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कोटखाई दुष्कर्म व हत्या मामला: कोरोना काल में भी CBI के नाम बुक रहे पीटरहॉफ के तीन कमरे

कोरोना काल में हिमाचल के सभी होटल बंद थे और उनमें कोई कस्टमर नहीं था. ऐसे समय में भी हिमाचल सरकार के स्टेट गेस्ट हाउस में तीन कमरे सीबीआई के नाम रहे. मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है, शिमला की स्थानीय अदालत में इसकी सुनवाई चल रही है. फिलहाल, सूचना है कि सीबीआई पर किराए के तौर पर 21 लाख रुपये की रकम बकाया है.

Peterhoff  guest house
पीटरहॉफ स्टेट गेस्ट हाउस.
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Published : Oct 27, 2020, 12:50 PM IST

शिमला: हिमाचल के चर्चित कोटखाई दुष्कर्म व हत्या मामले में बेशक जांच एजेंसी सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है और गुड़िया का गुनहगार नीलू चिरानी जेल में है, स्टेट गेस्ट हाउस पीटरहॉफ में अभी भी तीन कमरे सीबीआई के नाम बुक हैं.

कोरोना काल में हिमाचल के सभी होटल बंद थे और उनमें कोई कस्टमर नहीं था. ऐसे समय में भी हिमाचल सरकार के स्टेट गेस्ट हाउस में तीन कमरे सीबीआई के नाम रहे.

चूंकि मामला अदालत में है, ऐसे में न तो पर्यटन विकास निगम और न ही सीबीआई के अफसर कुछ बोलने को तैयार हैं. स्टेट गेस्ट हाउस हिमाचल पर्यटन विकास निगम के तहत है. यहां कमरों का किराया काफी अधिक है.

सीबीआई पर 21 लाख रुपये बकाया

बेशक कोरोना काल में पर्यटन विकास निगम के होटलों में कोई कस्टमर नहीं था, लेकिन सीबीआई के नाम तीन कमरे लगातार बुक रहे. फिलहाल, सूचना है कि सीबीआई पर किराए के तौर पर 21 लाख रुपये की रकम बकाया है.

कोटखाई में वर्ष 2017 में दसवीं कक्षा की छात्रा के साथ दुष्कर्म हुआ था. दुष्कर्म के बाद दोषी अनिल उर्फ नीलू ने उसकी हत्या कर दी थी. मामले में पीड़ित परिवार को अभी भी न्याय की आस है. हालांकि, सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है.

शिमला की स्थानीय अदालत ने केस की सुनवाई चल रही है, लेकिन पीडि़ता के परिजनों को सीबीआई की थ्योरी पर भरोसा नहीं है. परिजन हाल ही में याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे और बाद में हिमाचल हाईकोर्ट में गुहार लगाई है, परंतु इस केस का एक अन्य पहलू ये है कि जांच एजेंसी अभी भी स्टेट गेस्ट हाऊस में कमरे बुक करके बैठी है.

6 महीने में सीबीआई का एक अफसर पहुंचा शिमला

बताया जा रहा है कि सीबीआई ने शिमला के पीटरहॉफ में पर्यटन विकास निगम के स्टेट गेस्ट हाउस के तीन कमरों का बकाया किराया और अन्य मदों पर हुआ खर्च नहीं चुकाया है. निगम के रिकॉर्ड के अनुसार पिछले 6 महीने में सीबीआई का केवल एक अधिकारी शिमला आया है. केस का शिमला के लोकल कोर्ट में ट्रायल चल रहा है, फिर भी कमरा नंबर 101, 102 व 103 सीबीआई के पास हैं. यह लंबे समय से सीबीआई के नाम पर बुक है.

इस संबंध में निगम के अधिकारियों ने राज्य सरकार एसपी शिमला और सीबीआई के अधिकारियों को भी पत्र लिखे, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. पीटरहॉफ में सीबीआई ने वर्ष 2017 में 25 जुलाई को कमरे बुक किए थे. उसी समय 3 कमरों की बुकिंग की गई थी. जब केस की जांच तेज हुई तो कुछ समय के लिए इन कमरों की संख्या बढ़ा दी गई थी.

सीबीआई ने 13 अप्रैल 2018 को मुख्य आरोपी अनिल उर्फ नीलू चिरानी को पकड़ा. 2018 में ही 29 मई को सीबीआई ने नीलू के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी थी. इसके साथ ही जांच पूरी हो गई थी, एजेंसी ने पीटरहॉफ में कमरों की बुकिंग कैंसिल नहीं की.

चूंकि मामला अदालत में है, लिहाजा न तो पर्यटन विकास निगम और न ही सीबीआई कुछ बोल रही है. अलबत्ता, नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने ये जरूर बताया कि सीबीआई के साथ पत्राचार चल रहा है. बकाया राशि मिल जाए तो कोरोना काल में हुए नुकसान की कुछ तो भरपाई हो.

शिमला: हिमाचल के चर्चित कोटखाई दुष्कर्म व हत्या मामले में बेशक जांच एजेंसी सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है और गुड़िया का गुनहगार नीलू चिरानी जेल में है, स्टेट गेस्ट हाउस पीटरहॉफ में अभी भी तीन कमरे सीबीआई के नाम बुक हैं.

कोरोना काल में हिमाचल के सभी होटल बंद थे और उनमें कोई कस्टमर नहीं था. ऐसे समय में भी हिमाचल सरकार के स्टेट गेस्ट हाउस में तीन कमरे सीबीआई के नाम रहे.

चूंकि मामला अदालत में है, ऐसे में न तो पर्यटन विकास निगम और न ही सीबीआई के अफसर कुछ बोलने को तैयार हैं. स्टेट गेस्ट हाउस हिमाचल पर्यटन विकास निगम के तहत है. यहां कमरों का किराया काफी अधिक है.

सीबीआई पर 21 लाख रुपये बकाया

बेशक कोरोना काल में पर्यटन विकास निगम के होटलों में कोई कस्टमर नहीं था, लेकिन सीबीआई के नाम तीन कमरे लगातार बुक रहे. फिलहाल, सूचना है कि सीबीआई पर किराए के तौर पर 21 लाख रुपये की रकम बकाया है.

कोटखाई में वर्ष 2017 में दसवीं कक्षा की छात्रा के साथ दुष्कर्म हुआ था. दुष्कर्म के बाद दोषी अनिल उर्फ नीलू ने उसकी हत्या कर दी थी. मामले में पीड़ित परिवार को अभी भी न्याय की आस है. हालांकि, सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है.

शिमला की स्थानीय अदालत ने केस की सुनवाई चल रही है, लेकिन पीडि़ता के परिजनों को सीबीआई की थ्योरी पर भरोसा नहीं है. परिजन हाल ही में याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे और बाद में हिमाचल हाईकोर्ट में गुहार लगाई है, परंतु इस केस का एक अन्य पहलू ये है कि जांच एजेंसी अभी भी स्टेट गेस्ट हाऊस में कमरे बुक करके बैठी है.

6 महीने में सीबीआई का एक अफसर पहुंचा शिमला

बताया जा रहा है कि सीबीआई ने शिमला के पीटरहॉफ में पर्यटन विकास निगम के स्टेट गेस्ट हाउस के तीन कमरों का बकाया किराया और अन्य मदों पर हुआ खर्च नहीं चुकाया है. निगम के रिकॉर्ड के अनुसार पिछले 6 महीने में सीबीआई का केवल एक अधिकारी शिमला आया है. केस का शिमला के लोकल कोर्ट में ट्रायल चल रहा है, फिर भी कमरा नंबर 101, 102 व 103 सीबीआई के पास हैं. यह लंबे समय से सीबीआई के नाम पर बुक है.

इस संबंध में निगम के अधिकारियों ने राज्य सरकार एसपी शिमला और सीबीआई के अधिकारियों को भी पत्र लिखे, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. पीटरहॉफ में सीबीआई ने वर्ष 2017 में 25 जुलाई को कमरे बुक किए थे. उसी समय 3 कमरों की बुकिंग की गई थी. जब केस की जांच तेज हुई तो कुछ समय के लिए इन कमरों की संख्या बढ़ा दी गई थी.

सीबीआई ने 13 अप्रैल 2018 को मुख्य आरोपी अनिल उर्फ नीलू चिरानी को पकड़ा. 2018 में ही 29 मई को सीबीआई ने नीलू के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी थी. इसके साथ ही जांच पूरी हो गई थी, एजेंसी ने पीटरहॉफ में कमरों की बुकिंग कैंसिल नहीं की.

चूंकि मामला अदालत में है, लिहाजा न तो पर्यटन विकास निगम और न ही सीबीआई कुछ बोल रही है. अलबत्ता, नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने ये जरूर बताया कि सीबीआई के साथ पत्राचार चल रहा है. बकाया राशि मिल जाए तो कोरोना काल में हुए नुकसान की कुछ तो भरपाई हो.

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