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प्रदेश के स्कूलों के लिए बनेगी खेल नीति, खेलकूद गतिविधियों के लिए पूरा शेड्यूल होगा तय

प्रदेश शिक्षा विभाग के निदेशकों के साथ हुई इस बैठक में यह फैसला हुआ है कि स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए खेलकूद गतिविधियों के लिए स्पोर्ट्स पॉलिसी बनाना जरूरी है.

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Published : Dec 5, 2019, 8:00 AM IST

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प्रदेश के स्कूलों के लिए बनेगी खेल नीति, खेलकूद गतिविधियों के लिए पूरा शेड्यूल होगा तय

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में होने वाली खेलकूद गतिविधियां अब नियमों के तहत ही होंगी. इसके लिए शिक्षा विभाग प्रदेश के स्कूलों में खेल नीति के तहत पूरा शेड्यूल और नियम तय करेगा. ये फैसला स्पोर्ट्स पॉलिसी के तहत शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया है.

प्रदेश शिक्षा विभाग के निदेशकों के साथ हुई इस बैठक में यह फैसला हुआ है कि स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए खेलकूद गतिविधियों के लिए स्पोर्ट्स पॉलिसी बनाना जरूरी है, जिसके तहत खेलकूद गतिविधियों के लिए शेड्यूल और नियम बन सके. शिक्षा मंत्री की ओर से शिक्षा अधिकारियों को यह निर्देश भी जारी किए गए हैं कि वह इस खेल नीति को लेकर पूरा प्रस्ताव तैयार करें.

वीडियो.

इस प्रस्ताव में प्राइमरी से लेकर सेकंडरी स्कूलों में कितनी खेल प्रतियोगिताएं वर्ष भर में होनी है और कब-कब यह खेल प्रतियोगिताएं करवाई जानी है यह सब तय किया जाएगा. इसके साथ ही प्राइमरी स्कूलों के छात्रों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में ना भेजकर उनकी प्रतियोगिताएं केवल ब्लॉक और जिला स्तर पर ही करवाई जाएं.

ये भी पढ़ें: हमीरपुर के महारल में फार्मासिस्ट के हवाले पूरा अस्पताल, सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत

बता दें कि स्कूलों में होने वाली विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं की वजह से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, इसलिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सरकार के समक्ष पहले भी अपना पक्ष रखा था और उसी पर संज्ञान लेते हुए अब खेल नीति बनाने की बात कही गई है. प्रदेश के स्कूलों में छात्रों के टूर्नामेंट समय-समय पर होते रहते हैं और इन टूर्नामेंट में काफी संख्या में शिक्षक छात्रों के साथ चले जाते हैं जिसकी वजह से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है.

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में होने वाली खेलकूद गतिविधियां अब नियमों के तहत ही होंगी. इसके लिए शिक्षा विभाग प्रदेश के स्कूलों में खेल नीति के तहत पूरा शेड्यूल और नियम तय करेगा. ये फैसला स्पोर्ट्स पॉलिसी के तहत शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया है.

प्रदेश शिक्षा विभाग के निदेशकों के साथ हुई इस बैठक में यह फैसला हुआ है कि स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए खेलकूद गतिविधियों के लिए स्पोर्ट्स पॉलिसी बनाना जरूरी है, जिसके तहत खेलकूद गतिविधियों के लिए शेड्यूल और नियम बन सके. शिक्षा मंत्री की ओर से शिक्षा अधिकारियों को यह निर्देश भी जारी किए गए हैं कि वह इस खेल नीति को लेकर पूरा प्रस्ताव तैयार करें.

वीडियो.

इस प्रस्ताव में प्राइमरी से लेकर सेकंडरी स्कूलों में कितनी खेल प्रतियोगिताएं वर्ष भर में होनी है और कब-कब यह खेल प्रतियोगिताएं करवाई जानी है यह सब तय किया जाएगा. इसके साथ ही प्राइमरी स्कूलों के छात्रों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में ना भेजकर उनकी प्रतियोगिताएं केवल ब्लॉक और जिला स्तर पर ही करवाई जाएं.

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बता दें कि स्कूलों में होने वाली विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं की वजह से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, इसलिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सरकार के समक्ष पहले भी अपना पक्ष रखा था और उसी पर संज्ञान लेते हुए अब खेल नीति बनाने की बात कही गई है. प्रदेश के स्कूलों में छात्रों के टूर्नामेंट समय-समय पर होते रहते हैं और इन टूर्नामेंट में काफी संख्या में शिक्षक छात्रों के साथ चले जाते हैं जिसकी वजह से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है.

Intro:प्रदेश के स्कूलों में होने वाली खेलकूद गतिविधियां अब नियमों के तहत ही होंगी। खेलकूद गतिविधियों के लिए जल्द ही खेल नीति प्रदेश में लागू होगी जिसके तहत प्रदेश के स्कूलों में खेलकूद गतिविधियों के लिए पूरा शेड्यूल और नियम तय किए जाएंगे। सरकार की ओर से स्पोर्ट्स पॉलिसी को प्रदेश के स्कूलों में लागू किया जाएगा जिसे लेकर फैसला शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया है। प्रदेश शिक्षा विभाग के निदेशकों के साथ हुई इस बैठक में यह फ़ैसला हुआ है कि स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए खेलकूद गतिविधियों के लिए स्पोर्ट्स पालिसी बनाना जरूरी है, जिसके तहत खेलकूद गतिविधियों के लिए शैड्यूल और नियम बन सके।


Body:शिक्षा मंत्री की ओर से शिक्षा अधिकारियों को यह निर्देश भी जारी किए गए हैं कि वह इस खेल नीति को लेकर पूरा प्रस्ताव तैयार करें। इस प्रस्ताव में प्राइमरी से लेकर सेकंडरी स्कूलों में कितनी खेल प्रतियोगिताएं वर्ष भर में होनी है और कब-कब यह खेल प्रतियोगिताएं करवाई जानी है यह सब तय किया जाएगा। इसके साथ ही प्राइमरी स्कूलों के छात्रों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में ना भेजकर उनकी प्रतियोगिताएं केवल ब्लॉक और जिला स्तर पर ही करवाई जाए यह भी इस खेल पॉलिसी का हिस्सा रहेगा। इस बैठक में प्रधान शिक्षा सचिव केके पंत उच्च शिक्षा निदेशक डॉ अमरदीप शर्मा प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जमवाल सहित समग्र शिक्षा निदेशक आशीष को मौजूद रहे। बता दें कि स्कूलों में होने वाली विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं की वजह से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, इसलिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सरकार के समक्ष पहले भी अपना पक्ष रखा था और उसी पर संज्ञान लेते हुए अब खेल नीति बनाने की बात की गई है। प्रदेश के स्कूलों में छात्रों के टूर्नामेंट समय-समय पर होते रहते हैं और इन टूर्नामेंट में काफी संख्या में शिक्षक छात्रों के साथ चले जाते हैं जिसकी वजह से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है।


Conclusion:अब ऐसे में जब स्पोर्ट्स पॉलिसी बनाकर इसे लागू कर दिया जाएगा तो उसी के अनुसार वर्ष भर खेलकूद की गतिविधियां स्कूलों में आयोजित होंगी। खेलकूद गतिविधियों को करवाने में ओर इसमें कितने शिक्षक भाग लेंगें इसके लिए शिक्षा विभाग व सरकार की मंजूरी लेना भी अनिवार्य होगा। इसी के साथ स्कूलों में होने वाली अनेक गतिविधियां जैसे स्वच्छता रैली,शिक्षकों की ट्रेनिंग को लेकर भी अलग से शेडूल बनाया जाएगा। वहीं 800 स्कूलों में स्मार्ट का क्लास कक्षाएं बनाए जाने को लेकर भी चर्चा बैठक में हुई है। स्कूलों में जल्दी ऑनलाइन क्लास रूम बनाने का कार्य पूरा किया जाएगा।
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