शिमला: इस बार 26 जनवरी की परेड में राजपथ पर हिमाचल की झांकी नहीं दिखाई देगी. एक बार फिर से इस ऐतिहासिक पल में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने में हिमाचल चूक गया है.
हालांकि केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल को भी अवसर दिया गया था कि अटल टनल रोहतांग की खूबसूरती के साथ जनजातीय जिला लाहौल स्पीति कि झलक दर्शाती हुई झांकी का मॉडल तैयार कर मंजूरी के लिए भेजे, लेकिन अटल टनल पर आधारित यह मॉडल भी राजपथ पर शामिल होने वाली झांकियों में अपनी जगह नहीं बना पाया, जिसकी वजह से बीते साल की तरह इस साल भी हिमाचल की झांकी राजपथ पर नजर नहीं आएगी.
भले ही अटल टनल की झांकी राजपथ पर नहीं दिखाई देगी लेकिन विभाग इस झांकी को 26 जनवरी को रिज़ मैदान पर आयोजित होनी वाले कार्यक्रम में शामिल होने वाली झांकियों में नहीं शामिल कर रहा है. विभाग ने यह प्रयास ही नहीं किया है कि रिज मैदान पर गणतंत्र दिवस पर होने वाले कार्यक्रम में इस झांकी को बनाकर दिखाया जाए.
थ्री डी मॉडल बना कर भेजा था जो चौथे राउंड में बाहर हो गया था
भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के निदेशक सुनील शर्मा ने कहा कि इस बार विभाग की ओर अटल टनल और रोहतांग और जनजातीय जिला लाहौल स्पीति की समृद्ध संस्कृति की झलक दिखाने वाली झांकी का थ्री डी मॉडल बना कर भेजा था जो चौथे राउंड में बाहर हो गया था.
उन्होंने यह भी कहा कि विभाग की तरफ से इस बार रिज मैदान पर होने वाली गणतंत्र दिवस के आयोजन में भी इस मॉडल की झांकी नहीं दिखायेगा. अगर कोई अन्य विभाग इस अटल टनल की झांकी बना रहा है तो इसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है.
झांकी के लिए मॉडल के दो अन्य थीम्स पर भी तैयार किए थे
बता दें कि इस बार भाषा कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से गणतंत्र दिवस की परेड के लिए राजपथ पर दिखाई जाने वाली झांकी के लिए मॉडल के दो अन्य थीम्स पर भी तैयार किए थे, जिसमें से एक थीम हिमाचल के स्थानीय मेलों पर आधारित थी तो वहीं, दूसरी देवी देवताओं और हिमाचल की संस्कृति को दर्शाती हुई थी.
इन दोनों के मॉडल भी तैयार किए गए थे लेकिन इन पर भी सहमति नहीं बन पाई जिसके बाद अटल टनल और लाहौल स्पीति कई संस्कृति को दर्शाने वाली झांकी का 3D मॉडल बना के केंद्रीय रक्षा मंत्रालय मंजूरी के लिए भेजा लेकिन यह झांकी भी अंतिम राउंड में बाहर हो गई. इससे पहले 2019 में हिमाचल के कुल्लू दशहरा पर आधारित झांकी ने राजपथ पर हिमाचल का गौरव बढ़ाया था.
राजपथ पर यह हिमाचल की इन झांकियों ने बढ़ाया है मान
हिमाचल की बात की जाए तो हिमाचल में वर्ष 2007 में लाहौल स्पीति पर आधारित झांकी के साथ ही, वर्ष 2012 में किन्नौर, वर्ष 2017 में चंबा रुमाल और वर्ष 2018 में लहौल स्पीति की गोम्पा मॉनेस्ट्री की झांकी के साथ ही वर्ष 2019 में कुल्लू दशहरा की झांकी राजपथ पर दिखाई गई है और इन झांकियों ने हिमाचल का गौरव बढ़ाया है.
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