ETV Bharat / state

प्राइवेट स्कूल्स की फीस वसूली के खिलाफ आंदोलन तेज, DAV स्कूल के बाहर अभिभावकों के हल्लाबोल से गरमाया शिमला

author img

By

Published : Mar 30, 2019, 9:15 PM IST

Updated : Mar 30, 2019, 9:52 PM IST

निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ प्रदर्शन लिया उग्र रूप छात्र अभिभावक मंच ने डीएवी स्कूल के सामने किया प्रदर्शन ज्यादा फीस वसूली पर स्कूल प्रशासन के खिलाफ जमकर हुई नारेबाजी

छात्र अभिभावक मंच ने डीएवी स्कूल के सामने किया प्रदर्शन

शिमला: निजी स्कूल्स की मनमानी के खिलाफ शिमला में चल रहा छात्र अभिभावक मंच का आंदोलन उग्र रूप लेता जा रहा है. स्कूली छात्रों के अभिभावक राजधानी में एक के बाद एक हर निजी स्कूल के बाहर धरना दे रहे हैं.

छात्र अभिभावक मंच ने शनिवार को ऑकलैंड, चेप्सली के बाद डीएवी स्कूल के बाहर धरना प्रदर्शन किया और स्कूल के खर्चे से कई गुना अधिक फीस वसूलने का कड़ा विरोध जताया. मंच ने स्कूल के बाहर स्कूल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार पर भी फीस वसूली पर अंकुश ना लगाने के आरोप लगाए.

छात्र अभिभावक मंच ने डीएवी स्कूल के सामने किया प्रदर्शन

मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि अभिभावक निजी स्कूल्स की मनामानी से परेशान होकर स्कूल्स के बाहर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. प्रशासन अभिभावकों की मांगें नहीं मान रहा. पुलिस अभिभावकों पर ही केस बना रही है, उन्हें निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ आवाज भी नहीं उठाने दी जा रही है.

विजेंद्र मेहरा ने कहा कि जिस डीएवी के राजधानी में ही तीन स्कूल चल रहे हैं और तीनों स्कूल्स का मुनाफा 20 करोड़ से अधिक का है जो कि इन स्कूलों को चलाने पर खर्च होने वाली राशि से कही अधिक है. यह मुनाफा स्कूली छात्रों से भारी भरकम फीस वसूल कर कमाया जा रहा है, लेकिन फिर भी इन पर कोई रोक नहीं लगाई जा रही है.

ये है अभिभावकों की मांगें
अभिभावकों का कहना है कि 1997 में बने एक्ट और उसके तहत 2003 में नियम बने , 2009 में शिक्षा का अधिकार काननू बना और 2005 में सीबीएसई की गाइडलाइन आने के साथ ही 2014 में एमएचआरडी की गाइडलाइन आई. इसके बाद 2016 में निजी स्कूल्स को लेकर हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया, फैसले में निजी स्कूल्स की मनमानी को देखते हुए रोक लगाने की बात कही गई. 2018 सुप्रीम कोर्ट ने भी छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए निर्णय दिया.

shimla
छात्र अभिभावक मंच ने डीएवी स्कूल के सामने किया प्रदर्शन

अभिभावकों की मांग है कि निजी स्कूल्स की मनमानी पर रोक लगाने के लिए अनेकों निर्णय लिए गए और इन नियमों को लागू किया जाना चाहिए. छात्र अभिभावक मंच का कहना है कि प्राइवेट स्कूल्स इन नियमों के तहत नहीं चल रहे हैं और कोर्ट के आदेशों की अवमानना की जा रही है. सरकार को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए और निजी स्कूल्स को चलाने के लिए एक नीति बनानी चाहिए. मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि इस आंदोलन का अंतिम पड़ाव 8 अप्रैल को शिक्षा निदेशालय का घेराव कर किया जाएगा. ये एक बड़े स्तर का प्रदर्शन होगा, जिसके लिए अभी से तैयारी की जा रही है.

शिमला: निजी स्कूल्स की मनमानी के खिलाफ शिमला में चल रहा छात्र अभिभावक मंच का आंदोलन उग्र रूप लेता जा रहा है. स्कूली छात्रों के अभिभावक राजधानी में एक के बाद एक हर निजी स्कूल के बाहर धरना दे रहे हैं.

छात्र अभिभावक मंच ने शनिवार को ऑकलैंड, चेप्सली के बाद डीएवी स्कूल के बाहर धरना प्रदर्शन किया और स्कूल के खर्चे से कई गुना अधिक फीस वसूलने का कड़ा विरोध जताया. मंच ने स्कूल के बाहर स्कूल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार पर भी फीस वसूली पर अंकुश ना लगाने के आरोप लगाए.

छात्र अभिभावक मंच ने डीएवी स्कूल के सामने किया प्रदर्शन

मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि अभिभावक निजी स्कूल्स की मनामानी से परेशान होकर स्कूल्स के बाहर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. प्रशासन अभिभावकों की मांगें नहीं मान रहा. पुलिस अभिभावकों पर ही केस बना रही है, उन्हें निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ आवाज भी नहीं उठाने दी जा रही है.

विजेंद्र मेहरा ने कहा कि जिस डीएवी के राजधानी में ही तीन स्कूल चल रहे हैं और तीनों स्कूल्स का मुनाफा 20 करोड़ से अधिक का है जो कि इन स्कूलों को चलाने पर खर्च होने वाली राशि से कही अधिक है. यह मुनाफा स्कूली छात्रों से भारी भरकम फीस वसूल कर कमाया जा रहा है, लेकिन फिर भी इन पर कोई रोक नहीं लगाई जा रही है.

ये है अभिभावकों की मांगें
अभिभावकों का कहना है कि 1997 में बने एक्ट और उसके तहत 2003 में नियम बने , 2009 में शिक्षा का अधिकार काननू बना और 2005 में सीबीएसई की गाइडलाइन आने के साथ ही 2014 में एमएचआरडी की गाइडलाइन आई. इसके बाद 2016 में निजी स्कूल्स को लेकर हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया, फैसले में निजी स्कूल्स की मनमानी को देखते हुए रोक लगाने की बात कही गई. 2018 सुप्रीम कोर्ट ने भी छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए निर्णय दिया.

shimla
छात्र अभिभावक मंच ने डीएवी स्कूल के सामने किया प्रदर्शन

अभिभावकों की मांग है कि निजी स्कूल्स की मनमानी पर रोक लगाने के लिए अनेकों निर्णय लिए गए और इन नियमों को लागू किया जाना चाहिए. छात्र अभिभावक मंच का कहना है कि प्राइवेट स्कूल्स इन नियमों के तहत नहीं चल रहे हैं और कोर्ट के आदेशों की अवमानना की जा रही है. सरकार को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए और निजी स्कूल्स को चलाने के लिए एक नीति बनानी चाहिए. मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि इस आंदोलन का अंतिम पड़ाव 8 अप्रैल को शिक्षा निदेशालय का घेराव कर किया जाएगा. ये एक बड़े स्तर का प्रदर्शन होगा, जिसके लिए अभी से तैयारी की जा रही है.

Intro:निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ शिमला में चल रहा छात्र अभिभावक मंच का आंदोलन उग्र रूप लेता जा रहा है। मंच राजधानी के हर एक निजी स्कूल के बाहर एक के बाद एक धरना प्रदर्शन कर रहे है। ऑकलैंड,चेप्सली के बाद शनिवार को मॉल रोड पर स्थित डीएवी स्कूल के बाहर छात्र अभिभावक मंच ने धरना प्रदर्शन किया और स्कूल के खर्चे से कई गुना अधिक फ़ीस वसूलने का कड़ा विरोध जताया। मंच ने स्कूल के बाहर स्कूल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की ओर सरकार को भी निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश ना लगाने पर घेरा।


Body:मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि अभिभावक निजी स्कूलों की मनामानी से परेशान हो कर स्कूलों के बाहर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हुए है और उनकी मांगें सुनने और उन पर काम तो नहीं हो रहा है बल्कि पुलिस प्रशासन प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों पर ही केस बना रही है। उन्हें निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ आवाज भी नहीं उठाने दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस डीएवी के स्कूल के बाहर आज धरना प्रदर्शन किया जा रहा है इसके राजधानी में ही तीन स्कूल चल रहे है और उन तीनों स्कूलों का मुनाफा 20 करोड़ से अधिक का है जो कि इन स्कूलों को चलाने पर खर्च होने वाली राशि से कही अधिक है। यह मुनाफ़ा यह स्कूल छात्रों से भारी भरकम फ़ीस वसूल कर कमा रहे है लेकिन फिर भी इन पर कोई रोक नहीं लग पा रही है।


Conclusion:उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि यह आंदोलन जिस मांग को लेकर हो रहा है उसमें 1997 में बने एक्ट ओर उसके तहत 2003 में बने नियम, 2009 में शिक्षा का अधिकार काननू बना और 2005 में सीबीएसई की गाइडलाइन आने के साथ ही 2014 में एमएचआरडी की गाइडलाइन आई और इसके बाद 2016 में हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला निजी स्कूलों को लेकर आया जिसमें उन्होंने भी निजी स्कूलों की मनमानी को देखते हुए उस पर रोक लगाने की बात कही। यहां तक कि 2018 सुप्रीम कोर्ट ने भी छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए निर्णय दिया ऐसे में जो यह अनेकों निर्णय निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए लिए गए उन्हें लागू किया जाए। स्कूल इन नियमों के तहत नहीं चल रहे है और कोर्ट के आदेशों की अवमानना कर रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए और एक नीति इन निजी स्कूलों को चलाने के लिए बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन का अंतिम पड़ाव 8 अप्रैल को शिक्षा निदेशालय का घेराव कर वहां धरना प्रदर्शन कर किया जाएगा। यह एक बड़े स्तर का प्रदर्शन होगा जिसके लिए तैयारी अभी से की जा रही है।
Last Updated : Mar 30, 2019, 9:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.