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ठियोग में भारी बर्फबारी के बीच परीक्षा देने पहुंचे छात्र, विभाग की तरफ से नहीं मिला कोई नोटिफिकेशन

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Published : Dec 14, 2019, 7:47 PM IST

देश के ऊंचाई बाले क्षेत्रों में दो दिन तक भारी बर्फबारी हुई है. बर्फबारी के कारण सबसे अधिक परेशानियों का सामना स्कूली छात्रों को करना पड़ा. ठियोग में कई छात्र कई किलोमीटर का सफर तय कर गिरते पड़ते स्कूल में परीक्षा देने पहुंचे.

Students give the exam
ठियोग में गिरते-फिसलते परीक्षा देने पहुंचे छात्र.

शिमला: प्रदेश के ऊंचाई बाले क्षेत्रों में दो दिन तक भारी बर्फबारी हुई है. बर्फबारी के कारण कई सड़कें बंद रही. बर्फबारी के कारण सबसे अधिक परेशानियों का सामना स्कूली छात्रों को करना पड़ा. ठियोग में कई छात्र कई किलोमीटर का सफर तय कर गिरते पड़ते स्कूल में परीक्षा देने पहुंचे.

बता दें कि इन दिनों स्कूलों में 10वीं और 12वीं की कक्षाओं की प्री बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं. शनिवार को 10वीं कक्षा की साइंस विषय की प्री बोर्ड परीक्षा थी. भारी ठंड के बीच छात्र कांपते हुए कई किलोमीटर पैदल सफर करते हुए परीक्षा देने के लिए स्कूल पहुंचे. भारी बर्फभारी के चलते अन्य कक्षाओं के लिए अवकाश घोषित किया गया था, लेकिन 10वीं की साइंस विषय की परीक्षा को रद्द नहीं किया गया.

वीडियो रिपोर्ट.

छात्रों का कहना है कि उन्होंने सुबह स्कूल प्रशासन से परीक्षा के संबंध में फोन के जरिए संपर्क कर पूछा था, लेकिन शिक्षा विभाग से पेपर रद्द न होने की कोई सूचना न मिलने पर अध्यपकों ने बच्चों को स्कूल आने के लिये कहा. इसके बाद बच्चे रास्ते पर गिरते-फिसलते और ठंड से ठिठुरते हुए घंटों पैदल चलने के बाद स्कूल पहुंचे.

वहीं, इस बारे में अध्यपको का कहना है कि भारी बर्फबारी के बाद भी उन्हें पेपर रद्द होने के बारे में विभाग की तरफ से कोई नोटिफिकेशन नहीं मिला था. इसी कारण बच्चों की परीक्षा रद्द नहीं की गई.

वहीं, बच्चों के परिजनों ने कहा कि इन दिनों स्कूलों में परीक्षाओं का दौर चल रहा है और बर्फबारी में बच्चों को स्कूल भेजना किसी खतरे से खाली नहीं है. बच्चे फिसलन भरे रास्तों और जंगल से होकर गुजरने से डर रहे हैं. बर्फबारी के बाद ऊपरी इलाकों से जंगली जानवर निचले क्षेत्रों का रुख करते हैं. ऐसे में जंगली रास्तों से होकर गुजरना खतरे से खाली नहीं है, लेकिन शिक्षा विभाग बच्चों की समस्या को जानते हुए भी आंखें मूंद कर बैठा है.

शिमला: प्रदेश के ऊंचाई बाले क्षेत्रों में दो दिन तक भारी बर्फबारी हुई है. बर्फबारी के कारण कई सड़कें बंद रही. बर्फबारी के कारण सबसे अधिक परेशानियों का सामना स्कूली छात्रों को करना पड़ा. ठियोग में कई छात्र कई किलोमीटर का सफर तय कर गिरते पड़ते स्कूल में परीक्षा देने पहुंचे.

बता दें कि इन दिनों स्कूलों में 10वीं और 12वीं की कक्षाओं की प्री बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं. शनिवार को 10वीं कक्षा की साइंस विषय की प्री बोर्ड परीक्षा थी. भारी ठंड के बीच छात्र कांपते हुए कई किलोमीटर पैदल सफर करते हुए परीक्षा देने के लिए स्कूल पहुंचे. भारी बर्फभारी के चलते अन्य कक्षाओं के लिए अवकाश घोषित किया गया था, लेकिन 10वीं की साइंस विषय की परीक्षा को रद्द नहीं किया गया.

वीडियो रिपोर्ट.

छात्रों का कहना है कि उन्होंने सुबह स्कूल प्रशासन से परीक्षा के संबंध में फोन के जरिए संपर्क कर पूछा था, लेकिन शिक्षा विभाग से पेपर रद्द न होने की कोई सूचना न मिलने पर अध्यपकों ने बच्चों को स्कूल आने के लिये कहा. इसके बाद बच्चे रास्ते पर गिरते-फिसलते और ठंड से ठिठुरते हुए घंटों पैदल चलने के बाद स्कूल पहुंचे.

वहीं, इस बारे में अध्यपको का कहना है कि भारी बर्फबारी के बाद भी उन्हें पेपर रद्द होने के बारे में विभाग की तरफ से कोई नोटिफिकेशन नहीं मिला था. इसी कारण बच्चों की परीक्षा रद्द नहीं की गई.

वहीं, बच्चों के परिजनों ने कहा कि इन दिनों स्कूलों में परीक्षाओं का दौर चल रहा है और बर्फबारी में बच्चों को स्कूल भेजना किसी खतरे से खाली नहीं है. बच्चे फिसलन भरे रास्तों और जंगल से होकर गुजरने से डर रहे हैं. बर्फबारी के बाद ऊपरी इलाकों से जंगली जानवर निचले क्षेत्रों का रुख करते हैं. ऐसे में जंगली रास्तों से होकर गुजरना खतरे से खाली नहीं है, लेकिन शिक्षा विभाग बच्चों की समस्या को जानते हुए भी आंखें मूंद कर बैठा है.

Intro:भारी बर्फबारी के बाद पेपर देने स्कूल पहुंचे ठेयोग में छात्र।10वी की क्लास का आज था साइंस का पेपर बच्चों का कहना डर के साये में गिरते कांपते पहुंचे स्कूल।परिजनों ने अध्यपको ओर शिक्षा विभाग पर लगाया अनदेखी का आरोप।Body:प्रदेश में हुई बर्फबारी से लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। खास कर स्कूल के बच्चों को जी हां स्कूलों में इन दिनों परीक्षाओं का दौर चला हुआ है जिससे छात्र परेशनी का सामना कर रहे हैं आज जंहा स्कूलों में अवकाश था वन्ही 10 वी की क्लास का साइंस का पेपर भी था। ऐसे में रात को हुई बर्फबारी से बच्चों को पेपर देने के लिये बर्फीले रास्तों से स्कूल पहूंचना पड़ा।छात्रों का कहना है कि उन्होंने सुबह अपने अध्यपको को फोन किया कि पेपर होगा या नही लेकिन शिक्षा विभाग से पेपर रद्द न होने की कोई सूचना न मिलने पर अध्यपको ने बच्चों को स्कूल आने के लिये कहा जिसके बाद वे गिरते फिसलते ओर ठंड से ठिठुरते हुए स्कूल पहुंचे।बच्चों का कहना है कि स्कूल आते उन्हें बहुत डर लग रहा था बर्फ बहुत ज्यादा थी और रास्ते से अभी तक कोई भी आदमी नही चला था ऐसे में उन्हें बड़ी दिक्कत हुई और जंहा स्कूल आने के लिए कुछ मिनट लगते थे वँहा घण्टे भर में स्कूल तक पहुंच पाए।

बाईट,,, स्कूली छात्र
बाईट,,, स्कूली छात्र

वन्ही स्कूल के अध्यपको का कहना है कि सुबह से लेकर छात्रों के परिजनों ने उन्हें कई फोन किये की ऐसे मौसम में बचे स्कूल कैसे आएंगे लेकिन उन्हें स्कूल आने और पेपर देने के लिए बुलाना पड़ा उन्होंने कहा कि छात्रों को बड़ी दिक्कत हुई लेकिन विभाग की तरफ से कोई नोटिफिकेशन न मिलने के कारण उन्हें भी परिजनों से विनती कर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए बुलाना पड़ा।

बाईट,,, स्कूल अध्यापक Conclusion:आपको बता दे कि इन दिनों स्कूलों में परीक्षाओं का दौर चल रहा है और बर्फबारी से ऐसे में बच्चों को स्कूल भेजने से जंहा परिजनों को भी चिंता सता रही है वन्ही बच्चे भी खतरनाक जंगलों और बर्फ़ीले रास्तो से जाने से डर रहे है शिक्षा विभाग भारी बर्फबारी के बाद भी आंखे बंद किये हुए बच्चों के साथ किसी हादसे का इंतजार कर रहा है।
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