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छात्र संघ चुनाव से बैन न हटने पर भड़के छात्र संगठन, आंदोलन कर प्रशासन के खिलाफ जताएंगे विरोध

विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के कॉलेजों में इस बार भी छात्र संघ चुनाव बहाल ना होने से छात्र संघ भड़क गए हैं. छात्र संगठनों का कहना है कि एचपीयू प्रशासन ने इस वर्ष भी छात्र संघ चुनावों पर लगाए गए प्रतिबंध को नहीं हटाया है.

छात्र संघ चुनावों से बैन न हटने पर भड़के छात्र संगठन, आंदोलन कर प्रशासन के खिलाफ जताएंगे विरोध
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Published : Sep 4, 2019, 3:28 PM IST

Updated : Sep 5, 2019, 11:59 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के कॉलेजों में इस बार भी छात्र संघ चुनाव बहाल ना होने से छात्र संघ भड़क गए है. छात्र संगठनों का कहना है कि एचपीयू प्रशासन ने इस वर्ष भी छात्र संघ चुनावों पर लगाए गए प्रतिबंध को नहीं हटाया है. छात्र संघ चुनावों को प्रत्यक्ष तरीके से ना करवा कर इस बार भी मेरिट के आधार पर ही एससीए का गठन विश्वविद्यालय और कॉलेजों में करवाया जा रहा है.

छात्र संगठनों का कहना है कि बीते 6 सालों से लगातार छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है, जिसका खामियाजा अब प्रदेश सरकार और एचपीयू प्रशासन को भुगतना पड़ेगा.

छात्र संघ चुनावों पर लगे बैन को ना हटाने के विरोध में छात्र संगठन अपने आंदोलन को शुरू करेंगे. अपने इस आंदोलन के माध्यम से छात्र संगठन यह मांग सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष उठाएंगे की छात्र संघ चुनावों को बहाल किया जाए और प्रत्यक्ष तरीके से इन चुनावों को एचपीयू ओर कॉलेजों में करवाया जाए. छात्र संघ चुनावों को लेकर अपनी रणनीति छात्र संगठन बना रहे है.

वीडियो

एसएफआई के ईकाई अध्यक्ष विक्रम कायथ का कहना है कि छात्र संघ चुनावों की बहाली को लेकर एसएफआई एचपीयू सहित प्रदेश के कॉलेजों में अपना आंदोलन शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि एचपीयू नहीं चाहता की जो भी धांधलियां की जा रही है वह उजागर हो ऐसे में छात्र संघ चुनावों को बहाल करने से एचपीयू घबरा रहा है.

वहीं एनएसयूआई ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वह छात्र संघ चुनावों की बहाली को लेकर एचपीयू में अनशन पर बैठेंगे. एनएसयूआई के कैंपस जनरल सेकेटरी रजत ने कहा कि एनएसयूआई छात्र संघ चुनावों के बहाल ना होने का विरोध जताती है और इसे लेकर सरकार ओर एचपीयू के खिलाफ अपना विरोध भी जताएगी.

इसके साथ ही एबीवीपी ने भी साफ कर दिया है कि वह एचपीयू के इस फैसले के खिलाफ है और सरकार ने सत्ता में आने से पहले यह वादा किया था कि छात्र संघ चुनाव बहाल किए जाएंगे, लेकिन अब सरकार अपने वादा पुरा नहीं कर रही है. एबीवीपी छात्र संघ चुनावों की बहाली को लेकर अपना आंदोलन जारी रखेगी.

ये भी पढ़ें: शोघी में सेब से भरा ट्रक गिरा, एक की मौत, तीन घायल

मामले को लेकर एचपीयू के कुलपति प्रो.सिंकदर कुमार का कहना है कि एचपीयू ने कॉलेज के प्रचार्यों से छात्र संघ चुनावों की बहाली को लेकर राय मांगी थी. सभी कॉलेजों के प्रचार्यों ने यही राय दी है कि छात्र संघ चुनाव बहाल नहीं किए जाने चाहिए. इतना हो नहीं एचपीयू के विभागाध्यक्षों ने भी यही सुझाव एचपीयू प्रशासन को दिया था. इन्ही सुझावों को देखते हुए एचपीयू प्रशासन ने यह फैसला लिया है कि इस वर्ष भी एचपीयू सहित प्रदेश के कॉलेजों में एससीए का गठन मेरिट के आधार पर होगा.

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के कॉलेजों में इस बार भी छात्र संघ चुनाव बहाल ना होने से छात्र संघ भड़क गए है. छात्र संगठनों का कहना है कि एचपीयू प्रशासन ने इस वर्ष भी छात्र संघ चुनावों पर लगाए गए प्रतिबंध को नहीं हटाया है. छात्र संघ चुनावों को प्रत्यक्ष तरीके से ना करवा कर इस बार भी मेरिट के आधार पर ही एससीए का गठन विश्वविद्यालय और कॉलेजों में करवाया जा रहा है.

छात्र संगठनों का कहना है कि बीते 6 सालों से लगातार छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है, जिसका खामियाजा अब प्रदेश सरकार और एचपीयू प्रशासन को भुगतना पड़ेगा.

छात्र संघ चुनावों पर लगे बैन को ना हटाने के विरोध में छात्र संगठन अपने आंदोलन को शुरू करेंगे. अपने इस आंदोलन के माध्यम से छात्र संगठन यह मांग सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष उठाएंगे की छात्र संघ चुनावों को बहाल किया जाए और प्रत्यक्ष तरीके से इन चुनावों को एचपीयू ओर कॉलेजों में करवाया जाए. छात्र संघ चुनावों को लेकर अपनी रणनीति छात्र संगठन बना रहे है.

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एसएफआई के ईकाई अध्यक्ष विक्रम कायथ का कहना है कि छात्र संघ चुनावों की बहाली को लेकर एसएफआई एचपीयू सहित प्रदेश के कॉलेजों में अपना आंदोलन शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि एचपीयू नहीं चाहता की जो भी धांधलियां की जा रही है वह उजागर हो ऐसे में छात्र संघ चुनावों को बहाल करने से एचपीयू घबरा रहा है.

वहीं एनएसयूआई ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वह छात्र संघ चुनावों की बहाली को लेकर एचपीयू में अनशन पर बैठेंगे. एनएसयूआई के कैंपस जनरल सेकेटरी रजत ने कहा कि एनएसयूआई छात्र संघ चुनावों के बहाल ना होने का विरोध जताती है और इसे लेकर सरकार ओर एचपीयू के खिलाफ अपना विरोध भी जताएगी.

इसके साथ ही एबीवीपी ने भी साफ कर दिया है कि वह एचपीयू के इस फैसले के खिलाफ है और सरकार ने सत्ता में आने से पहले यह वादा किया था कि छात्र संघ चुनाव बहाल किए जाएंगे, लेकिन अब सरकार अपने वादा पुरा नहीं कर रही है. एबीवीपी छात्र संघ चुनावों की बहाली को लेकर अपना आंदोलन जारी रखेगी.

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मामले को लेकर एचपीयू के कुलपति प्रो.सिंकदर कुमार का कहना है कि एचपीयू ने कॉलेज के प्रचार्यों से छात्र संघ चुनावों की बहाली को लेकर राय मांगी थी. सभी कॉलेजों के प्रचार्यों ने यही राय दी है कि छात्र संघ चुनाव बहाल नहीं किए जाने चाहिए. इतना हो नहीं एचपीयू के विभागाध्यक्षों ने भी यही सुझाव एचपीयू प्रशासन को दिया था. इन्ही सुझावों को देखते हुए एचपीयू प्रशासन ने यह फैसला लिया है कि इस वर्ष भी एचपीयू सहित प्रदेश के कॉलेजों में एससीए का गठन मेरिट के आधार पर होगा.

Intro:हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के कॉलेजों में इस बार भी छात्र संघ चुनाव बहाल ना होने से छात्र संघ भड़क गए है। छात्र संगठनों का कहना है कि एचपीयू प्रशासन ने इस वर्ष भी छात्र संघ चुनावों पर लगाए गए प्रतिबंध को नहीं हटाया है। छात्र संघ चुनावों को प्रत्यक्ष तरीके से ना करवा कर इस बार भी मेरिट के आधार पर ही एससीए का गठन विश्वविद्यालय और कॉलेजों में करवाया जा रहा है। छात्र संगठनों का कहना है बीते 6 सालों से लगातार छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है जिसका खामियाजा अब प्रदेश सरकार और एचपीयू प्रशासन को भुगतना पड़ेगा।


Body:छात्र संघ चुनावों पर लगे बैन को ना हटाने के विरोध में छात्र संगठन अपने आंदोलन को शुरू करेंगे। अपने इस आंदोलन के माध्यम से छात्र संगठन यह मांग सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष उठाएंगे की छात्र संघ चुनावों को बहाल किया जाए और प्रत्यक्ष तरीके से इन चुनावों को एचपीयू ओर कॉलेजों में करवाया जाए। छात्र संघ चुनावों को लेकर अपनी रणनीति छात्र संगठन बना रहे है। एसएफआई के ईकाई अध्यक्ष विक्रम कायथ का कहना है कि छात्र संघ चुनावों की बहाली को लेकर एसएफआई एचपीयू सहित प्रदेश के कॉलेजों में अपना आंदोलन शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और एचपीयू प्रशासन दोनों ही छात्र संघ चुनावों की बहाली को लेकर गेंद एक दूसरे के पाले में उझाल रहे थे। अब एसएफआई का यह आंदोलन भी सरकार और एचपीयू प्रशासन के खिलाफ़ ही होगा। उन्होंने कहा कि एचपीयू नहीं चाहता की जो भी धांधलियां की जा रही है वह उजागर हो ऐसे में छात्र संघ चुनावों को बहाल करने से एचपीयू घबरा रहा है। वहीं एनएसयूआई ने भी सपष्ट कर दिया है कि वह छात्र संघ चुनावों की बहाली को लेकर एचपीयू में कल से अनशन पर बैठेंगे। एनएसयूआई के कैंपस जनरल सेकेटरी रजत ने कहा कि एनएसयूआई छात्र संघ चुनावों के बहाल ना होने का विरोध जताती है और इसे लेकर सरकार ओर एचपीयू के खिलाफ़ अपना विरोध भी जगाएगी। इसके साथ ही एबीवीपी ने भी साफ कर दिया है कि वह एचपीयू के इस फैसले के खिलाफ है ओर सरकार ने सत्ता में आने से पहले यह वादा किया था कि छात्र संघ चुनाव बहाल किए जाएंगे लेकिन अब सरकार अपने वादा पुरा नहीं कर रही है। एबीवीपी छात्र संघ चुनावों की बहाली को लेकर अपना आंदोलन जारी रखेगी ओर सरकार,एचपीयू के खिलाफ अपना विरोध जताएगी।


Conclusion:मामले को लेकर एचपीयू के कुलपति प्रो.सिंकदर कुमार का कहना है कि एचपीयू ने कॉलेज के प्रचार्यों से छात्र संघ चुनावों की बहाली को लेकर राय मांगी थी। सभी कॉलेजों के प्रचार्यों ने यही राय दी है कि छात्र संघ चुनाव बहाल नहीं किए जाने चाहिए। इतना हो नहीं एचपीयू के विभागाध्यक्षों ने भी यही सुझाव एचपीयू प्रशासन को दिया था कि छात्र संघ चुनाव बहाल ना कर मेरिट के आधार पर ही चुनाव करवाए जाए। इन्ही सुझावों को देखते हुए एचपीयू प्रशासन ने यह फैसला लिया है कि इस वर्ष भी एचपीयू सहित प्रदेश के कॉलेजों में एससीए का गठन मेरिट के आधार पर होगा।
Last Updated : Sep 5, 2019, 11:59 AM IST
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