शिमला: प्रदेश में 12 अक्टूबर से सभी शैक्षणिक संस्थानों में 100 फीसदी स्टाफ आएगा. इसे लेकर प्रदेश सरकार की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं. स्कूलों को खोलने को लेकर एसओपी जारी कर दी गई है.
एसओपी के तहत यह प्रावधान किया गया है कि 12 अक्टूबर से सभी शिक्षक और सभी गैर शिक्षक शैक्षणिक संस्थानों में आएंगे. स्कूलों में आने वाले शिक्षकों को प्रधानाचार्य से मिलकर छात्रों के बैठने की व्यवस्था पर माइक्रो प्लान तैयार करना होगा. 17 अक्टूबर तक हर स्कूल को अपने जिला के उपनिदेशकों को यह माइक्रो प्लान तैयार कर सौंपना होगा.
तय एसओपी के तहत सभी सरकारी शैक्षणिक संस्थानों, स्कूलों को अभिभावकों से ई-पीटीएम के माध्यम से संवाद करना होगा. 15 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक यह ई-पीटीएम करवानी होगी. इन ई पीटीएम के माध्यम से जहां स्कूलों में कोविड 19 से छात्रों को बचाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के साथ ही क्या-क्या एहतियात बरती जा रही हैं. इसके बारे में बताना होगा.
इसके साथ ही हर हफ्ते करवाए जा रहे क्विज में छात्रों की परफॉर्मेंस के साथ ही फर्स्ट टर्म की परीक्षाओं में छात्रों की परफॉर्मेंस के साथ ही ऑनलाइन माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जा रहा सिलेबस भी साझा करना होगा. एसओपी में तय किया गया है कि छात्रों की पढ़ाई उसी तरह से ऑनलाइन माध्यम से जारी रखी जाएगी.
'हर घर पाठशाला' कार्यक्रम के माध्यम से जैसे अभी छात्र घरों पर रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. उसी तरह से उनकी पढ़ाई आगे भी जारी रखी जायेगी. इसके साथ ही ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई से नहीं जुड़ पाए छात्रों को उनके घर तक नोट्स पहुंचाने की जिम्मेदारी स्कूल के प्रिंसिपल ओर हेडमास्टर की होगी.
सरकार की ओर से स्कूलों को खोलने को लेकर जारी की गई एसओपी के बारे में बताते हुए समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक ने कहा कि 12 अक्टूबर से सभी शैक्षणिक संस्थानों में सभी शिक्षक और गैर शिक्षक आएंगे. हालांकि, अभी छात्रों को स्कूलों में नियमित रूप स्व कक्षाएं लगाने के लिए नहीं बुलाया जाएगा.
परामर्श लेने के लिए आ सकते है छात्र
भले ही शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी निर्देशों और एसओपी के तहत प्रदेश के स्कूलों को 12 अक्टूबर से खोला जा रहा है और 100 फीसदी स्टॉफ स्कूलों में आएगा, लेकिन अभी छात्र फिलहाल स्कूलों में नहीं आएंगे. मात्र नौंवी से बाहरवीं कक्षा तक के छात्र शिक्षकों का परामर्श लेने के लिए अभिभावकों का अनुमति पत्र साथ लेकर स्कूलों में आ सकते है.