शिमला: प्रदेश के विभिन्न विभागों में ठेकेदारों के माध्यम से लगाई गई टैक्सियों के खिलाफ टैक्सी यूनियन चालकों ने सरकार का दरवाजा खटखटाते हुए ठेकेदारों के बजाय उनकी टैक्सियों को सीधा सरकारी विभागों में लगाए जाने की मांग की है.
यूनियन के उपाध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर ने आरोप लगाया कि चंद टैक्सी ठेकेदारों को ही सरकार की इस योजना का लाभ मिल रहा है. टैक्सी ठेकेदार सैकड़ों गाड़ियों से कमीशन काटकर सरकार की योजनाओं पर चांदी कूट रहे हैं. यूनियन की मांग है कि टैक्सी चालकों की विभागों में टेंडर के माध्यम से सीधी टैक्सी लगाई जाए, जिससे टैक्सी चालकों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके.
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज को ज्ञापन सौंपकर ज्वाइंट एक्शन कमेटी टैक्सी यूनियन ने सरकार से इस मांग पर जल्द कार्रवाई करने का आग्रह किया है. टैक्सी चालकों ने सरकार को लॉकडाउन के दौरान हुए नुकसान से भी अवगत करवाया और कहा कि उनके लिए परिवार का पालन-पोषण कर पाना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे में अगर सरकारी विभागों में उनकी टैक्सियां टेंडर के माध्यम से लगाई जाती हैं तो उनके परिवार का पालन-पोषण आसानी से हो सकता है.
बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश समेत हिमाचल में लॉकडाउन लगाया गया था. ऐसे में लोगों के घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई थी. आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ती के लिए केवल राशन, दूध व कुछ दुकानों को कर्फ्यू में ढील के दौरान खोलने की इजाजत दी गई थी.
सरकारी व निजी वाहनों की आवाजाही पर भी पूरी तरह से रोक लगाई गई थी. केवल सरकारी ड्यूटी में लगे वाहनों को ही मूवमेंट की इजाजत दी गई थी. इससे अन्य टैक्सी चालकों को रोजगार नहीं मिल रहा था, जिसका असर अनलॉक-1 में भी है.