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लैवेंडर की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए योजना बना रही सरकार, किसानों के लिए लाभ की खुशबू लाएगी बैंगनी क्रांति

हिमाचल सरकार प्रदेश में अरोमा मिशन पर कार्य करेगी जिसके लिए वह केंद्र सरकार का सहयोग लेगी. बता दें कि अरोमा मिशन लैवेंडर की खेती है जिसे बैंगनी क्रांति के रूप में भी जाना जाता है. पढ़ें पूरी खबर...

लैवेंडर की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए योजना बना रही सरकार.
लैवेंडर की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए योजना बना रही सरकार.
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Published : Apr 2, 2023, 5:18 PM IST

शिमला: प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में अरोमा मिशन पर कार्य करेगी. अरोमा मिशन लैवेंडर की खेती की एक पहल है और यह जम्मू-कश्मीर में किसानों के लिए वरदान साबित हुई है. हिमाचल प्रदेश में जिला चंबा सहित कई क्षेत्रों की जलवायु परिस्थितियां जम्मू-कश्मीर के समान होने के कारण प्रदेश सरकार राज्य के कई क्षेत्रों में लैवेंडर की खेती को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित करने की योजना तैयार कर रही है. सरकार की इस पहल से राज्य के किसानों को आय का एक नया लाभदायक स्रोत प्राप्त होगा.

किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करने का आश्वासन- मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ अरोमा मिशन के बारे में दूरभाष पर विस्तार से बातचीत की. जनवरी माह में नई दिल्ली में भी मुख्यमंत्री ने डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ इस विषय पर चर्चा की थी. केंद्रीय मंत्री ने इस परियोजना के लिए प्रदेश के किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है.

अरोमा मिशन कृषि क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर होगा साबित- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से लैवेंडर की खेती से किसानों के जीवन में सार्थक बदलाव आएगा. अरोमा मिशन कृषि क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को इस मामले को सम्बंधित मंत्रालय के समक्ष उठाने और परियोजना को जमीनी स्तर पर लागू करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए निर्देश दिए हैं.

बैंगनी क्रांति के नाम से भी जानी जाती है लैवेंडर की खेती- प्रदेश सरकार खेती के लिए आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने की योजना भी बना रही है. इसे पूरा करने के लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार से तकनीकी मदद प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है. केंद्र सरकार राज्य के किसानों और बागवानों के लिए प्रशिक्षण शिविर और विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें तकनीकी सहायता भी प्रदान करेगी. इससे किसानों को कृषि क्षेत्र में नवीन तकनीकों की जानकारी उपलब्ध होगी और वह अपनी उपज की गुणवत्ता में सुधार लाकर अधिक आय अर्जित करने में सक्षम होंगे. लैवेंडर की खेती जिसे बैंगनी क्रांति (पर्पल रिवॉल्यूशन) के रूप में भी जाना जाता है, राज्य के किसानों के लिए एक आकर्षक विकल्प साबित हो सकती है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आयेगा.

ये भी पढ़ें: फूलों की खुशबू से महकी धौलाधार की वादियां, कश्मीर का एहसास करवा रहा पालमपुर का Tulip Garden

शिमला: प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में अरोमा मिशन पर कार्य करेगी. अरोमा मिशन लैवेंडर की खेती की एक पहल है और यह जम्मू-कश्मीर में किसानों के लिए वरदान साबित हुई है. हिमाचल प्रदेश में जिला चंबा सहित कई क्षेत्रों की जलवायु परिस्थितियां जम्मू-कश्मीर के समान होने के कारण प्रदेश सरकार राज्य के कई क्षेत्रों में लैवेंडर की खेती को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित करने की योजना तैयार कर रही है. सरकार की इस पहल से राज्य के किसानों को आय का एक नया लाभदायक स्रोत प्राप्त होगा.

किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करने का आश्वासन- मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ अरोमा मिशन के बारे में दूरभाष पर विस्तार से बातचीत की. जनवरी माह में नई दिल्ली में भी मुख्यमंत्री ने डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ इस विषय पर चर्चा की थी. केंद्रीय मंत्री ने इस परियोजना के लिए प्रदेश के किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है.

अरोमा मिशन कृषि क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर होगा साबित- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से लैवेंडर की खेती से किसानों के जीवन में सार्थक बदलाव आएगा. अरोमा मिशन कृषि क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को इस मामले को सम्बंधित मंत्रालय के समक्ष उठाने और परियोजना को जमीनी स्तर पर लागू करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए निर्देश दिए हैं.

बैंगनी क्रांति के नाम से भी जानी जाती है लैवेंडर की खेती- प्रदेश सरकार खेती के लिए आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने की योजना भी बना रही है. इसे पूरा करने के लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार से तकनीकी मदद प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है. केंद्र सरकार राज्य के किसानों और बागवानों के लिए प्रशिक्षण शिविर और विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें तकनीकी सहायता भी प्रदान करेगी. इससे किसानों को कृषि क्षेत्र में नवीन तकनीकों की जानकारी उपलब्ध होगी और वह अपनी उपज की गुणवत्ता में सुधार लाकर अधिक आय अर्जित करने में सक्षम होंगे. लैवेंडर की खेती जिसे बैंगनी क्रांति (पर्पल रिवॉल्यूशन) के रूप में भी जाना जाता है, राज्य के किसानों के लिए एक आकर्षक विकल्प साबित हो सकती है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आयेगा.

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