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किसकी गलती? कोरोना के 4000 सैंपल टेस्ट करने के आदेश, लेकिन टारगेट नहीं हो पा रहा पूरा - हिमाचल कोरोना केस

हिमाचल प्रदेश में संक्रमण के नमूनों की क्षमता को भी बढ़ाने के बारे में प्रशासन आदेश जारी कर रहा है, ताकि कोरोना संक्रमण से ग्रसित मरीजों को उपचार देकर उनकी जान बचाई जा सके, लेकिन प्रशासन के बार-बार आदेशों के बाद भी जिलों के सीएमओ इस संबंध में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं. प्रशासन द्वारा प्रतिदिन कम से कम 4000 सैंपल टेस्ट करने के आदेश हैं, लेकिन यह आंकड़ा 3200 से 3500 हो तक ही पहुंच पा रहा है. जिससे संक्रमितों की कम संख्या सामने आ रही है.

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Published : Oct 24, 2020, 8:51 PM IST

Updated : Oct 30, 2020, 8:51 PM IST

शिमला: प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी देखी जा रही है जो कि राहत की बात है, लेकिन इसके साथ ही प्रदेश में प्रतिदिन लिए जा रहे संक्रमण के नमूनों की क्षमता को भी बढ़ाने के बारे में प्रशासन आदेश जारी कर रहा है, ताकि कोरोना संक्रमण से ग्रसित मरीजों को उपचार देकर उनकी जान बचाई जा सके, लेकिन प्रशासन के बार-बार आदेशों के बाद भी जिलों के सीएमओ इस संबंध में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं.

प्रशासन द्वारा प्रतिदिन कम से कम 4000 सैंपल टेस्ट करने के आदेश हैं, लेकिन यह आंकड़ा 3200 से 3500 हो तक ही पहुंच पा रहा है. जिससे संक्रमितों की कम संख्या सामने आ रही है. संक्रमण के सबसे ज्यादा सैंपल लेने का आदेश कांगड़ा जिला को दिया गया है. कांगड़ा जिला प्रदेश में जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला है और प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने जिला से प्रतिदिन 1200 सैंपल टेस्ट करने का टारगेट दिया है, लेकिन अभी तक यह टारगेट पूरा नहीं हो पा रहा है जो की चिंता का विषय है.

वीडियो रिपोर्ट.

अगर प्रदेश में प्रतिदिन कोरोना संक्रमण के 4000 टेस्ट का टारगेट पूरा होता है तो जरूर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी होगी, लेकिन इससे सैकड़ों लोगों की जान बचाई जा सकेगी. इसके अलावा प्रदेश में संक्रमण को फैलने से भी रोकने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी, लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा है. ऐसे में अधिकारियों को अधिक जिम्मेदारी से कार्य करना होगा.

हालांकि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा है कि प्रदेश में टेस्टिंग की क्षमता को 4000 किया जा रहा है. इस संबंध में सभी जिला के सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने टारगेट को पूरा करें. अगर किसी तरह की लापरवाही सामने जाती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. विशेष सचिव स्वास्थ्य डॉक्टर निपुण जिंदल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पांच प्रकार के टेस्ट किए जा रहे हैं.

जिनमें आरटी पीसीआर, ट्रूनेट, सीबी नेट, रैपिड एंटीजन टेस्ट और एंटीबॉडी टेस्ट हैं. उन्होंने कहा कि आरटी पीसीआर सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट है. प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए जिस नीति पर काम कर रहा है उसमें rt-pcr की महत्वपूर्ण भूमिका है.

इसके अलावा टुनाइट और टीवी नेट मशीन के लिए टेस्टिंग क्राइटेरिया अलग अलग रखा गया है जिसके अनुसार यदि कोई व्यक्ति गंभीर लक्षणों के साथ अस्पताल पहुंचता है और स्थिति नाजुक है तो उसकी आगे की इलाज के लिए ट्रूनेट का प्रयोग किया जाता है. इसके अलावा टीवी नेट का प्रयोग भी ऐसे व्यक्ति के इलाज के लिए किया जाता है. इसके अलावा डेड बॉडी की टेस्ट के लिए भी प्रदेश में टीवी नेट मशीन का प्रयोग किया जा रहा है.

डॉक्टर निपुण जिंदल ने कहा कि प्रदेश में अब रैपिड एंटीजन टेस्ट भी प्रयोग करना शुरू कर दिया है. इसके अलावा रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट भी किए जा रहे हैं. इनका प्रयोग केवल निगरानी के लिए किया जा रहा है. यह टेस्ट लोगों के किए जा रहे हैं. जिन पर हमेशा संक्रमण का खतरा बना रहता है.

डॉक्टर निपुण जिंदल ने कहा कि इंटेक्स के माध्यम से पता चलता है कि प्रदेश में कितने लोगों को कोरोना संक्रमण का शिकार होना पड़ा और यह लोग कोई भी कोरोना लक्षण नहीं आने के कारण अस्पतालों में नहीं पहुंच सके. इंटेक्स टो का प्रयोग केवल निगरानी के लिए किया जाता है, ताकि प्रदेश में कोरोना वायरस की सही स्थिति का आकंलन किया जा सके.

निपुण जिंदल ने कहा कि प्रदेश में आरटी पीसीआर टेस्टिंग के 8 केंद्र मौजूद हैं. जिनमें प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज शामिल हैं. इसके अलावा सीआरआई कसौली और पालमपुर में भी यह टेस्ट करवाए जा रहे हैं. वहीं, अगर ट्रूनेट टेस्ट की बात करें तो यह प्रदेश में 25 स्थानों पर किए जा रहे हैं यह सभी जिला अस्पतालों में और इसके अलावा प्रदेश के अन्य बड़े अस्पताल जहां मरीजों की संख्या अधिक रहती है वहां पर किए जा रहे हैं.

डॉक्टर निपुण जिंदल ने कहा कि सीबी नेट टेस्ट प्रदेश में स्थानों पर किए जा रहे हैं. वहीं, एंटीजन टेस्ट के लिए कोई भी सेंटर निर्धारित नहीं होता. यह पूरे प्रदेश में कहीं पर भी किया जा सकता है. डॉक्टर निपुण जिंदल ने कहा कि फिलहाल प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन यदि लोग मास्क का प्रयोग करें और फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियम को अपनाएं तो कोरोना संक्रमण से बचा जा सकेगा. इसके अलावा बार-बार हाथ धोने की आदत अपनाना बहुत जरूरी है. यह आदत भविष्य में बहुत काम आने वाली है.

शिमला: प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी देखी जा रही है जो कि राहत की बात है, लेकिन इसके साथ ही प्रदेश में प्रतिदिन लिए जा रहे संक्रमण के नमूनों की क्षमता को भी बढ़ाने के बारे में प्रशासन आदेश जारी कर रहा है, ताकि कोरोना संक्रमण से ग्रसित मरीजों को उपचार देकर उनकी जान बचाई जा सके, लेकिन प्रशासन के बार-बार आदेशों के बाद भी जिलों के सीएमओ इस संबंध में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं.

प्रशासन द्वारा प्रतिदिन कम से कम 4000 सैंपल टेस्ट करने के आदेश हैं, लेकिन यह आंकड़ा 3200 से 3500 हो तक ही पहुंच पा रहा है. जिससे संक्रमितों की कम संख्या सामने आ रही है. संक्रमण के सबसे ज्यादा सैंपल लेने का आदेश कांगड़ा जिला को दिया गया है. कांगड़ा जिला प्रदेश में जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला है और प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने जिला से प्रतिदिन 1200 सैंपल टेस्ट करने का टारगेट दिया है, लेकिन अभी तक यह टारगेट पूरा नहीं हो पा रहा है जो की चिंता का विषय है.

वीडियो रिपोर्ट.

अगर प्रदेश में प्रतिदिन कोरोना संक्रमण के 4000 टेस्ट का टारगेट पूरा होता है तो जरूर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी होगी, लेकिन इससे सैकड़ों लोगों की जान बचाई जा सकेगी. इसके अलावा प्रदेश में संक्रमण को फैलने से भी रोकने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी, लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा है. ऐसे में अधिकारियों को अधिक जिम्मेदारी से कार्य करना होगा.

हालांकि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा है कि प्रदेश में टेस्टिंग की क्षमता को 4000 किया जा रहा है. इस संबंध में सभी जिला के सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने टारगेट को पूरा करें. अगर किसी तरह की लापरवाही सामने जाती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. विशेष सचिव स्वास्थ्य डॉक्टर निपुण जिंदल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पांच प्रकार के टेस्ट किए जा रहे हैं.

जिनमें आरटी पीसीआर, ट्रूनेट, सीबी नेट, रैपिड एंटीजन टेस्ट और एंटीबॉडी टेस्ट हैं. उन्होंने कहा कि आरटी पीसीआर सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट है. प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए जिस नीति पर काम कर रहा है उसमें rt-pcr की महत्वपूर्ण भूमिका है.

इसके अलावा टुनाइट और टीवी नेट मशीन के लिए टेस्टिंग क्राइटेरिया अलग अलग रखा गया है जिसके अनुसार यदि कोई व्यक्ति गंभीर लक्षणों के साथ अस्पताल पहुंचता है और स्थिति नाजुक है तो उसकी आगे की इलाज के लिए ट्रूनेट का प्रयोग किया जाता है. इसके अलावा टीवी नेट का प्रयोग भी ऐसे व्यक्ति के इलाज के लिए किया जाता है. इसके अलावा डेड बॉडी की टेस्ट के लिए भी प्रदेश में टीवी नेट मशीन का प्रयोग किया जा रहा है.

डॉक्टर निपुण जिंदल ने कहा कि प्रदेश में अब रैपिड एंटीजन टेस्ट भी प्रयोग करना शुरू कर दिया है. इसके अलावा रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट भी किए जा रहे हैं. इनका प्रयोग केवल निगरानी के लिए किया जा रहा है. यह टेस्ट लोगों के किए जा रहे हैं. जिन पर हमेशा संक्रमण का खतरा बना रहता है.

डॉक्टर निपुण जिंदल ने कहा कि इंटेक्स के माध्यम से पता चलता है कि प्रदेश में कितने लोगों को कोरोना संक्रमण का शिकार होना पड़ा और यह लोग कोई भी कोरोना लक्षण नहीं आने के कारण अस्पतालों में नहीं पहुंच सके. इंटेक्स टो का प्रयोग केवल निगरानी के लिए किया जाता है, ताकि प्रदेश में कोरोना वायरस की सही स्थिति का आकंलन किया जा सके.

निपुण जिंदल ने कहा कि प्रदेश में आरटी पीसीआर टेस्टिंग के 8 केंद्र मौजूद हैं. जिनमें प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज शामिल हैं. इसके अलावा सीआरआई कसौली और पालमपुर में भी यह टेस्ट करवाए जा रहे हैं. वहीं, अगर ट्रूनेट टेस्ट की बात करें तो यह प्रदेश में 25 स्थानों पर किए जा रहे हैं यह सभी जिला अस्पतालों में और इसके अलावा प्रदेश के अन्य बड़े अस्पताल जहां मरीजों की संख्या अधिक रहती है वहां पर किए जा रहे हैं.

डॉक्टर निपुण जिंदल ने कहा कि सीबी नेट टेस्ट प्रदेश में स्थानों पर किए जा रहे हैं. वहीं, एंटीजन टेस्ट के लिए कोई भी सेंटर निर्धारित नहीं होता. यह पूरे प्रदेश में कहीं पर भी किया जा सकता है. डॉक्टर निपुण जिंदल ने कहा कि फिलहाल प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन यदि लोग मास्क का प्रयोग करें और फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियम को अपनाएं तो कोरोना संक्रमण से बचा जा सकेगा. इसके अलावा बार-बार हाथ धोने की आदत अपनाना बहुत जरूरी है. यह आदत भविष्य में बहुत काम आने वाली है.

Last Updated : Oct 30, 2020, 8:51 PM IST
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