शिमला: हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बागवानी का अहम योगदान है. इसको देखते हुए प्रदेश सरकार बागवानी में सुधार के लिए कई नए कदम उठा रही है. इस कड़ी में राज्य सरकार बागवानी क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता और उत्पादकता वाले पौधों को विकसित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करने की योजना बना रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की कृषि-जलवायु विविधता बागवानी क्षेत्र के विस्तार और सेब, नींबू प्रजाति के फलों, आम, खुमानी और नाशपाती जैसे फलों की पैदावार के लिए वरदान है. राज्य सरकार किसानों की आय में वृद्धि और बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. इस महत्वपूर्ण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं.
हिमाचल प्रदेश में हर वर्ष फलों के पौधे रोपे जाते हैं. प्रदेश में विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित बागवानी विकास परियोजना के अंतर्गत लाखों पौधे आयात किए जा रहे हैं. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बागवानी उत्पादों तथा फल-फसलों की उत्पादकता, गुणवत्ता और विपणन के लिए आधारभूत संरचना को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा राज्य सरकार रोपित किए गए पौधों को विभिन्न प्रकार के रोगों से बचाने के प्रति संवेदनशील है. इस समस्या से निपटने और बागवानी क्षेत्र में सुधार के लिए प्रदेश सरकार नई तकनीकों को अपनाने पर विशेष बल दे रही है. इसके लिए कई फल उत्पादक राज्यों के पौधरोपण मॉडल का अध्ययन किया जा रहा है और किसानों को नवीनतम तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि पौधरोपण की अधिक से अधिक जीवित दर बनाई रखी जा सके.
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मुख्यमंत्री ने कहा इस उद्देश्य के लिए बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने एशियाई विकास बैंक द्वारा वित्तपोषित एचपी शिव परियोजना के तहत ऑस्ट्रेलिया में पौध स्वास्थ्य प्रबंधन के क्षेत्र में अपनाई जा रही स्क्रीनिंग, टेस्टिंग, साफ-सफाई व रखरखाव इत्यादि की आधुनिक तकनीक का अवलोकन एवं अध्ययन किया है. इस दल ने एलिजाबेथ कृषि संस्थान और स्ट्रॉबेरी इंडस्ट्री सर्टिफिकेशन अथॉरिटी का भी दौरा किया. इस दौरान संतरे के उत्पादन में माइक्रो ग्राफ्टिंग तकनीक का अवलोकन करने के साथ-साथ सिट्रस पैथेलोजी कार्यक्रम और राष्ट्रीय सिट्रस रिपोजीटरी कार्यक्रम इत्यादि पर चर्चा की गई.
प्रदेश में शिवा परियोजना के तहत लगभग 1800 हेक्टेयर भूमि को संतरा उत्पादन के अन्तर्गत लाना प्रस्तावित है, जिसमें लगभग 20 लाख पौधों की आवश्यकता होगी. बागवानी क्षेत्र में सुधार के लिए ऑस्ट्रेलिया से तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर प्रदेश में इसे प्रयोग में लाने की दिशा में यह प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण पहल है. इससे प्रदेश में उच्च गुणवत्ता वाले संतरे के पौधे तैयार करने में सहायता मिलेगी और बागवान लाभान्वित होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा यह दौरा राज्य सरकार द्वारा बागवानी क्षेत्र में विस्तार और बागवानों के कल्याण और उत्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.