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ई-विधान में देश का गुरु बना हिमाचल, जानकारी लेने शिमला पहुंचा मेघालय का प्रतिनिधिमंडल

हिमाचल प्रदेश ई-विधान प्रणाली को शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बना है. देश की सर्वप्रथम ई-विधान प्रणाली को जानने के लिए मेघालय विधानसभा उपाध्यक्ष टिमोथी डी शेरा सोमवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय पहुंचे.

team of meghalaya vidhan sabha visit shimla vidhan sabha
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Published : Jul 22, 2019, 3:08 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश ई-विधान प्रणाली को शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बना है. अब हिमाचल सभी राज्यों को ई-विधान का गुर सिखा रहा है. सोमवार को विधानसभा में स्थापित देश की सर्वप्रथम ई-विधान प्रणाली को जानने मेघालय विधानसभा उपाध्यक्ष टिमोथी डी शेरा हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय पहुंचे.

अधिकारियों समेत उपाध्यक्ष के इस दल ने विधानसभा सचिवालय में स्थापित ई-विधान प्रशिक्षण केंद्र में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कार्यरत ई-विधान विंग के अधिकारियों/कर्मचारियों से ई-विधान प्रणाली की विस्तृत जानकारी हासिल की. जिसके बाद इन सभी अधिकारियों ने सदन का भी अवलोकन किया व ई-विधान प्रणाली के संबंध में विस्तार से चर्चा की.

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हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने हिमाचल में शुरु की गई ई-विधान प्रणाली से होने वाले फायदों के बारे मेघालय से आए उपाध्यक्ष व तकनीकी अधिकारियों को विस्तार में जानकारी दी. बिंदल ने कहा कि ये एक पर्यावरण मित्र प्रणाली है, जिसके उपयोग से कागज के बोझ से निजात मिलेगी. साथ ही जहां हजारों वृक्ष कटने से बचेंगें, वहीं, कार्य में कुशलता आएगी.

मेघालय विधानसभा उपाध्यक्ष टिमोथी डी शेरा ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के रख-रखाव व ई-विधान प्रणाली की जमकर सराहना की. उन्होंने बताया कि मेघालय विधानसभा में 60 सदस्य हैं और सालाना विधानसभा में 30 बैठकें आयोजित की जाती हैं. उन्होंने कहा कि अब हिमाचल विधानसभा जैसी व्यवस्था मेघालय विधानसभा में शुरू करने पर विचार किया जाएगा.

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शिमला: हिमाचल प्रदेश ई-विधान प्रणाली को शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बना है. अब हिमाचल सभी राज्यों को ई-विधान का गुर सिखा रहा है. सोमवार को विधानसभा में स्थापित देश की सर्वप्रथम ई-विधान प्रणाली को जानने मेघालय विधानसभा उपाध्यक्ष टिमोथी डी शेरा हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय पहुंचे.

अधिकारियों समेत उपाध्यक्ष के इस दल ने विधानसभा सचिवालय में स्थापित ई-विधान प्रशिक्षण केंद्र में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कार्यरत ई-विधान विंग के अधिकारियों/कर्मचारियों से ई-विधान प्रणाली की विस्तृत जानकारी हासिल की. जिसके बाद इन सभी अधिकारियों ने सदन का भी अवलोकन किया व ई-विधान प्रणाली के संबंध में विस्तार से चर्चा की.

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हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने हिमाचल में शुरु की गई ई-विधान प्रणाली से होने वाले फायदों के बारे मेघालय से आए उपाध्यक्ष व तकनीकी अधिकारियों को विस्तार में जानकारी दी. बिंदल ने कहा कि ये एक पर्यावरण मित्र प्रणाली है, जिसके उपयोग से कागज के बोझ से निजात मिलेगी. साथ ही जहां हजारों वृक्ष कटने से बचेंगें, वहीं, कार्य में कुशलता आएगी.

मेघालय विधानसभा उपाध्यक्ष टिमोथी डी शेरा ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के रख-रखाव व ई-विधान प्रणाली की जमकर सराहना की. उन्होंने बताया कि मेघालय विधानसभा में 60 सदस्य हैं और सालाना विधानसभा में 30 बैठकें आयोजित की जाती हैं. उन्होंने कहा कि अब हिमाचल विधानसभा जैसी व्यवस्था मेघालय विधानसभा में शुरू करने पर विचार किया जाएगा.

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Intro: ई-विधान प्रणाली को शुरू करने वाला देश का पहला राज्य हिमाचल बना है। जो अब सभी राज्यो को ई विधान का गुर सिखाए रहा है। सोमावर को विधान सभा में स्थापित देश की सर्वप्रथम ई-विधान प्रणाली को जानने मेघालय विधानसभा उपाध्यक्ष टिमोठी डी शेरा हिमाचल प्रदेश विधान सभा सचिवालय  पहुंचे।

अधिकारियों सहित उपाध्यक्ष के इस दल ने विधान सभा सचिवालय में स्थापित ई-विधान  प्रशिक्षण केन्द्र में हिमाचल प्रदेश विधान सभा में कार्यरत ई-विधान विंग के अधिकारियों/ कर्मचारियों से ई-विधान प्रणाली की विस्तृत जानकारी हासिल की । जिसके बाद इन सभी अधिकारियों ने सदन का भी अवलोकन किया व ई-विधान प्रणाली के सम्वन्ध में विस्तृत चर्चा की ।

Body:हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने हिमाचल में शुरु की गई ई-विधान प्रणाली से होने वाले फायदों के बारे मेघालय से आए उपाध्यक्ष व तकनीकी अधिकारियों को विस्तार में जानकारी दी। बिन्दल ने कहा कि यह एक पर्यावरण मित्र प्रणाली है जिसके उपयोग से कागज़ के बोझ से निजात मिलेगी जहां हज़ारों वृक्ष कटने से बचेंगें वहीं कार्य में दक्षता व कुशलता आयेगी।

Conclusion:मेघालय विधानसभा उपाध्यक्ष टिमोठी डी शेरा ने हिमाचल प्रदेश विधान सभा के रख-रखाव तथा ई-विधान प्रणाली की जमकर सराहना की ओर बताया कि मेघालय विधानसभा में 60 सदस्य है व 30 बैठकें सालाना आयोजित की जाती है। ओर अब इस तरह की व्यवस्था शुरू करने पर विचार किया जाएगा।
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