ETV Bharat / state

रिज मैदान स्थित राज्य पुस्तकालय बंद करने की खबर पर बवाल, विद्यार्थियों ने जताया रोष

author img

By

Published : Sep 7, 2021, 4:45 PM IST

रिज मैदान पर स्थित राज्य पुस्तकालय में कैफे खोलने के फैसले पर छात्रों ने विरोध किया है. छात्रों ने निगम पर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों ने भी एतराज जताया है. हालांकि नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल (Municipal Corporation Mayor Satya Kaundal) का कहना है कि स्थान का केवल जीर्णोद्धार किया जा रहा है. कैफे खोलने की कोई नीति नहीं है.

state library at Ridge ground
रिज मैदान स्थित राज्य पुस्तकालय बंद.

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के ऐतिहासिक मैदान पर स्थित राज्य पुस्तकालय को बंद करने का फैसला लिया गया है. जानकारी के मुताबिक इस ऐतिहासिक पुस्तकालय को कैफे में तब्दील किया जा रहा है. इसके विरोध में रोजाना पुस्तकालय में पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. विद्यार्थियों का कहना है कि शहर भर में कई कैफे हैं, लेकिन पढ़ाई की जगह सीमित है बावजूद इसके नगर निगम प्रशासन विद्यार्थियों के हित के बारे में न सोच कर धन अर्जित करने के विषय में सोच रहा है.

शिमला शहर के तमाम वरिष्ठ नागरिकों ने भी पुस्तकालय को बंद करने का विरोध जताया है. बता दें कि राज्य पुस्तकालय को 2 साल पहले हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Himachal Pradesh Legislative Assembly) के समीप कैनेडी चौक पर शिफ्ट किया गया था. इसके बाद से रिज पर स्थित राज्य पुस्तकालय (State Library on the Ridge) और केनेडी चौक पर बनाए गए नए पुस्तकालय में विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे थे. अब रिज पर स्थित पुस्तकालय बंद होने के बाद विद्यार्थी यहां पढ़ाई नहीं कर सकेंगे.

वहीं, इस मामले पर नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल (Municipal Corporation Mayor Satya Kaundal) का कहना है कि स्थान का केवल जीर्णोद्धार किया जा रहा है. कैफे खोलने की कोई नीति नहीं है. इस बारे में बात करने पर शिमला की महापौर सत्या कौंडल ने अनभिज्ञता जताते हुए विद्यार्थियों से उल्टा सवाल पूछा है कि विद्यार्थी इस बारे में बताएं कि पुस्तकालय को बंद करने का फैसला कब लिया गया.

क्या है मामला: दरअसल, रोज की तरह मंगलवार को जब विद्यार्थी पढ़ाई करने के लिए राज्य पुस्तकालय पहुंचे, तो पुस्तकालय में जीर्णोद्धार का काम चल रहा था. विद्यार्थियों को लाइब्रेरी के प्रभारी से सूचना मिली कि यहां कैफे खोलने की नीति बनाई जा रही है. इसके बाद विद्यार्थियों ने उसका विरोध शुरू कर दिया. छात्रों ने नगर निगम प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि पुस्तकालय को बंद कर कैफे बनाना गलत है और छात्र इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. वहीं, नगर निगम प्रशासन ने इस बारे में अनभिज्ञता जताई है.

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के ऐतिहासिक मैदान पर स्थित राज्य पुस्तकालय को बंद करने का फैसला लिया गया है. जानकारी के मुताबिक इस ऐतिहासिक पुस्तकालय को कैफे में तब्दील किया जा रहा है. इसके विरोध में रोजाना पुस्तकालय में पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. विद्यार्थियों का कहना है कि शहर भर में कई कैफे हैं, लेकिन पढ़ाई की जगह सीमित है बावजूद इसके नगर निगम प्रशासन विद्यार्थियों के हित के बारे में न सोच कर धन अर्जित करने के विषय में सोच रहा है.

शिमला शहर के तमाम वरिष्ठ नागरिकों ने भी पुस्तकालय को बंद करने का विरोध जताया है. बता दें कि राज्य पुस्तकालय को 2 साल पहले हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Himachal Pradesh Legislative Assembly) के समीप कैनेडी चौक पर शिफ्ट किया गया था. इसके बाद से रिज पर स्थित राज्य पुस्तकालय (State Library on the Ridge) और केनेडी चौक पर बनाए गए नए पुस्तकालय में विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे थे. अब रिज पर स्थित पुस्तकालय बंद होने के बाद विद्यार्थी यहां पढ़ाई नहीं कर सकेंगे.

वहीं, इस मामले पर नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल (Municipal Corporation Mayor Satya Kaundal) का कहना है कि स्थान का केवल जीर्णोद्धार किया जा रहा है. कैफे खोलने की कोई नीति नहीं है. इस बारे में बात करने पर शिमला की महापौर सत्या कौंडल ने अनभिज्ञता जताते हुए विद्यार्थियों से उल्टा सवाल पूछा है कि विद्यार्थी इस बारे में बताएं कि पुस्तकालय को बंद करने का फैसला कब लिया गया.

क्या है मामला: दरअसल, रोज की तरह मंगलवार को जब विद्यार्थी पढ़ाई करने के लिए राज्य पुस्तकालय पहुंचे, तो पुस्तकालय में जीर्णोद्धार का काम चल रहा था. विद्यार्थियों को लाइब्रेरी के प्रभारी से सूचना मिली कि यहां कैफे खोलने की नीति बनाई जा रही है. इसके बाद विद्यार्थियों ने उसका विरोध शुरू कर दिया. छात्रों ने नगर निगम प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि पुस्तकालय को बंद कर कैफे बनाना गलत है और छात्र इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. वहीं, नगर निगम प्रशासन ने इस बारे में अनभिज्ञता जताई है.

ये भी पढ़ें: स्वर्णिम विजय मशाल: 1971 के शहीदों को श्रदांजलि, पालमपुर सैन्य स्टेशन पर मशाल का हुआ भव्य स्वागत

ये भी पढ़ें: पूर्व विधायक थप्पड़ कांड: CM के बयान पर PCC CHIEF का पलटवार, बोले- अराजकता को बढ़वा दे रही सरकार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.