय पर अस्प्ताल में मरीज को पहुंचा दिया जाए तो उसकी जान बच सकती है। प्रदेश में आइजीएमसी के अलावा 17ऐसे स्वास्थ्य केंद्र है जहाँ ब्रेन स्टॉक का ईलाज सम्भव है। ओर इन स्वास्थ्य केंद्रों में टीपीए यानी टिशू प्लांट एक्टिवेशन इंजेक्शन उपलब्ध है जो कि बिल्कुल निशुल्क है।
ईटीवी से विशेष बातचीत में आइजीएमसी में न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफ़ेसर डॉ सुधीर शर्मा ने बताया कि ब्रेन स्टॉक को कई नमो से जानते है जिसमे पक्षाघात ,लकवा व अधरंग है और इसका कारण है ब्रेन तक खून की सप्लाई प्रभावित होना। उन्होंने कहा कि दिमाग के जिससे हिस्से में खून प्रभावित होता है वहाँ बिकार उत्पन्न होंजता है और अधरंग या ब्रेन स्टॉक हो जाता है। जैसे मुँह, हाथ, या बोलना या सुनना प्रभावित हों जाता है।


Body:डॉ सुधीर ने बताया कि उनके पास 75फीसदी मरीज ऐसे आते है जो मुँह, हाथ ओर बोलने में अधरंग से ग्रस्त होते है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ब्रेन स्टॉक के ईलाज के लिए 201के एचपी टेलिस्टोक के नाम से सुबिधा शुरू की गई है। ये सुबिधा प्रदेश में 17स्वास्थ्य केंद्रों में है जहाँ पर सीटी स्कैन की सुबिधा उपलब्ध है ।डॉ सुधीर ने बताया कि इन सभी केंद्रों पर चिकित्सको को ट्रेंड किया गया है और टीपीए इंजेक्शन भी उपलब्ध करवा दिया गया है जो ब्रेन स्टॉक के दौरान दिमाग मे बने खून के धक्कों को ठीक कर देता है।


Conclusion:उन्होंने कहा कि बाजार में इस इंजेक्शन की कीमत 60हाजर रुपए है जबकि आईजीएंसी ओर 17चिन्हित स्वास्थ्य केंद्रों में यह निशुल्क उपलब्ध है। उनका कहना था की कभी भी ब्यक्ति में। मुँह टेढ़ा होना ,हाथ मे काम ना करना या बोलने या सुनने में समस्या उपलब्ध हो और ब्रेन स्टॉक के लक्षण दिखाई दे तो तुरन्त 3से 4घण्टे के अंदर अस्प्ताल में चेक करवाना चाहिए । उन्होंने कहा कि समय पर मरीज के अस्प्ताल पहुंचने पर ब्रेन स्टॉक का ईलाज सम्भव है।
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