किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर की निचार तहसील के काचे गांव में हुए सुनील हत्याकांड मामला हर तरफ सुर्खियों में बना हुआ है. पुलिस पर मामले मे लीपापोती करने के आरोप लगे चुके हैं. इसके साथ ही बीजेपी-कांग्रेस भी इस मामले में आमने-सामने आ चुके हैं.
अब एक बार फिर मृतक सुनील के परिजनों ने रिकांगपिओ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान मृतक के भाई अनिल और सुरेश ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पुलिस थाना भावानगर के एसएचओ,एसपी किन्नौर का ट्रांसफर किया जाना चाहिए. इस मामले में पुलिस ने शुरू से ही ढीला रवैया अपनाया है.
'सिर्फ नेपाली मूल के व्यक्ति को किया गिरफ्तार'
परिवार का कहना है कि 6 नवंबर की रात 9:30 बजे सुनील की हत्या का मामला सामने आया था. टीकम और शशि नाम के युवक के साथ नेपाली मूल का व्यक्ति मौके पर मौजूद थे, लेकिन पुलिस ने टीकम व शशि को गिरफ्तार ना कर सिर्फ नेपाली मूल के व्यक्ति को गिरफ्तार किया.
'मामले को घुमाने की हुई कोशिश'
परिजनों का आरोप है कि सुनील की मौत की खबर पुलिस और मौके पर मौजूद युवकों ने परिवार को नहीं दी. साढ़े नौ बजे मौत होने के बाद पुलिस ने 4 घंटे के बाद एफआईआर लिखी. इस मामले में अन्य दो युवकों को गिरफ्तारी के बजाय पुलिस ने नेपाली मूल के व्यक्ति को गिरफ्तार कर मामले को घुमाने की कोशिश की थी.
'संदिग्धों की निकाली जाए कॉल डिटेल'
परिजनों ने शक जताते हुए कहा कि गांव का एक और व्यक्ति भी सुनील की हत्या में संलिप्त हो सकता है. ये संदिग्ध सुनील के साथ होता था. हत्या की रात को भी शशि और इस व्यक्ति के बीच बातचीत हुई है. परिजनों ने मांग करते हुए कहा कि सभी संदिग्धों और पुलिस कर्मचारियों की कॉल डिटेल निकाली जाए ताकि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो सके.