शिमला: पावर सेक्टर में देश की मिनी नवरत्न कंपनी सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) के सिर सफलता का एक और ताज सजा है. पंजाब से एसजेवीएनएल को 1200 मेगावाट सोलर एनर्जी के विकास और खरीद को लेकर लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) यानी आशय पत्र हासिल हुआ है. एसजेवीएनएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) नंदलाल शर्मा ने शिमला में बताया कि 1200 मेगावाट सौर ऊर्जा की खरीद के लिए पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) से आशय पत्र (एलओआई) मिला है. एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) जो एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी है, ये देश में कहीं भी 1000 मेगावाट की परियोजना विकसित करेगी. इसके अलावा बाकी बचे 200 मेगावाट की परियोजना पंजाब राज्य में विकसित की जाएगी.
2997 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादित होने की उम्मीद: नंदलाल शर्मा ने बताया कि पीएसपीसीएल भारत में कहीं भी उत्पादित 1000 मेगावाट ऊर्जा को 2.53 प्रति यूनिट रुपये के टैरिफ पर खरीदेगी. वहीं, पंजाब में पैदा की जाने वाली 200 मेगावाट ऊर्जा को 2.75 प्रति यूनिट रुपये के टैरिफ पर खरीदा जाएगा. इन परियोजनाओं के विकास में लगभग 7000 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है. यह निवेश बिल्ड ऑन एंड ऑपरेट (बीओओ) आधार पर होगा. सीएमडी ने कहा कि इन परियोजनाओं से पहले वर्ष में 2997 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादित होने की उम्मीद है.
'1200 मेगावाट सौर ऊर्जा की खरीद के लिए पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) से आशय पत्र (एलओआई) मिला है. पीएसपीसीएल भारत में कहीं भी उत्पादित 1000 मेगावाट ऊर्जा को 2.53 प्रति यूनिट रुपये के टैरिफ पर खरीदेगी. वहीं, पंजाब में पैदा की जाने वाली 200 मेगावाट ऊर्जा को 2.75 प्रति यूनिट रुपये के टैरिफ पर खरीदा जाएगा.' :- नंदलाल शर्मा, सीएमडी, एसजेवीएनएल
69661 मिलियन यूनिट होगा संचयी ऊर्जा उत्पादन: आंकड़े के अनुसार, 25 साल की अवधि में संचयी ऊर्जा उत्पादन लगभग 69661 मिलियन यूनिट होगा. इन परियोजनाओं के कमीशन हो जाने के बाद से कार्बन उत्सर्जन में 34 लाख टन से अधिक कमी आने की संभावना है. विद्युत खरीद समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर करने की तारीख से 18 महीने की अवधि में परियोजना कमीशन हो जाएगी. पीएसपीसीएल और एसजीईएल के बीच जल्द ही 25 साल के लिए पीपीए हस्ताक्षरित किया जाएगा. इस करार पर हस्ताक्षर करने के साथ, एसजेवीएन का पोर्टफोलियो अब 55,527 मेगावाट हो गया है.
कंपनी वर्ष 2023-24 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट उत्पादन का विजन हासिल करने के दिशा में आगे बढ़ रही है. उल्लेखनीय है कि अभी एक दिन पहले ही एसजेवीएनएल ने आरईसी यानी रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड के साथ एमओयू साइन किया है. इस समझौता ज्ञापन के तहत आरईसी एसजेवीएनएल पचास हजार करोड़ रुपये तक का वित्तपोषण करेगा. अब पंजाब से 1200 मेगावाट सोलर एनर्जी के विकास और खरीद पर एलओआई हासिल हुआ है.