शिमला: कोरोना की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के चलते अभी तक टैक्सी सेवा बहाल नहीं की गई है. टैक्सी ऑपरेटर्स एसोसिएशन की मांग है कि दिल्ली-यूपी की तर्ज पर पांच-पांच हजार रुपया टैक्सी वालों को दिया जाए. उनका कहना है कि बार-बार सरकार और परिवहन अधिकारियों से मांग की जा चुकी है, लेकिन कुछ नहीं हुआ. गर्मियों का सीजन पूरी तरह से चौपट हो गया है. परिवार को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
टैक्सी ऑपरेटर्स का कहना है कि प्रदेश के हर एक जिले में लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच टैक्सी सेवा को बहाल किया गया है, लेकिन शिमला में टैक्सी नहीं चल रही है. प्रदेश के मुख्यमंत्री टैक्सियों को चलाने की अनुमति की बात कर रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से इसकी अनुमति नहीं दी जा रही है. शिमला में अलग-अलग टैक्सी यूनियन ने मिलकर इस बात का विरोध जताया और भेदभाव का आरोप लगाया. ढील के समय सुबह 9:30 से लेकर शाम 4:30 तक सभी गाड़ियों को बिना पास चलाने की अनुमति दी गई, लेकिन टैक्सी नहीं चलाई जा रही.
जॉइंट टैक्सी वेलफेयर यूनियन उपाध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि प्रशासन शिमला में टैक्सियों को चलाने की अनुमति नहीं दे रहा है. इसे लेकर स्थिति को स्पष्ट नहीं किया जा रहा. टैक्सियां ना चलने से अब दिक्कतें ऑपरेटर्स के साथ ही टैक्सी चालकों को आने लगी है. घर में खाने के लिए राशन लाने तक के लिए पैसे नहीं है. ऐसे में अब अगर काम शुरू नहीं होगा तो परेशानियां ज्यादा होंगी. अभी तक सरकार ने टैक्सी ऑपरेटर्स के साथ उनकी समस्याओं को लेकर कोई बात नहीं की. अब टैक्सी ऑपरेटर्स मांग कर रहे हैं कि टैक्सी सेवा को बहाल किया जाए .
ये भी पढ़ें: लॉकडाउन में भी नशाखोरों के हौसले बुलंद, लॉकडाउन में सोलन पुलिस ने धरे 80 लोग