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हिमाचल में टीचर्स ट्रेनिंग में होगा सुधार, केंद्र ने बढ़ाया मानदेय

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Published : Jun 8, 2019, 10:50 PM IST

विभाग की ओर से मास्टर ट्रेनर्स की सूची तैयार की जा रही है जिन्हें एनसीईआरटी से ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी. यह ट्रेंनिंग लेने के बाद मास्टर ट्रेनर ही हर एक जिला में शिक्षकों को पढ़ाने के नए तौर तरीकों के बारे में बताएंगे.

शिक्षा के परियोजना निदेशक आशीष कोहली

शिमला: प्रदेश में शिक्षकों को दी जाने वाली ट्रेनिंग में अब सुधार होगा. एक ही पैटर्न पर शिक्षकों को देश भर में ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें पहले मास्टर ट्रेनरों को एनसीईआरटी ट्रेनिंग देगा. जिसके बाद यह ट्रेनर ही प्रदेश के अन्य शिक्षकों को ट्रेनिंग देंगे. केंद्र से मिले निर्देशों के बाद अब प्रदेश शिक्षा विभाग ने इस पर काम करना भी शुरू कर दिया है.

विभाग की ओर से मास्टर ट्रेनर्स की सूची तैयार की जा रही है जिन्हें एनसीईआरटी से ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी. यह ट्रेंनिंग लेने के बाद मास्टर ट्रेनर ही हर एक जिला में शिक्षकों को पढ़ाने के नए तौर तरीकों के बारे में बताएंगे. अभी तक जहां प्रदेश शिक्षा विभाग शिक्षकों को ट्रेनिंग देने वाले मास्टर ट्रेनरों को डाइट केन्द्रों के माध्यम से ट्रेनिंग दे रहा था केंद्र के निर्देशों पर अब इसमें बदलाव किया जा रहा है.

बता दें कि दिल्ली में हुई पेब कि बैठक में केंद्र ने सभी राज्यों को शिक्षक ट्रेनिंग में एकसमांतरता लाने के निर्देश जारी किए थे. निर्देश दिए गए थे कि शिक्षक ट्रेनिंग को कई भागों में ना करवा कर एक दो लेवल पर ही एसे पूरा किया जाए.

शिक्षा के परियोजना निदेशक आशीष कोहली
केंद्र की ओर से शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए फंडिंग भी बढ़ाई है. पहले एक दिन की ट्रेनिंग के लिए 350 रुपए शिक्षक को दिए जाते थे अब उसे बढ़ा कर 500 रुपए कर दिया गया है. ऐसे में यह निर्देश दिए गए ही कि मास्टर ट्रेनर शिक्षकों को दिल्ली में एनसीईआरटी से ट्रेनिंग दिलवा कर उन्ही के माध्यम से अन्य शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी.

इस प्रशिक्षण में शिक्षकों को ऑनलाइन कैसे छात्रों को कक्षाओं में पढ़ाना है, कैसे छात्रों की पढ़ाई को रोचक बनाना है इस सबके बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी. केंद्र ने शिक्षकों की ट्रेनिंग को एनसीईआरटी से करवाने को लेकर यह तर्क दिया है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता तभी आएगी जब शिक्षक बेहतर रूप से प्रशिक्षित होंगे. वहीं समग्र शिक्षा के परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि केंद्र ने प्रदेश में टीचर ट्रेनिंग को सुदृढ़ करने को लेकर निर्देश जारी किए है. इसके तहत जो ट्रेनिंग पहले डाईट केन्द्रों के माध्यम से शिक्षकों को दी जा रही थी अब उसे एनसीईआरटी के माध्यम से दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- दहेज की बलि चढ़ी विवाहिता, ससुराल पक्ष पर जहरीला इंजेक्शन देकर मारने का है आरोप

शिमला: प्रदेश में शिक्षकों को दी जाने वाली ट्रेनिंग में अब सुधार होगा. एक ही पैटर्न पर शिक्षकों को देश भर में ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें पहले मास्टर ट्रेनरों को एनसीईआरटी ट्रेनिंग देगा. जिसके बाद यह ट्रेनर ही प्रदेश के अन्य शिक्षकों को ट्रेनिंग देंगे. केंद्र से मिले निर्देशों के बाद अब प्रदेश शिक्षा विभाग ने इस पर काम करना भी शुरू कर दिया है.

विभाग की ओर से मास्टर ट्रेनर्स की सूची तैयार की जा रही है जिन्हें एनसीईआरटी से ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी. यह ट्रेंनिंग लेने के बाद मास्टर ट्रेनर ही हर एक जिला में शिक्षकों को पढ़ाने के नए तौर तरीकों के बारे में बताएंगे. अभी तक जहां प्रदेश शिक्षा विभाग शिक्षकों को ट्रेनिंग देने वाले मास्टर ट्रेनरों को डाइट केन्द्रों के माध्यम से ट्रेनिंग दे रहा था केंद्र के निर्देशों पर अब इसमें बदलाव किया जा रहा है.

बता दें कि दिल्ली में हुई पेब कि बैठक में केंद्र ने सभी राज्यों को शिक्षक ट्रेनिंग में एकसमांतरता लाने के निर्देश जारी किए थे. निर्देश दिए गए थे कि शिक्षक ट्रेनिंग को कई भागों में ना करवा कर एक दो लेवल पर ही एसे पूरा किया जाए.

शिक्षा के परियोजना निदेशक आशीष कोहली
केंद्र की ओर से शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए फंडिंग भी बढ़ाई है. पहले एक दिन की ट्रेनिंग के लिए 350 रुपए शिक्षक को दिए जाते थे अब उसे बढ़ा कर 500 रुपए कर दिया गया है. ऐसे में यह निर्देश दिए गए ही कि मास्टर ट्रेनर शिक्षकों को दिल्ली में एनसीईआरटी से ट्रेनिंग दिलवा कर उन्ही के माध्यम से अन्य शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी.

इस प्रशिक्षण में शिक्षकों को ऑनलाइन कैसे छात्रों को कक्षाओं में पढ़ाना है, कैसे छात्रों की पढ़ाई को रोचक बनाना है इस सबके बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी. केंद्र ने शिक्षकों की ट्रेनिंग को एनसीईआरटी से करवाने को लेकर यह तर्क दिया है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता तभी आएगी जब शिक्षक बेहतर रूप से प्रशिक्षित होंगे. वहीं समग्र शिक्षा के परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि केंद्र ने प्रदेश में टीचर ट्रेनिंग को सुदृढ़ करने को लेकर निर्देश जारी किए है. इसके तहत जो ट्रेनिंग पहले डाईट केन्द्रों के माध्यम से शिक्षकों को दी जा रही थी अब उसे एनसीईआरटी के माध्यम से दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- दहेज की बलि चढ़ी विवाहिता, ससुराल पक्ष पर जहरीला इंजेक्शन देकर मारने का है आरोप

Intro:प्रदेश में शिक्षकों को दी जाने वाली ट्रेनिंग में अब सुधार होगा। एक ही पैटर्न पर शिक्षकों को देश भर में ट्रेनिंग दी जाएगी,जिसमें पहले मास्टर ट्रेनरों को एनसीईआरटी ट्रेनिंग देगा जिसके बाद यह ट्रेनर ही प्रदेश के अन्य शिक्षकों को ट्रेनिंग देंगे। केंद्र से मिले निर्देशों के बाद अब प्रदेश शिक्षा विभाग ने इस पर काम करना भी शुरू कर दिया है। विभाग की ओर से मास्टर ट्रेनर्स की सूची तैयार की जा रही है जिन्हें एनसीईआरटी से ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी। यह ट्रेंनिंग लेने के बाद मास्टर ट्रेनर ही हर एक जिला में शिक्षकों को पढ़ाने के नए तौर तरीकों के बारे में बताएंगे। अभी तक जहां प्रदेश शिक्षा विभाग शिक्षकों को ट्रेनिंग देने वाले मास्टर ट्रेनरों को डाइट केन्द्रों के माध्यम से ट्रेनिंग दे रहा था केंद्र के निर्देशों पर अब इसमें बदलाव किया जा रहा है।


Body:बता दे कि दिल्ली में हुई पेब कि बैठक में केंद्र ने सभी राज्यों को शिक्षक ट्रेनिंग में एकसमांतरता लाने के निर्देश जारी किए थे। निर्देश दिए गए थे कि शिक्षक ट्रेनिंग को कई भागों में ना करवा कर एक दो लेवल पर ही एसे पूरा किया जाए। केंद्र की ओर से
शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए फंडिंग भी बढ़ाई है । पहले एक दिन की ट्रेनिंग के लिए 350 रुपए शिक्षक को दिए जाते थे अब उसे बढ़ा कर 500 रुपए कर दिया गया है। ऐसे में यह निर्देश दिए गए ही कि मास्टर ट्रेनर शिक्षकों को दिल्ली में एनसीईआरटी से ट्रेनिंग दिलवा कर उन्ही के माध्यम से अन्य शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी।


Conclusion:इस प्रशिक्षण में शिक्षकों को ऑनलाइन कैसे छात्रों को कक्षाओं में पढ़ाना है, कैसे छात्रों की पढ़ाई को रोचक बनाना है इस सबके बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी। केंद्र ने शिक्षकों की ट्रेनिंग को एनसीईआरटी से करवाने को लेकर यह तर्क दिया है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता तभी आएगी जब शिक्षक बेहतर रूप से प्रशिक्षित होंगे। वहीं समग्र शिक्षा के परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि केंद्र ने प्रदेश में टीचर ट्रेनिंग को सुदृढ़ करने को लेकर निर्देश जारी किए है । इसके तहत जो ट्रेनिंग पहले डाईट केन्द्रों के माध्यम से शिक्षकों को दी जा रही थी अब उसे एनसीईआरटी के माध्यम से दिया जाएगा।
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