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प्रदेश के 312 सरकारी स्कूल होंगे रोशन, लगेगी सोलर लाइट - सरकारी स्कूलों में अभी तक बिजली नहीं

प्रदेश के जिन 312 के करीब सरकारी स्कूलों में अभी तक बिजली नहीं पहुंच पाई है. अब जल्द ही सोलर लाइट से इन स्कूलों का अंधेरा दूर होगा.

Solar lights in government schools himachal
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Published : Oct 21, 2019, 7:13 PM IST

Updated : Oct 21, 2019, 8:11 PM IST

शिमला: प्रदेश के जिन 312 के करीब सरकारी स्कूलों में अभी तक बिजली नहीं पहुंच पाई है. अब जल्द ही सोलर लाइट से इन स्कूलों का अंधेरा दूर होगा. प्रदेश के यह सरकारी स्कूल ऐसे है जो पंद्रह से बीस साल बीतने के बाद भी लाइट से रोशन नहीं हो पाए हैं, लेकिन अब यह स्कूल सोलर लाइट से रोशन होंगे.

सोलर लाइट की रोशनी से इन स्कूलों को जल्द ही शिक्षा विभाग की ओर से रोशन किया जाएगा. शिक्षा विभाग की ओर से हिम ऊर्जा को इन स्कूलों में सोलर पैनल लगाने के लिए राशी दी गई थी. इसके बाद टेंडर भी हिम ऊर्जा की तरफ से कर दिए गए हैं. अब एक या दो महीने के अंदर सोलर पैनल इन स्कूलों में लग जाएंगे.

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सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि भारत सरकार की ओर से इस योजना के लिए 11 करोड़ शिक्षा विभाग को मिले थे. इसे शिक्षा विभाग ने हिम ऊर्जा को दिया है, जिससे अब इन स्कूलों को रोशन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हिम ऊर्जा ने जिन स्कूलों में यह सोलर लाइट्स लगाई जानी है उनकी विजिबिलिटी भी चैक कर ली है. अब जिस कंपनी को टेंडर दिया गया है वह सोलर लाइट लगाने की प्रक्रिया को पूरा करेगी. केंद्र सरकार की ओर से जो राशि मिली है उससे केवल स्कूल ही नहीं बल्कि दो कस्तूरबा हॉस्टलों को भी रोशन किया जाएगा.

बता दें कि प्रदेश के कुछ स्कूल जो काफी इंटीरियर क्षेत्रों में है उन स्कूलों में अभी तक बिजली शिक्षा विभाग मुहैया नहीं करवा पाया है. इसकी वजह से न तो यह स्कूल बिजली कनेक्शन से जुड़ पाए हैं न ही कंप्यूटर शिक्षा इन स्कूलों के छात्र ग्रहण कर पाए हैं. ऐसे में शिक्षा विभाग ने विकल्प के तौर पर इन स्कूलों को सोलर लाइट से रोशन करने जा रहा है.

ये भी पढ़ें: मां भीमाकाली के आशीर्वाद से स्वस्थ हूं, जल्द आऊंगा मिलने: वीरभद्र सिंह

शिमला: प्रदेश के जिन 312 के करीब सरकारी स्कूलों में अभी तक बिजली नहीं पहुंच पाई है. अब जल्द ही सोलर लाइट से इन स्कूलों का अंधेरा दूर होगा. प्रदेश के यह सरकारी स्कूल ऐसे है जो पंद्रह से बीस साल बीतने के बाद भी लाइट से रोशन नहीं हो पाए हैं, लेकिन अब यह स्कूल सोलर लाइट से रोशन होंगे.

सोलर लाइट की रोशनी से इन स्कूलों को जल्द ही शिक्षा विभाग की ओर से रोशन किया जाएगा. शिक्षा विभाग की ओर से हिम ऊर्जा को इन स्कूलों में सोलर पैनल लगाने के लिए राशी दी गई थी. इसके बाद टेंडर भी हिम ऊर्जा की तरफ से कर दिए गए हैं. अब एक या दो महीने के अंदर सोलर पैनल इन स्कूलों में लग जाएंगे.

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सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि भारत सरकार की ओर से इस योजना के लिए 11 करोड़ शिक्षा विभाग को मिले थे. इसे शिक्षा विभाग ने हिम ऊर्जा को दिया है, जिससे अब इन स्कूलों को रोशन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हिम ऊर्जा ने जिन स्कूलों में यह सोलर लाइट्स लगाई जानी है उनकी विजिबिलिटी भी चैक कर ली है. अब जिस कंपनी को टेंडर दिया गया है वह सोलर लाइट लगाने की प्रक्रिया को पूरा करेगी. केंद्र सरकार की ओर से जो राशि मिली है उससे केवल स्कूल ही नहीं बल्कि दो कस्तूरबा हॉस्टलों को भी रोशन किया जाएगा.

बता दें कि प्रदेश के कुछ स्कूल जो काफी इंटीरियर क्षेत्रों में है उन स्कूलों में अभी तक बिजली शिक्षा विभाग मुहैया नहीं करवा पाया है. इसकी वजह से न तो यह स्कूल बिजली कनेक्शन से जुड़ पाए हैं न ही कंप्यूटर शिक्षा इन स्कूलों के छात्र ग्रहण कर पाए हैं. ऐसे में शिक्षा विभाग ने विकल्प के तौर पर इन स्कूलों को सोलर लाइट से रोशन करने जा रहा है.

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Intro:प्रदेश के जिन 312 के करीब सरकारी स्कूलों में अभी तक बिजली नहीं पहुंच पाई है वह स्कूल अब जल्द ही सोलर लाइट से इन स्कूलों का वर्षों का अंधेरा दूर होगा। प्रदेश के यह सरकारी स्कूल ऐसे है जो पंद्रह से बीस साल बीतने के बाद भी लाइट से रोशन नहीं हो पाए है अब यह स्कूल सोलर लाइट से रोशन होंगे। सोलर लाइट की रोशनी से इन स्कूलों को जल्द ही शिक्षा विभाग की ओर से रोशन किया जाएगा। शिक्षा विभाग की ओर से हिम ऊर्जा को इन स्कूलों में सोलर पैनल लगाने के लिए राशी दी थी जिसके बाद टेंडर भी हिम ऊर्जा की तरफ से कर दिए गए है और अब एक या दो माह के अंदर यह सोलर पैनल इन स्कूलों में लग जाएंगे।


Body:सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि भारत सरकार की ओर से इस योजना के लिए 11 करोड़ शिक्षा विभाग को मिले थे जिसे शिक्षा विभाग ने हिम ऊर्जा को दिया है, जिससे अब इन स्कूलों को रोशन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिम ऊर्जा ने जिन स्कूलों में यह सोलर लाइट्स लगाई जानी है उनकी फिजिबिलिटी भी चैक कर ली है। अब जिस कंपनी को टेंडर दिया गया है वह सोलर लाइट लगाने की प्रक्रिया को पूरा करेगी। केंद्र सरकार की ओर से जो राशि मिली है उससे केवल स्कूल ही नहीं बल्कि दो कस्तूरबा हॉस्टलों को भी रोशन किया जाएगा।


Conclusion:बता दे की प्रदेश के कुछ स्कूल जो काफी इंटीरियर क्षेत्रों में है उन स्कूलों में अभी तक बिजली शिक्षा विभाग मुहैया नहीं करवा पाया है। इसकी वजह से ना तो यह स्कूल बिजली कनेक्शन से जुड़ पाए है ना ही कंप्यूटर शिक्षा इन स्कूलों के छात्र ग्रहण कर पाए है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने विकल्प के तौर पर इन स्कूलों को सोलर लाइट से रोशन करने जा रहा है। प्रदेश के हर एक जिला में है यह स्कूल है जहां तक अभी तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। वर्षों से यह स्कूल अंधेरे में ही है और अंधेरे कमरों में ही शिक्षा की लौ जलाई जा रही है लेकिन अब इन दो माह के अंदर यह स्कूल भी रोशनी से जगमगाएंगे।
Last Updated : Oct 21, 2019, 8:11 PM IST
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