शिमला: प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है. अब अभिभावकों को फीस जमा करवाने के नाम पर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. निजी स्कूलों ने ट्यूशन दरों में भारी भरकम बढ़ोतरी कर दी है. आरोप है कि फीस न देने पर अभिभावकों और बच्चों को मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है.
निजी स्कूलों की इसी मनमानी को देखते हुए अब छात्र-अभिभावक मंच ने निर्णायक आंदोलन शुरू किया है. मंच ने उच्चतर व प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने अपनी मनमानी व अभिभावकों की प्रताड़ना को बंद नहीं किया तो मंच के सदस्य 24 घंटे के लिए शिक्षा निदेशालय पर डेरा जमाकर बैठ जाएंगे. निजी स्कूलों की इसी मनमानी को देखते हुए अब छात्र-अभिभावक मंच ने निर्णायक आंदोलन शुरू किया है.
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि शिमला के निजी स्कूल छात्रों व अभिभावकों को फीस के नाम पर प्रताड़ित कर रहे हैं. यह स्कूल अभिभावकों को उनकी ओर से निर्धारित मनमानी फीस जमा करवाने के लिए दबाव बना रहे हैं. कई स्कूलों ने ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क जमा न करने पर बच्चों की कक्षांए बंद कर दी हैं. इन बच्चों को छात्रों के लिए बनाए गए स्टडी ग्रुप से बाहर कर दिया गया हैं. इससे छात्रों व अभिभावको को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं.
अभिभावकों को बार-बार फीस जमा करने के लिए मैसेज भेजे जा रहे हैं. इन फीसों में सभी तरह के शुल्क ट्यूशन फीस में जोड़ दिए गए हैं. ट्यूशन फीस के मुकाबले तीन गुणा ज्यादा फीसें जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है. यह सब सरकार व शिक्षा अधिकारियों की आंखों के सामने हो रहा है. उन्होंने कहा कि निजी स्कूल प्रदेश सरकार की 23 मई की कैबिनेट बैठक के निर्णय की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं. निजी स्कूलों की इस मनमानी के बावजूद भी इनके प्रबंधनों पर प्रदेश सरकार एपिडेमिक एक्ट व डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के अनुसार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि निजी स्कूलों की मनमानी व मानसिक प्रताड़ना के कारण अगर किसी भी बच्चे व अभिभावक के साथ कोई अनहोनी होती है तो उसके लिए सीधे शिक्षा अधिकारी जिम्मेवार होंगे. उन्होंने कहा कि अब शिक्षा निदेशालय की लापरवाही, लचर व गैर जिम्मेवारना कार्यप्रणाली को मंच स्वीकार नहीं करेगा. अगर अभिभावकों को न्याय नहीं मिला तो मंच के सदस्य शिक्षा निदेशालय के बाहर मोर्चाबंदी शुरू कर देंगे.
अभिभावक मंच ने कहा कि प्रदेश सरकार 23 मई के अपने ही आदेशों को लागू नहीं करवा पा रही है व निजी स्कूल खुली मनमानी पर उतर आए हैं और शिक्षा विभाग खामोश है. उन्होंने कहा कि शिक्षा निदेशालय की इस कार्यप्रणाली के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच आर-पार की लड़ाई लड़ेगा. निजी स्कूलों से संबंधित प्रदेश के चौदह लाख छात्रों व अभिभावकों से धोखा किया जा रहा है.