शिमला: कोरोना महामारी के दौर में विद्युत संशोधन बिल-2020 देशभर में चर्चित है. इस बिल के विभिन्न पहलुओं पर ईटीवी भारत ने एचपी स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के सयुंक्त निदेशक (लोक संपर्क) अनुराग पराशर और बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के महासचिव हीरा लाल वर्मा के साथ चर्चा की.
एचपी स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के सयुंक्त निदेशक अनुराग पराशर के अनुसार केंद्र सरकार व राज्य सरकारों की भी यही मंशा है कि आम जनता और उद्योगों को सस्ती और निर्बाध बिजली मिले. सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर ये संशोधन बिल तैयार किया गया है.
उन्होंने कहा कि स्टेक होल्डर से सुझाव मांगे गए हैं और इसके लिए पांच जून तक की समय सीमा रखी गई है. अनुराग पराशर ने कहा कि पहले भी बिजली क्षेत्र से जुड़े संशोधन बिल लाए जा चुके हैं.
आम जनता के हित में नहीं बिल- हीरा लाल वर्मा
चर्चा के दौरान बिजली बोर्ड में ढाई दशक की सेवाओं का अनुभव रखने वाले हीरा लाल वर्मा का मानना है कि यह बिल किसी भी रूप में आम जनता और बिजली कर्मियों के हित में नहीं है.
उन्होंने कहा कि यह निजीकरण की तरफ एक कदम है. इससे बिजली उत्पादन और वितरण की सारी प्रक्रिया चुनिंदा हाथों में चली जाएगी.
वर्मा ने कहा कि हिमाचल सहित देश के अन्य राज्यों के बिजली कर्मचारी भी इस संशोधन बिल के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलकर कर्मचारी यूनियन विरोध जताते हुए अपना पक्ष रखेगी.
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