शिमलाः तिब्बत में हुए महिला राष्ट्रीय विद्रोह की 62वीं वर्षगांठ आज दुनिया भर में मनाई जा रही है. जिसके चलते शिमला में भी काफी तादाद में तिब्बती समुदाय की महिलाओं ने डीसी ऑफिस से शेर-ए-पंजाब तक रोष रैली निकली और चीन के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने भारत सरकार से तिब्बत की आजादी के लिए साथ देने ओर चीनी सामान का बहिष्कार करने की भी अपील की. विरोध रैली के साथ ही तिब्बत में मारे गए लोगों के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया.
तिब्बती यूथ कांग्रेस के प्रवक्ता ने दी जानकारी
विरोध रैली के बारे में जानकारी देते हुए तिब्बती यूथ कांग्रेस के प्रवक्ता छिरिंग दोरजे ने कहा दस मार्च 1962 को ही चीन ने तिब्बत हमला किया था और तिब्बत के धर्मगुरु ओर नेताओ को जेल में डाला था. इसको लेकर तिब्बत में 12 मार्च को राष्ट्रीय विद्रोह हुआ था, जिसके चलते दुनिया भर में आज तिब्बती समुदाय विरोध रैली निकाल कर चीन के खिलाफ अपना विरोध जता रहा है.
उन्होंने कहा कि तिब्बत में चीन मानव अधिकार का हनन कर रहा है और इस प्रदर्शन के जरिए वह दुनिया को बता रहे हैं कि चीन की किस तरह की दमनकारी नीतियां हैं. आज दुनिया भर में चीन व्यापार को नुकसान पहुंचा रहा हैं. तिब्बत की संपत्ति को लूटा जा रहा है और दुनिया में व्यापार पर एकाधिकार बना रहा है.
चीन की अर्थव्यवस्था को तोड़ने की अपील
उन्होंने भारत के लोगों से भी भारत मे बनी वस्तुओं का इस्तेमाल करने और चीनी वस्तुओं का बहिष्कार कर चीन की अर्थव्यवस्था को तोड़ने की अपील की हैं. उन्होंने कहा कि चीन ही पाकिस्तान को उकसा रहा है और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है. जिस तरीके से बॉर्डर पर भारत के सैनिक बुलेट से चीन को जवाब दे रहा है. ऐसे में देश के लोगों का कर्तव्य बनता है कि वह अपने वॉलेट से चीन को जवाब दे. उन्होंने भारत सरकार से भी तिब्बत को आजाद करने के लिए सहयोग देने की अपील की.
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