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सुखविंदर सरकार की पहली सिंगल विंडो बैठक: 1754 करोड़ के निवेश को हरी झंडी, 3635 लोगों को मिलेगा रोजगार

सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने पहली सिंगल विंडो बैठक में 1754.44 करोड़ के निवेश प्रस्तावों को हरी झंडी दिखा दी है. इससे साढ़े 3 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. (Sukhvinder Singh government approved investment )

सुखविंदर सरकार की पहली सिंगल विंडो बैठक
सुखविंदर सरकार की पहली सिंगल विंडो बैठक
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Published : Mar 1, 2023, 8:50 AM IST

शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने राज्य में 1754.44 करोड़ के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई मंगलवार को हुई सिंगल विडो क्लीयरेंस एंड मॉनिटरिंग अथॉरिटी की बैठक में 34 औद्योगिक इकाईयों के निवेश को मंजूरी दी गई. इस निवेश से हिमाचल में करीब 3635 लोगों को रोजगार मिलेगा. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में सिंगल विडों की यह पहली बैठक हुई, जिसमें इस निवेश को मंजूरी दी गई है.

1754.44 करोड़ रुपए का निवेश उद्यमी करेंगे: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में करीब 1754.44 करोड़ रुपए का निवेश उद्यमी करेंगे. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई सिंगल विडों क्लीयरेंस एंड मॉनिटरिंग अथॉरिटी की बैठक में इन निवेश को स्वीकृति दी गई. इसके तहत हिमाचल में 34 औद्योगिक इकाईयों में निवेश आएगा. इऩमें कुल 3,635 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

हिमाचल में निवेश मंजूरियों के लिए बनी है सिंगल विंडो अथॉरिटी: हिमाचल में उद्योंगो को निवेश की मंजूरी देने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस एंड मॉनिटरिंग अथॉरिटी का गठन किया गया है. इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री उपाध्यक्ष रहते हैं. इसके सदस्यों में मुख्य सचिव सहित विभिन्न विभागों के सचिव और निदेशक हैं. निदेशक उद्योग इसके सदस्य सचिव होते हैं. सुखविंदर सरकार ने सिंगल विंडो खत्म करने का फैसला लिया है, इसकी जगह सुखविंदर सरकार इन्वेस्टमेंट ब्यौरा स्थापित करेगी. हालांकि ,इसको स्थापित करने में अभी कुछ समय लगेगा, लेकिन सरकार ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है.

इन्वेस्टमेंट ब्यूरो से होगी आसानी: उल्लेखनीय है सिंगल विंडो क्लीयरेंस के बाद भी निवेशकों को निवेश संबंधी मंजूरी लेने में ही कई साल निवेशकों को मंजूरी देने के लिए लग रहे हैं. यह एक जटिल प्रक्रिया है. इसमें उद्यमियों को बिजली बोर्ड, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आईपीएच, वन विभाग, आबकारी एवं कराधान, श्रम एवं रोजगार व अन्य कुछ विभागों की एनओसी खुद लेनी पड़ रही है. इन विभागों के पास फाइलें फंसी रहती है. इनको अप्रूवल मिलने में ही कई साल लग रहे हैं. इस तरह यह लंबी और थकाऊ प्रक्रिया है. ऐसे में सुखविंदर सरकार ने इनवेस्टमेंट ब्यूरो स्थापित करने की बात कही है, जो सरकार को निवेश मंजूरी सहित निवेशकों को सभी विभागों से एनओसी भी दिलाईगी, जिससे राज्य में निवेशकों को निवेश में आसानी हो.

ये भी पढ़ें : निवेशकों को एक जगह पर मिले सभी मंजूरियां, इसके लिए इन्वेस्टमेंट प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन ब्यूरो बनाएगी सरकार

शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने राज्य में 1754.44 करोड़ के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई मंगलवार को हुई सिंगल विडो क्लीयरेंस एंड मॉनिटरिंग अथॉरिटी की बैठक में 34 औद्योगिक इकाईयों के निवेश को मंजूरी दी गई. इस निवेश से हिमाचल में करीब 3635 लोगों को रोजगार मिलेगा. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में सिंगल विडों की यह पहली बैठक हुई, जिसमें इस निवेश को मंजूरी दी गई है.

1754.44 करोड़ रुपए का निवेश उद्यमी करेंगे: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में करीब 1754.44 करोड़ रुपए का निवेश उद्यमी करेंगे. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई सिंगल विडों क्लीयरेंस एंड मॉनिटरिंग अथॉरिटी की बैठक में इन निवेश को स्वीकृति दी गई. इसके तहत हिमाचल में 34 औद्योगिक इकाईयों में निवेश आएगा. इऩमें कुल 3,635 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

हिमाचल में निवेश मंजूरियों के लिए बनी है सिंगल विंडो अथॉरिटी: हिमाचल में उद्योंगो को निवेश की मंजूरी देने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस एंड मॉनिटरिंग अथॉरिटी का गठन किया गया है. इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री उपाध्यक्ष रहते हैं. इसके सदस्यों में मुख्य सचिव सहित विभिन्न विभागों के सचिव और निदेशक हैं. निदेशक उद्योग इसके सदस्य सचिव होते हैं. सुखविंदर सरकार ने सिंगल विंडो खत्म करने का फैसला लिया है, इसकी जगह सुखविंदर सरकार इन्वेस्टमेंट ब्यौरा स्थापित करेगी. हालांकि ,इसको स्थापित करने में अभी कुछ समय लगेगा, लेकिन सरकार ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है.

इन्वेस्टमेंट ब्यूरो से होगी आसानी: उल्लेखनीय है सिंगल विंडो क्लीयरेंस के बाद भी निवेशकों को निवेश संबंधी मंजूरी लेने में ही कई साल निवेशकों को मंजूरी देने के लिए लग रहे हैं. यह एक जटिल प्रक्रिया है. इसमें उद्यमियों को बिजली बोर्ड, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आईपीएच, वन विभाग, आबकारी एवं कराधान, श्रम एवं रोजगार व अन्य कुछ विभागों की एनओसी खुद लेनी पड़ रही है. इन विभागों के पास फाइलें फंसी रहती है. इनको अप्रूवल मिलने में ही कई साल लग रहे हैं. इस तरह यह लंबी और थकाऊ प्रक्रिया है. ऐसे में सुखविंदर सरकार ने इनवेस्टमेंट ब्यूरो स्थापित करने की बात कही है, जो सरकार को निवेश मंजूरी सहित निवेशकों को सभी विभागों से एनओसी भी दिलाईगी, जिससे राज्य में निवेशकों को निवेश में आसानी हो.

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