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Tele-Manas Service: हिमाचल में अब मनो रोगियों को घर बैठे मिलेगी साइकेट्रिस्ट काउंसलिंग, प्रदेश में टेली-मानस सेवा शुरू

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 30, 2023, 9:00 AM IST

हिमाचल प्रदेश में अब मानसिक रोगियों को घर बैठे ही डॉक्टरों की काउंसिल मिलेगी. हिमाचल प्रदेश में इसके लिए टेली-मानस सेवा शुरू की गई है. जो मानसिक रोगियों को इलाज और काउंसलिंग फैसिलिटी उपलब्ध कराएगी. (Tele-Manas Service starts in Himachal Pradesh)

Tele Manas Service starts in Himachal Pradesh
हिमाचल प्रदेश में टेली मानस सेवा शुरू

शिमला: हिमाचल प्रदेश में अब मानसिक रोगियों को घर बैठे ही मनोचित्सकों का परामर्श मिलेगा. प्रदेश सरकार ने इसके लिए हिमाचल में टेली-मानस सेवा शुरू की है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल ने शिमला से प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल व गुणात्मक उपचार के लिए केंद्र प्रायोजित टेली-मानस शुरू की है.

24 घंटे काउंसलिंग फैसिलिटी: इसके तहत सार्वजनिक-निजी भागीदारी से (पीपी मोड) प्रदेशभर में कॉल सेंटर खोले जाएंगे. इन केंद्रों में रोगियों की समस्या को पहचाना जाएगा और फिर इलाज के साथ-साथ परामर्श की सुविधा 24/7 उपलब्ध रहेगी. शुरुआती तौर पर इसके लिए 8 मनोचिकित्सक तैनात किए जाएंगे. उसके बाद प्रदेश में रोगियों की संख्या और मांग के आधार पर केंद्रों व डॉक्टरों की संख्या को बढ़ाया जाएगा. इस तरह किसी भी प्रकार की मानसिक या भावनात्मक समस्या के निदान के लिए टोल फ्री नंबर 14416 या 1800-891-4416 पर कॉल कर टेली मानस केंद्र में संपर्क किया जा सकता है और मनोचिकित्सक से उपचार व परामर्श लिया जा सकता है.

इन संस्थाओं ने किया सहयोग: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल ने कहा कि रोगियों को सुलभ एवं गुणात्मक मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं, भौतिक एवं ऑनलाइन माध्यम से मुहैया करवाई जाएंगी. इसमें राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान बेंगलुरु और आईआईटी बेंगलुरु टेक्निकल हेल्प करेंगे. इसके लिए इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड एलाइड साइंसेज, दिल्ली को प्रदेश का क्षेत्रीय समन्वय केंद्र निर्धारित किया गया है. यह केंद्र क्षमता निर्माण में हिमाचल की मदद करेगा.

केंद्र ने भी दिया अनुदान: इस कार्यक्रम के लिए इंदिरा गांधी राजकीय मेडिकल कॉलेज शिमला संरक्षक संस्थान के रूप में कार्य करेगा और राज्य विशिष्ट प्रोटोकॉल व दिशा-निर्देश विकसित करने में सहायता करेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में मनोचिकित्सा सेवा शुरू करने के लिए केंद्र द्वारा एक करोड़ छह लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया गया है. टेली-मानस कार्यक्रम द्वारा प्रदेश के मनोरोगियों के उपचार के लिए उदारतापूर्ण वित्तीय सहयोग राशि प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र सरकार का आभार भी जताया है.

हिमाचल में 30 साइकेट्रिस्ट: इस कार्यक्रम के तहत राज्य टेली मानस प्रकोष्ठ में रोगियों की ऑनलाइन काउंसलिंग के लिए ट्रेंड काउंसलर मुहैया करवाए गए हैं. कॉल सेंटर से जिन रोगियों को व्यक्तिगत तौर पर डॉक्टर से मिलने का परामर्श दिया जाएगा. ऐसे रोगियों को मेडिकल कॉलेज और जिला स्तरीय अस्पतालों में मनोचिकित्सक द्वारा उपचार उपलब्ध होगा. मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश में 30 मनोरोग विशेषज्ञ हैं. जो जिला स्तरीय मेडिकल इंस्टीट्यूट में भी सेवाएं देगें. इन केंद्रों में मानसिक समस्याओं के रोगियों व उनके परिजनों की समस्याओं के हल के लिए हर समय काउंसलर रहेंगे. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्कूल और कॉलेज लेवल के छात्रों पर खास ध्यान दिया जाएगा. प्रतियोगी परीक्षाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन सहित स्कूल और कॉलेज में युवाओं में बढ़ते दबाव को कम करने में यह कार्यक्रम उपयोगी सिद्ध होगा.

ये भी पढे़ं: Brain Stroke : ब्रेन स्ट्रोक के दौरान कैसा हो रोगी का खानपान, बरतें ये सावधानी

शिमला: हिमाचल प्रदेश में अब मानसिक रोगियों को घर बैठे ही मनोचित्सकों का परामर्श मिलेगा. प्रदेश सरकार ने इसके लिए हिमाचल में टेली-मानस सेवा शुरू की है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल ने शिमला से प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल व गुणात्मक उपचार के लिए केंद्र प्रायोजित टेली-मानस शुरू की है.

24 घंटे काउंसलिंग फैसिलिटी: इसके तहत सार्वजनिक-निजी भागीदारी से (पीपी मोड) प्रदेशभर में कॉल सेंटर खोले जाएंगे. इन केंद्रों में रोगियों की समस्या को पहचाना जाएगा और फिर इलाज के साथ-साथ परामर्श की सुविधा 24/7 उपलब्ध रहेगी. शुरुआती तौर पर इसके लिए 8 मनोचिकित्सक तैनात किए जाएंगे. उसके बाद प्रदेश में रोगियों की संख्या और मांग के आधार पर केंद्रों व डॉक्टरों की संख्या को बढ़ाया जाएगा. इस तरह किसी भी प्रकार की मानसिक या भावनात्मक समस्या के निदान के लिए टोल फ्री नंबर 14416 या 1800-891-4416 पर कॉल कर टेली मानस केंद्र में संपर्क किया जा सकता है और मनोचिकित्सक से उपचार व परामर्श लिया जा सकता है.

इन संस्थाओं ने किया सहयोग: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल ने कहा कि रोगियों को सुलभ एवं गुणात्मक मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं, भौतिक एवं ऑनलाइन माध्यम से मुहैया करवाई जाएंगी. इसमें राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान बेंगलुरु और आईआईटी बेंगलुरु टेक्निकल हेल्प करेंगे. इसके लिए इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड एलाइड साइंसेज, दिल्ली को प्रदेश का क्षेत्रीय समन्वय केंद्र निर्धारित किया गया है. यह केंद्र क्षमता निर्माण में हिमाचल की मदद करेगा.

केंद्र ने भी दिया अनुदान: इस कार्यक्रम के लिए इंदिरा गांधी राजकीय मेडिकल कॉलेज शिमला संरक्षक संस्थान के रूप में कार्य करेगा और राज्य विशिष्ट प्रोटोकॉल व दिशा-निर्देश विकसित करने में सहायता करेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में मनोचिकित्सा सेवा शुरू करने के लिए केंद्र द्वारा एक करोड़ छह लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया गया है. टेली-मानस कार्यक्रम द्वारा प्रदेश के मनोरोगियों के उपचार के लिए उदारतापूर्ण वित्तीय सहयोग राशि प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र सरकार का आभार भी जताया है.

हिमाचल में 30 साइकेट्रिस्ट: इस कार्यक्रम के तहत राज्य टेली मानस प्रकोष्ठ में रोगियों की ऑनलाइन काउंसलिंग के लिए ट्रेंड काउंसलर मुहैया करवाए गए हैं. कॉल सेंटर से जिन रोगियों को व्यक्तिगत तौर पर डॉक्टर से मिलने का परामर्श दिया जाएगा. ऐसे रोगियों को मेडिकल कॉलेज और जिला स्तरीय अस्पतालों में मनोचिकित्सक द्वारा उपचार उपलब्ध होगा. मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश में 30 मनोरोग विशेषज्ञ हैं. जो जिला स्तरीय मेडिकल इंस्टीट्यूट में भी सेवाएं देगें. इन केंद्रों में मानसिक समस्याओं के रोगियों व उनके परिजनों की समस्याओं के हल के लिए हर समय काउंसलर रहेंगे. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्कूल और कॉलेज लेवल के छात्रों पर खास ध्यान दिया जाएगा. प्रतियोगी परीक्षाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन सहित स्कूल और कॉलेज में युवाओं में बढ़ते दबाव को कम करने में यह कार्यक्रम उपयोगी सिद्ध होगा.

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