शिमला: कर्ज के बोझ तले हिमाचल में सुखविंदर सिंह सरकार फिर से कर्ज लेने जा रही है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार डेढ़ हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है. इस बारे में औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. इसी महीने 23 मार्च को खजाने में रकम आ जाएगी. ये कर्ज दो किश्तों में लिया जा रहा है. पहली किश्त में छह सौ करोड़ रुपए व दूसरी किश्त के रूप में नौ सौ करोड़ रुपए का लोन लिया जाएगा. यह छह सौ करोड़ रुपए का लोन 2031 तक चुकाना होगा. इसी तरह नौ सौ करोड़ रुपए का लोन दस साल के लिए होगा. यानी इसे दस साल की अवधि में चुकाना होगा. इस बारे में गुरुवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है.
हिमाचल प्रदेश पर करीब 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है. अभी राज्य सरकार मार्च महीना खत्म होते-होते 3000 करोड़ रुपए का लोन और लेने के लिए विचार कर रही है. उल्लेखनीय है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू कल यानी 17 मार्च को अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगे. बजट पेश करने से एक दिन पहले ही सरकार ने दो अधिसूचनाएं जारी कर 1500 करोड़ का लोन लिया है. ये रकम खजाने में 23 मार्च को आएगी. कर्ज को लेकर हिमाचल में हमेशा सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आते रहे हैं.
हर सरकार अपने से पूर्व की सरकार पर कर्ज का ठीकरा फोड़ती है. कैग एक दशक से भी अधिक समय से हिमाचल सरकार को चेतावनी जारी कर रहा है कि राज्य कर्ज के जाल में जकड़ता जा रहा है. इससे पहले सुखविंदर सिंह सरकार ने दो हजार करोड़ रुपए का लोन लिया था. यदि 30 मार्च तक फिर से तीन हजार करोड़ का लोन लेने का फैसला हुआ तो एक ही पखवाड़े में 4500 करोड़ रुपए का कर्ज हो जाएगा. सरकार को एरियर व डीए देने के लिए 11 हजार करोड़ रुपए की जरूरत है. अभी हाल ये है कि जरूरी खर्चों के लिए लोन लेना पड़ रहा है.