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छात्र अभिभावक मंच ने किया विधानसभा का घेराव, निजी स्कूलों के खिलाफ कानून बनाने की मांग

निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए छात्र अभिवावक मंच ने विधानसभा का घेराव किया और मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की. छात्र अभिवावक मंच ने निजी स्कूलों के खिलाफ कानून बनाने और रेगुलेटरी कमीशन का गठन करने की मांग की.

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Published : Mar 5, 2021, 7:46 PM IST

शिमला: निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ प्रदेश के छात्र अभिभावक मंच ने विधानसभा शिमला का घेराव किया. साथ ही विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन किया. धरना प्रदर्शन के दौरान अभिभावकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

कार्यक्रम के नाम पर होने वाली ठगी पर लगे रोक

यह प्रदर्शन प्रदेश के निजी स्कूलों की फीस, प्रवेश प्रक्रिया और पाठ्यक्रम को संचालित करने के लिए कानून बनाने, रेगुलेटरी कमीशन गठित करने, ट्यूशन फीस के साथ एनुअल चार्ज सहित सभी तरह के चार्ज की वसूली पर रोक लगाने, ड्रेस, किताबों और कार्यक्रम के नाम पर होने वाली ठगी को रोकने जैसे मुद्दों को लेकर यह धरना प्रदर्शन मंच की ओर से किया गया.

वीडियो रिपोर्ट.

निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ लड़ते रहेंगे
छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि सरकार अखबारी बयान देकर अभिभावकों को ठगने का कार्य कर रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मंच निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ तब तक लड़ता रहेगा, जब तक ठोस कानून नहीं बनता. विजेंद्र मेहरा ने कहा कि सरकार वर्ष 1997 के कानून में संशोधन करके छात्रों और अभिभावकों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है.

सरकार-अभिभावक के पास होनी चाहिए शक्तियां

सरकार ने कैबिनेट बैठक में पहले भी इस कानून में धारा 18 जोड़कर निजी स्कूलों को परोक्ष रूप से फायदा पहुंचाने की कोशिश की है. अब भी सरकार निजी स्कूलों को पीटीए के माध्यम से फीस बढ़ोतरी को कानूनी रूप देना चाहती है जबकि सब जानते हैं कि 99 प्रतिशत स्कूलों में केवल डमी पीटीए हैं. उन्होंने कहा कि फीस के मुद्दे को निर्धारित करने की शक्तियां निजी स्कूल प्रबंधकों और पीटीए के बजाय सरकार और अभिभावकों के जनरल हाउस के पास होनी चाहिए.

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सौंपा मांगपत्र

विधानसभा का घेराव करने के लिए पहुंचे छात्र अभिभावक मंच के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात की और उन्हें मांगपत्र सौंपकर निजी स्कूलों को संचालित करने के लिए ठोस कानून और रेगुलेटरी कमीशन गठित करने की मांग की. मुख्यमंत्री ने मंच को आश्वासन दिया है कि इस संदर्भ में उचित कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें: स्पेशल: बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई से परिजन परेशान, बच्चों के सवाल पूछने की क्षमता पर पड़ा प्रभाव

शिमला: निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ प्रदेश के छात्र अभिभावक मंच ने विधानसभा शिमला का घेराव किया. साथ ही विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन किया. धरना प्रदर्शन के दौरान अभिभावकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

कार्यक्रम के नाम पर होने वाली ठगी पर लगे रोक

यह प्रदर्शन प्रदेश के निजी स्कूलों की फीस, प्रवेश प्रक्रिया और पाठ्यक्रम को संचालित करने के लिए कानून बनाने, रेगुलेटरी कमीशन गठित करने, ट्यूशन फीस के साथ एनुअल चार्ज सहित सभी तरह के चार्ज की वसूली पर रोक लगाने, ड्रेस, किताबों और कार्यक्रम के नाम पर होने वाली ठगी को रोकने जैसे मुद्दों को लेकर यह धरना प्रदर्शन मंच की ओर से किया गया.

वीडियो रिपोर्ट.

निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ लड़ते रहेंगे
छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि सरकार अखबारी बयान देकर अभिभावकों को ठगने का कार्य कर रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मंच निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ तब तक लड़ता रहेगा, जब तक ठोस कानून नहीं बनता. विजेंद्र मेहरा ने कहा कि सरकार वर्ष 1997 के कानून में संशोधन करके छात्रों और अभिभावकों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है.

सरकार-अभिभावक के पास होनी चाहिए शक्तियां

सरकार ने कैबिनेट बैठक में पहले भी इस कानून में धारा 18 जोड़कर निजी स्कूलों को परोक्ष रूप से फायदा पहुंचाने की कोशिश की है. अब भी सरकार निजी स्कूलों को पीटीए के माध्यम से फीस बढ़ोतरी को कानूनी रूप देना चाहती है जबकि सब जानते हैं कि 99 प्रतिशत स्कूलों में केवल डमी पीटीए हैं. उन्होंने कहा कि फीस के मुद्दे को निर्धारित करने की शक्तियां निजी स्कूल प्रबंधकों और पीटीए के बजाय सरकार और अभिभावकों के जनरल हाउस के पास होनी चाहिए.

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सौंपा मांगपत्र

विधानसभा का घेराव करने के लिए पहुंचे छात्र अभिभावक मंच के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात की और उन्हें मांगपत्र सौंपकर निजी स्कूलों को संचालित करने के लिए ठोस कानून और रेगुलेटरी कमीशन गठित करने की मांग की. मुख्यमंत्री ने मंच को आश्वासन दिया है कि इस संदर्भ में उचित कार्रवाई की जाएगी.

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