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अब बिजली कट से नहीं रुकेंगे ऑपरेशन, जल्द सौर ऊर्जा से जगमगाएगा राजधानी का सबसे पुराना अस्पताल - solar power plant

दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में जल्द लगेगा सौर ऊर्जा प्लांट अब DDU अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान नहीं जाएगी बिजली अस्पताल को बिजली के खर्च से मिलेगा छुटकारा

दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल
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Published : Apr 13, 2019, 7:14 PM IST

शिमला: राजधानी का सबसे पुराना अस्पताल रिपन जल्द ही सौर ऊर्जा की रोशनी से जगमगाएगा. पूरे अस्पताल को रोशन करने के लिए सौर लाइट का इस्तेमाल किया जाएगा. अस्पताल के नए भवन की छत पर जल्द सौर ऊर्जा प्लांट लगेगा, जिससे पूरा अस्पताल रोशन होगा.

दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल

अस्पताल प्रबंधन ने इस योजना को सिरे चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस प्लांट को हिम ऊर्जा विभाग के माध्यम से रिपन यानी की दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में लगाया जाएगा. अस्पताल प्रशासन इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कर चुका है.

बता दें कि रिपन शिमला जिला का पहला ऐसा अस्पताल होगा, जिसमें 100 किलोवॉट की क्षमता का सोलर प्लांट लगाया जाएगा. इस प्लांट के लगने से अस्पताल में हर साल आने वाले करोड़ों के खर्च से अस्पताल प्रशासन को राहत मिलेगी. इस सुविधा का सबसे अधिक लाभ अस्पताल को बिजली आपूर्ति बाधित होने पर होगा. अस्पताल में जब बिजली चली जाती है तो कई टेस्ट और कार्य प्रभावित होते है. यहां तक कि ऑपरेशन भी नहीं हो पाते हैं, लेकिन अब सोलर प्लांट लगने से इस समस्या का समाधान भी मिल जाएगा. इस प्लांट के लगने से अस्पताल के पुराने भवन के साथ ही नए भवन में भी बिजली पर आने वाले भारी भरकम बिल से प्रबंधन को राहत मिलेगी.

रिपन अस्पताल के सीनियर मेडिकल सुप्रिडेंट डॉ. लोकेंद्र ने कहा कि अस्पताल में एक हफ्ते में सौर ऊर्जा प्लांट लग जाएगा. इससे साल भर में बिजली में होने वाले खर्च में कमी आएगी और पर्यावरण को भी इसका लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि दो से ढाई करोड़ की लागत से यह पूरा प्रोजेक्ट बन कर तैयार होगा. अस्पताल प्रबंधन की ओर से ये कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाया जा गया है.

शिमला: राजधानी का सबसे पुराना अस्पताल रिपन जल्द ही सौर ऊर्जा की रोशनी से जगमगाएगा. पूरे अस्पताल को रोशन करने के लिए सौर लाइट का इस्तेमाल किया जाएगा. अस्पताल के नए भवन की छत पर जल्द सौर ऊर्जा प्लांट लगेगा, जिससे पूरा अस्पताल रोशन होगा.

दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल

अस्पताल प्रबंधन ने इस योजना को सिरे चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस प्लांट को हिम ऊर्जा विभाग के माध्यम से रिपन यानी की दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में लगाया जाएगा. अस्पताल प्रशासन इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कर चुका है.

बता दें कि रिपन शिमला जिला का पहला ऐसा अस्पताल होगा, जिसमें 100 किलोवॉट की क्षमता का सोलर प्लांट लगाया जाएगा. इस प्लांट के लगने से अस्पताल में हर साल आने वाले करोड़ों के खर्च से अस्पताल प्रशासन को राहत मिलेगी. इस सुविधा का सबसे अधिक लाभ अस्पताल को बिजली आपूर्ति बाधित होने पर होगा. अस्पताल में जब बिजली चली जाती है तो कई टेस्ट और कार्य प्रभावित होते है. यहां तक कि ऑपरेशन भी नहीं हो पाते हैं, लेकिन अब सोलर प्लांट लगने से इस समस्या का समाधान भी मिल जाएगा. इस प्लांट के लगने से अस्पताल के पुराने भवन के साथ ही नए भवन में भी बिजली पर आने वाले भारी भरकम बिल से प्रबंधन को राहत मिलेगी.

रिपन अस्पताल के सीनियर मेडिकल सुप्रिडेंट डॉ. लोकेंद्र ने कहा कि अस्पताल में एक हफ्ते में सौर ऊर्जा प्लांट लग जाएगा. इससे साल भर में बिजली में होने वाले खर्च में कमी आएगी और पर्यावरण को भी इसका लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि दो से ढाई करोड़ की लागत से यह पूरा प्रोजेक्ट बन कर तैयार होगा. अस्पताल प्रबंधन की ओर से ये कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाया जा गया है.

Intro:शिमला का सबसे पुराना अस्पताल रिपन जल्द ही सौर ऊर्जा की रोशनी से जगमगाएगा। पूरे अस्पताल को रोशन करने के लिए सौर लाइट का इस्तेमाल होगा। अस्पताल के नए बने भवन की छत पर सौर ऊर्जा प्लांट जल्द लगेगा जिससे कि पूरा अस्पताल रोशन होगा। अस्पताल प्रबंधन ने इस योजना को सिरे चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हिम ऊर्जा विभाग के माध्यम से इस प्लांट को रिपन यांनी की दीन दयालउ पाध्याय अस्पताल में लगाया जायेगा। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया भी अस्पताल प्रशासन कर चुका है।


Body:रिपन शिमला जिला का पहला ऐसा अस्पताल होगा जिसमें 100 किलोवॉट की क्षमता का सोलर प्लांट लगाया जाएगा। इस प्लांट के लगने से अस्पताल में हर साल आने वाले करोड़ों के खर्च से अस्पताल प्रशासन को राहत मिलेगी। इस सुविधा का सबसे अधिक लाभ अस्पताल को बिजली आपूर्ति बाधित होने पर होगा। अस्पताल में कभी जब बिजली चली जाती है तो कई टेस्ट और कार्य प्रभावित होते है । यहां तक कि ऑपरेशन भी नहीं हो पाते है ,लेकिन सोलर प्लांट लगने से इस समस्या का समाधान भी अस्पताल को मिल जाएगा।


Conclusion:इस प्लांट के लगने से अस्पताल के पुराने भवन के साथ ही नए भवन में भी आने वाले बिजली के भारी भरकम बिल से राहत प्रबंधन को मिलेगी। रिपन अस्पताल के सीनियर मेडिकल सुप्रिडेंट डॉ.लोकेंद्र ने कहा कि एक सप्ताह के बीच में यह सौर ऊर्जा प्लांट अस्पताल में लग जाएगा। इस से जहां साल भर में बिजली में होने वाले खर्च में कमी आएगी तो वहीं जिनसेट से जो पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह है उस से भी राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि दो से ढाई करोड़ की लागत से यह पूरा प्रोजेक्ट बन कर तैयार होगा जो की हिम ऊर्जा की ओर से पूरा किया जाएगा। अस्पताल प्रबंधन की ओर से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी यह कदम उठाया जा गया है।
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