शिमला: कोरोना वायरस को लेकर देशभर में लॉक डाउन है. वहीं, हिमाचल में कर्फ्यू लगाया गया है. ऐसे में लोग घरों में कैद हैं. पुलिस और डॉक्टर दिन रात ड्यूटी पर तैनात हैं. वहीं, शिमला नगर निगम के सफाई कर्मी शहर को साफ सुथरा रख कर कोरोना के खतरे को कम करने में जुटे हैं.
सफाई कर्मी कोरोना संकट की परवाह किए बिना सुबह घरों से कूड़ा उठाते हैं. साथ ही सुबह शाम शहर में सफाई कर रहे हैं. ऐसे में जहां नगर निगम के अन्य कर्मी घरों में आराम कर रहे हैं. वहीं, शहर में सफाई कर्मी सुबह से शाम तक अपनी सेवाएं दे रहे है.
शिमला शहर में सफाई कर्मी डोर टू डोर कूड़ा उठाने पहुंच रहे हैं. वहीं, ढाई सौ सफाई कर्मी सफाई का काम करने के साथ साथ शहर को सेनिटाइज करने में जुटे है. कोरोना के इस संकट की घड़ी में भी सफाई कर्मी अपने जान की परवाह किए शहर में नियमित रूप से सफाई व्यवस्था को कायम किए हुए है.
सफाई कर्मी पीठ पर सेनिटाइजेशन की मशीन उठाकर शहर भर में छिड़काव कर रहे है. नगर निगम प्रशासन भी इन कर्मियों की हौंसला अफजाई में कोई कमी नहीं छोड़ रहा है. निगम की ओर से इन कर्मियों को एक माह का राशन देने के साथ ही प्रोत्साहन राशि देकर इन कर्मियों का मनोबल बढ़ा रहा है.
साथ ही नगर निगम की ओर से कर्मियों को कोरोना से बचाव के लिए मास्क और ग्लब्ज के साथ अलग से वर्दी दी है.
नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि सफाई कर्मी अपना काम बखूबी निभा रहे हैं. शहर पहले की तरह अब भी पूरी तरह से साफ नजर आ रहा है. कहीं भी गंदगी नजर नहीं आती है. सुबह से शाम तक सफाई कर्मी अपना काम कर रहे हैं.
सत्या कौंडल ने सफाई कर्मियों का आभार जताते हुए कहा कि इस संकट की घड़ी में सफाई कर्मी अपना काम अच्छे से कर रहे हैं. बता दें कि कोरोना महामारी के फैलने के डर से लोग घरों में ही बैठे हैं.
वहीं, स्वास्थ्य विभाग के साथ पुलिस कर्मी दिन रात कोरोना से जंग लड़ रहे हैं, लेकिन शहर को साफ रखने के लिए सफाई कर्मी भी अपनी जान जोखिम में डाल कर रहे हैं. शहर को किसी भी संक्रमण से बचाने में सफाई कमियों का सबसे बड़ा योगदान है.
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