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ऑनलाइन शिक्षा को लेकर किया जाएगा सर्वे, बच्चों से घर-द्वार लिया जाएगा फीडबैक

बुधवार से घर-घर जाकर बच्चों से ऑनलाइन स्टडी के बारे में पूछा जाएगा. समग्र शिक्षा के तहत डाइट केंद्रों के शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई हैं. यह गांव-गांव जाकर स्मार्टफोन से पढ़ाई को लेकर बच्चों से सवाल करेंगे. इसके तहत जाना जाएगा कोविड-19 के दौरान कराई जा रही ऑनलाइन पढ़ाई का क्या असर रहा. एक सप्ताह के सर्वे के बाद रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी.

Survey will be done on online education
Survey will be done on online education
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Published : Jul 28, 2020, 10:18 PM IST

Updated : Jul 28, 2020, 10:35 PM IST

शिमला: कोविड-19 की वजह से प्रदेश में अभी स्कूल बंद है तो ऐसे में छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है. ऑनलाइन स्टडी बच्चों को कितनी समझ आ रही है और इसका कितना असर कोविड के संकट के बीच में हो रहा है इसे लेकर अब एक सर्वे शिक्षा विभाग की ओर से किया जाएगा.

प्रदेश में गांव-गांव में जाकर बच्चों के घर-द्वार पहुंचकर यह सर्वे समग्र शिक्षा की ओर से किया जा रहा है. कल से ही समग्र शिक्षा की ओर से इस सर्वे पर काम करना सशुरू कर दिया जाएगा. समग्र शिक्षा से जुड़े कर्मचारी गांव-गांव जाकर बच्चों के घर द्वार पर पहुंचकर उनसे जानकारी जुटाएंगे, जिसके आधार पर सर्वे की रिपोर्ट तैयार की जाएगी.

इस सर्वे में हर डाइट केंद्र से शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है जो शिक्षक गांव में जाकर बच्चों से ऑनलाइन शिक्षा से जुड़े सवाल पूछेंगे. हर डाइट केंद्र से शिक्षक अपने डाइट केंद्र के नजदीक के गांव में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जाएंगे और वहां ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों से ऑनलाइन स्टडी का कितना असर हो रहा है इससे जुड़े सवाल करेंगे.

ऑनलाइन स्टडी को लेकर गांव-गांव जाकर इस सर्वे को करवाने का फैसला मंगलवार को प्रधान शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में आयोजित की गई एक बैठक में लिया गया. फैसले के तहत अब समग्र शिक्षा की ओर से एक हफ्ते के अंदर-अंदर इस सर्वे को पूरा किया जाएगा, जिसके बाद इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी.

इस सर्वे का उद्देश्य लॉकडाउन और कोविड 19 के समय में सरकार की ओर से जो ऑनलाइन पढ़ाई बच्चों की शुरू की गई है उस के माध्यम से कितने छात्रों तक ऑनलाइन पढ़ाई की पहुंच बनाई गई है. छात्र कितना ऑनलाइन पढ़ाई से सिलेबस को पढ़ और समझ पा रहे हैं, कितने छात्र ऑनलाइन पढ़ाई को स्मार्टफोन के माध्यम से कर पा रहे हैं या किस तरह की दिक्कतें इंटरनेट और स्मार्टफोन ना होने की वजह से ऑनलाइन पढ़ाई में आ रही हैं इस पर जानकारी जुटाना है.

इसी तरह के सवाल इस ऑनलाइन सर्वे में शामिल किए गए हैं, जिससे कि ऑनलाइन स्टडी का पूरा सर्वे कर यह जाना जा सके कि यहां ऑनलाइन स्टडी का यह नया प्रयास कितना सफल रहा है और इसमें किस तरह की दिक्कतें अभी भी आ रही है.

रिपोर्ट आने के बाद ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर किस तरह के बदलाव किए जाने हैं और किस तरह की तैयारियां अभी भी इसमें करने की आवश्यकता है इसे लेकर विचार सरकार की ओर से किया जाएगा. किस तरह का कंटेंट छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर मुहैया करवाया जाए यह सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर तय किया जाएगा.

एक हफ्ते के अंदर इस सर्वे को पूरा किया जाना है और उसके बाद इसकी रिपोर्ट सरकार को देने से पहले प्रधान शिक्षा सचिव शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों के साथ बैठक कर इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे.

ये भी पढ़ें : राज्यपाल दत्तात्रेय ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखा पत्र, सीमावर्ती क्षेत्रों के उठाए मुद्दे

शिमला: कोविड-19 की वजह से प्रदेश में अभी स्कूल बंद है तो ऐसे में छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है. ऑनलाइन स्टडी बच्चों को कितनी समझ आ रही है और इसका कितना असर कोविड के संकट के बीच में हो रहा है इसे लेकर अब एक सर्वे शिक्षा विभाग की ओर से किया जाएगा.

प्रदेश में गांव-गांव में जाकर बच्चों के घर-द्वार पहुंचकर यह सर्वे समग्र शिक्षा की ओर से किया जा रहा है. कल से ही समग्र शिक्षा की ओर से इस सर्वे पर काम करना सशुरू कर दिया जाएगा. समग्र शिक्षा से जुड़े कर्मचारी गांव-गांव जाकर बच्चों के घर द्वार पर पहुंचकर उनसे जानकारी जुटाएंगे, जिसके आधार पर सर्वे की रिपोर्ट तैयार की जाएगी.

इस सर्वे में हर डाइट केंद्र से शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है जो शिक्षक गांव में जाकर बच्चों से ऑनलाइन शिक्षा से जुड़े सवाल पूछेंगे. हर डाइट केंद्र से शिक्षक अपने डाइट केंद्र के नजदीक के गांव में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जाएंगे और वहां ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों से ऑनलाइन स्टडी का कितना असर हो रहा है इससे जुड़े सवाल करेंगे.

ऑनलाइन स्टडी को लेकर गांव-गांव जाकर इस सर्वे को करवाने का फैसला मंगलवार को प्रधान शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में आयोजित की गई एक बैठक में लिया गया. फैसले के तहत अब समग्र शिक्षा की ओर से एक हफ्ते के अंदर-अंदर इस सर्वे को पूरा किया जाएगा, जिसके बाद इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी.

इस सर्वे का उद्देश्य लॉकडाउन और कोविड 19 के समय में सरकार की ओर से जो ऑनलाइन पढ़ाई बच्चों की शुरू की गई है उस के माध्यम से कितने छात्रों तक ऑनलाइन पढ़ाई की पहुंच बनाई गई है. छात्र कितना ऑनलाइन पढ़ाई से सिलेबस को पढ़ और समझ पा रहे हैं, कितने छात्र ऑनलाइन पढ़ाई को स्मार्टफोन के माध्यम से कर पा रहे हैं या किस तरह की दिक्कतें इंटरनेट और स्मार्टफोन ना होने की वजह से ऑनलाइन पढ़ाई में आ रही हैं इस पर जानकारी जुटाना है.

इसी तरह के सवाल इस ऑनलाइन सर्वे में शामिल किए गए हैं, जिससे कि ऑनलाइन स्टडी का पूरा सर्वे कर यह जाना जा सके कि यहां ऑनलाइन स्टडी का यह नया प्रयास कितना सफल रहा है और इसमें किस तरह की दिक्कतें अभी भी आ रही है.

रिपोर्ट आने के बाद ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर किस तरह के बदलाव किए जाने हैं और किस तरह की तैयारियां अभी भी इसमें करने की आवश्यकता है इसे लेकर विचार सरकार की ओर से किया जाएगा. किस तरह का कंटेंट छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर मुहैया करवाया जाए यह सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर तय किया जाएगा.

एक हफ्ते के अंदर इस सर्वे को पूरा किया जाना है और उसके बाद इसकी रिपोर्ट सरकार को देने से पहले प्रधान शिक्षा सचिव शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों के साथ बैठक कर इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे.

ये भी पढ़ें : राज्यपाल दत्तात्रेय ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखा पत्र, सीमावर्ती क्षेत्रों के उठाए मुद्दे

Last Updated : Jul 28, 2020, 10:35 PM IST
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