शिमला: 27 दिसंबर को सरकार अपना दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर जश्न मनाने की तैयारी में है. जश्न के लिए रिज मैदान पर सरकार ने तंबू गाड़ दिए हैं. तो वहीं विपक्ष भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले बैठा है. दो साल के कार्यकाल को सीएम से लेकर मंत्री तक सफल बता रहे हैं.
वहीं, विपक्ष सरकार को हर मोर्च पर फेल बता रहा है. दो साल के कार्यकाल पर सरकार और विपक्ष में रार छिड़ी है. 2019 में जयराम सरकार इन्वेस्टर मीट को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताती है. इन्वेस्टर मीट में खुद पीएम मोदी बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए थे.
देवभूमि को कर्मभूमि बनाने के लिए देश-विदेश की कंपनियों ने 92 हजार करोड़ के एमओयू हिमाचल सरकार के साथ साइन किए हैं. अगर सब ठीक ठाक रहा तो हिमाचल में लगभग 1 लाख 85 हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद हैं, लेकिन विपक्ष सरकार की इस इन्वेस्टर्स मीट को फिजूल खर्ची बता रहा है.
अब इस इन्वेस्टर मीट से हिमाचल में निवेश आता है या नहीं या फिर ये एमओयू कागजों में ही साइन हो कर रह जाते हैं ये आने वाला वक्त ही बताएगा. इसके अलावा जयराम सरकार दो साल में 2800 सौ करोड़ का और अधिक कर्ज प्रदेश के खाते में जोड़ चुकी है.
इसके अलावा सरकार ने 2018 के बजट सत्र में 27 और 2019 में 22 योजनाएं शुरू करने की घोषणा की थी. इसके अलावा सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन अपनी योजनाओं को सरकार लोगों तक पहुंचाने में सरकार पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार ने हिमकेयर योजना शुरू की है.
इस योजना के तहत 1800 बीमारियों के मुफ्त इलाज का प्रावधान हैं. शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन अटल वर्दी योजना पर प्रदेश की जनता और विपक्ष ने सवालिया निशान खड़े कर दिए. सरकार ने महिलाओं के लिए गृहणी सुविधा योजना, जनमंच कार्यक्रमों को अपनी बड़ी उपलब्धियां बताते हुए 2 साल के जश्न की तैयारी में हैं तो दूसरी ओर विपक्ष सरकार के दो साल के कार्यकाल को फेल बताते हुए धिक्कार दिवस मनाने की तैयारी में है.
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