शिमला: प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है. इन स्कूलों की मनमानी से अभिभावक लगातार परेशान हो रहे हैं. शिक्षा विभाग और सरकार से बार-बार निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की जा रही है, लेकिन इसके बाद भी कोई सख्ती निजी स्कूलों पर विभाग नहीं दिखा रहा है.
इसी के विरोध में आज छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी सरकार व शिक्षा विभाग के खिलाफ की गई. छात्र अभिभावक मंच ने अपने प्रदर्शन के माध्यम से निजी स्कूलों की ओर से की जा रही मनमानी के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया.
मंच के सदस्यों और साथ आए अभिभावकों ने अपना मांग पत्र भी उच्च शिक्षा निदेशक की अनुपस्थिति में संयुक्त शिक्षा निदेशक को सौंपा. उन्होंने अधिकारियों को अवगत करवाया की किस तरह से यह निजी स्कूल सरकार और शिक्षा विभाग के आदेशों को ठेंगा दिखा रहे हैं.
निजी स्कूलों ने फीस ट्यूशन फीस में किया फेर बदल
कई स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने पहले ही तीन माह की फीस ट्यूशन फीस के साथ ही सभी तरह के फंड शामिल कर लिए हैं. अब जब अभिभावक उस अतिरिक्त ली गई फीस को आगमी फीस में एडजस्ट करने की बात स्कूल प्रबंधन से कर रहे हैं, तो उसके लिए स्कूल साफ मना कर रहे हैं.
छात्र अभिभावक मंच की इन सब शिकायतों पर शिक्षा अधिकारियों ने भी अपना पक्ष रखा और उन्होंने कहा कि उन्होंने छात्र अभिभावक मंच के कहने पर ही जिन स्कूलों के खिलाफ शिकायत दी गई थी, उन पर कार्रवाई भी की है.
फीस में बढ़ाई हुई दरों को घटाने की बात शिक्षा विभाग के समक्ष रखी
उन्हें नोटिस जारी किए गए थे और वहां उप निदेशकों ने इंस्पेक्शन कर उन स्कूलों की रिपोर्ट भी शिक्षा विभाग को दी है. इस रिपोर्ट में जो स्कूल बढ़ाई गई फीस दरों पर ट्यूशन फीस अभिभावकों से ले रहे थे. उन्होंने फीस दरों को घटाने की बात शिक्षा विभाग के समक्ष रखी है.
हालांकि यह भी सामने आया कि शिक्षा निदेशालय को निजी स्कूल जो रिपोर्ट पेश कर रहे हैं, उसके विपरीत ही फीस व अभिभावकों से मांग रहे हैं. जिसे लेकर बात अभिभावकों ने अधिकारियों के समक्ष रखी है.
छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि शिक्षा विभाग और सरकार के आदेशों के बाद भी कोविड के इस संकट के बीच निजी स्कूल मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. शिक्षा विभाग भी जब-जब मंच की ओर से प्रदर्शन किया जाता है या फिर आंदोलन करने की धमकी देता है.
शिक्षा विभाग ने नहीं की कोई सख्त कार्रवाई
तब शिक्षा विभाग कुछ ना कुछ नोटिस इन स्कूलों को जारी कर देता है, लेकिन अभी तक किसी भी तरह की कोई सख्त कार्रवाई इन स्कूलों के खिलाफ शिक्षा विभाग की ओर से नहीं की गई है. अभी भी बहुत से स्कूल नियमों को ताक पर रख कर बढ़ाई गई फीस दरों पर ट्यूशन फीस ले रहे हैं और जिन्होंने पहले ही फीस ले ली है. वह उस फीस को ना तो एडजस्ट कर रहे हैं ना ही वापस कर रहे हैं.
वहीं, कुछ स्कूल ऐसे है जो ट्यूशन फीस के साथ अन्य चार्ज भी ले रहे हैं. इन स्कूलों को सरकार और विभाग का भी संरक्षण मिल रहा है, तभी यह अपनी मनमानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी भी अगर विभाग कार्रवाई नहीं करता है, तो मजबूरन यह प्रदर्शन उग्र करना होगा.
नहीं पढ़ सकते हैं पसंदीदा कोर्स
निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर मंच का यह भी आरोप है कि अगर बच्चें के अंक कम आते है तो निजी स्कूल उन्हें उनकी पसंदीदा स्ट्रीम में ही प्रवेश नहीं देते है. वहीं, बहुत सी फर्जी एडमिशन इन स्कूलों में होती है जो बच्चें यहां पढ़ते भी नहीं और बाहर कोचिंग लेते हैं, लेकिन उनकी फीस अभिभावक स्कूल को देते हैं और उनकी हाजरी भी स्कूलों में लगती रहती है.
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