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स्वास्थ्य विभाग के जांच केंद्रों तक डाक विभाग के माध्यम से पहुंचेंगे बलगम जांच सैंपल

राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत बलगम की जांच में तेजी लाने और क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने में डाक विभाग, स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करेगा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न स्थानों से बलगम की जांच के लिए एकत्र किए जाने वाले विभिन्न सैंपल को डाक विभाग अपने डाकघर व उपडाकघरों के माध्यम से सीवी नेट केंद्र व अन्य जांच केंद्रों तक पहुंचाएगा.

The sputum test sample will arrive through the postal department
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Published : Dec 20, 2020, 9:16 PM IST

Updated : Dec 20, 2020, 10:41 PM IST

शिमला: राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत बलगम की जांच में तेजी लाने और क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने में डाक विभाग, स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करेगा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. निपुण जिंदल ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग और डाक विभाग के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) साइन किया गया है.

सैंपलों की शीघ्रता से की जा सकेगी जांच

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न स्थानों से बलगम की जांच के लिए एकत्र किए जाने वाले विभिन्न सैंपल को डाक विभाग अपने डाकघर व उपडाकघरों के माध्यम से सीवी नेट केंद्र व अन्य जांच केंद्रों तक पहुंचाएगा, जिससे सैंपल की शीघ्रता से जांच की जा सकेगी और जांच में क्षय रोग का पता चलने पर ऐसे मरीजों का समय पर उपचार आरम्भ किया जा सकेगा.

एमओयू के हस्ताक्षरित किए जाने पर क्षय रोग की जांच कार्य में आएगी तेजी

निदेशक ने बताया कि डाक विभाग के साथ हस्तारित किए गए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. गोपाल बैरी ने हस्ताक्षर किए है. उन्होंने बताया कि इस एमओयू के हस्ताक्षरित किए जाने से क्षय रोग की जांच कार्य में तेजी आएगी और स्वास्थ्य विभाग और अधिक प्रभावी तरीके से इस बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए कार्य कर सकेगा.

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न स्थानों से एकत्र किए जाने वाले सैंपल को डब्ल्यूएचओ द्वारा इस संबंध में जारी के दिशा निर्देशानुसार एकत्र करने के बाद पैक किया जाएगा और उन्हें सील करने के उपरांत डाकघरों तक पहुंचाया जाएगा. उसके बाद फिर डाक विभाग सैंपलों को जांच केंद्रों तक पहुंचाएगा. इससे पहले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सैंपल एकत्रित करने के बाद उन्हें जांच केंद्र तक पहुंचाना पड़ता था, जिसमें अधिक समय लगता था. राज्य में 25 सीवी नेट मशीनें लगाई गई है जहां पर इन सैंपलों की जांच की जाती है.

जनवरी से जून माह तक जारी आंकड़ों में प्रदेश को देश भर में प्रथम

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक ने बताया कि हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. जिसके परिणाम स्वरूप हिमाचल प्रदेश को क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जनवरी से जून माह तक जारी आंकड़ों में प्रदेश को देश भर में प्रथम आंका गया है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रदेश में क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के संबंध में जिला स्तर पर जारी आंकड़ों में हमीरपुर जिला को प्रथम स्थान पर आंका गया है.

भारत सरकार की ओर से 9 विभिन्न मापदंडों पर किया जाता है आंकलन

मिशन निदेशक ने बताया कि भारत सरकार द्वारा यह आंकलन 9 विभिन्न मापदंडों पर किया जाता है. उन्होंने बताया कि राज्य ने कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के समय में भी इस कार्यक्रम के अन्तर्गत उच्च मानकों को बनाए रखा है. राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों जैसे सूक्ष्म निगरानी, कॉन्टेक्ट ट्र्सिंग आदि नई पहल के कारण यह सम्भव हो पाया है.

उन्होंने बताया कि राज्य में क्षय रोग की चेन को तोड़ने के लिए सरकार ने क्षय रोग डायग्नोज नेटवर्क बढ़ाया है. राज्य में पिछले 6 माह में आयुर्वेदिक अस्पतालों में 10 चिन्हित माइक्रोस्कोपिंग केंद्र (डीएमसी) और विभिन्न कारागारों में 4 डीएमसी शुरू किए हैं, जबकि राज्य में 218 डीएमसी पहले से ही कार्य कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना का असर! इस बार बदला-बदला रहेगा क्रिसमस

शिमला: राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत बलगम की जांच में तेजी लाने और क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने में डाक विभाग, स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करेगा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. निपुण जिंदल ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग और डाक विभाग के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) साइन किया गया है.

सैंपलों की शीघ्रता से की जा सकेगी जांच

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न स्थानों से बलगम की जांच के लिए एकत्र किए जाने वाले विभिन्न सैंपल को डाक विभाग अपने डाकघर व उपडाकघरों के माध्यम से सीवी नेट केंद्र व अन्य जांच केंद्रों तक पहुंचाएगा, जिससे सैंपल की शीघ्रता से जांच की जा सकेगी और जांच में क्षय रोग का पता चलने पर ऐसे मरीजों का समय पर उपचार आरम्भ किया जा सकेगा.

एमओयू के हस्ताक्षरित किए जाने पर क्षय रोग की जांच कार्य में आएगी तेजी

निदेशक ने बताया कि डाक विभाग के साथ हस्तारित किए गए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. गोपाल बैरी ने हस्ताक्षर किए है. उन्होंने बताया कि इस एमओयू के हस्ताक्षरित किए जाने से क्षय रोग की जांच कार्य में तेजी आएगी और स्वास्थ्य विभाग और अधिक प्रभावी तरीके से इस बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए कार्य कर सकेगा.

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न स्थानों से एकत्र किए जाने वाले सैंपल को डब्ल्यूएचओ द्वारा इस संबंध में जारी के दिशा निर्देशानुसार एकत्र करने के बाद पैक किया जाएगा और उन्हें सील करने के उपरांत डाकघरों तक पहुंचाया जाएगा. उसके बाद फिर डाक विभाग सैंपलों को जांच केंद्रों तक पहुंचाएगा. इससे पहले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सैंपल एकत्रित करने के बाद उन्हें जांच केंद्र तक पहुंचाना पड़ता था, जिसमें अधिक समय लगता था. राज्य में 25 सीवी नेट मशीनें लगाई गई है जहां पर इन सैंपलों की जांच की जाती है.

जनवरी से जून माह तक जारी आंकड़ों में प्रदेश को देश भर में प्रथम

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक ने बताया कि हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. जिसके परिणाम स्वरूप हिमाचल प्रदेश को क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जनवरी से जून माह तक जारी आंकड़ों में प्रदेश को देश भर में प्रथम आंका गया है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रदेश में क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के संबंध में जिला स्तर पर जारी आंकड़ों में हमीरपुर जिला को प्रथम स्थान पर आंका गया है.

भारत सरकार की ओर से 9 विभिन्न मापदंडों पर किया जाता है आंकलन

मिशन निदेशक ने बताया कि भारत सरकार द्वारा यह आंकलन 9 विभिन्न मापदंडों पर किया जाता है. उन्होंने बताया कि राज्य ने कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के समय में भी इस कार्यक्रम के अन्तर्गत उच्च मानकों को बनाए रखा है. राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों जैसे सूक्ष्म निगरानी, कॉन्टेक्ट ट्र्सिंग आदि नई पहल के कारण यह सम्भव हो पाया है.

उन्होंने बताया कि राज्य में क्षय रोग की चेन को तोड़ने के लिए सरकार ने क्षय रोग डायग्नोज नेटवर्क बढ़ाया है. राज्य में पिछले 6 माह में आयुर्वेदिक अस्पतालों में 10 चिन्हित माइक्रोस्कोपिंग केंद्र (डीएमसी) और विभिन्न कारागारों में 4 डीएमसी शुरू किए हैं, जबकि राज्य में 218 डीएमसी पहले से ही कार्य कर रहे हैं.

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Last Updated : Dec 20, 2020, 10:41 PM IST
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