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हिमाचल के खजाने को राहत की सांस देती है SJVNL,  पड़ोसी देशों में भी चलाती है विद्युत परियोजनाएं - उर्जा कंपनी

एसजेवीएनएल (SJVNL) वर्तमान में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, गुजरात, राजस्थान, अरूणाचल प्रदेश के अलावा पड़ोसी देशों नेपाल तथा भूटान में भी विद्युत परियोजनाएं चला रहा है. हाल ही में सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड ने सीएम जयराम ठाकुर को 68 करोड़ रुपये से अधिक के लाभांश का चेक दिया था.

SJVNL entrust dividend check to cm jairam
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Published : Oct 28, 2019, 10:56 AM IST

Updated : Oct 28, 2019, 12:34 PM IST

शिमला: आर्थिक संकट में फंसे हिमाचल को सतलुज जल विद्युत परियोजना सहारा देती है. ये सहारा लाभांश के तौर पर दिया जाता है. हाल ही में सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड ने सीएम जयराम ठाकुर को 68 करोड़ रुपये से अधिक के लाभांश का चेक दिया था.

इससे पहले भी निगम ने जून 2018 में सार्वजनिक क्षेत्र की मिनी नवरत्न कंपनी सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) ने राज्य सरकार को 200 करोड़ रुपए से अधिक के लाभांश का चैक सौंपा था. एसजेवीएनएल के सीएमडी नंदलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को 200 करोड़, 45 लाख, 28 हजार, 120 रुपए के लाभांश का चैक दिया था. ये चैक राज्य सरकार के वित्त विभाग के प्रधान सचिव के नाम होता है.

यही नहीं, इससे पहले एसजेवीएनएल ने 2018 में ही जनवरी महीने में मुख्यमंत्री राहत कोष यानी सीएम रिलीफ फंड में एक करोड़ रुपए का अंशदान दिया है. केंद्र सरकार की तरफ से नवरत्न कंपनी घोषित एसजेवीएनएल में हिमाचल सरकार की 25.51 फीसदी हिस्सेदारी है. वर्ष 2016-17 में एसजेवीएनएल ने 2468.66 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल किया था. तब कंपनी ने सभी तरह के टैक्स आदि चुकाने के बाद 1544. 14 करोड़ रुपए का लाभ कमाया. इसी लाभ में से प्रदेश सरकार को अपने 25.51 फीसदी हिस्से के तौर पर 290 करोड़ रुपए से अधिक का लाभांश दिया था.

अब कंपनी ने राज्य सरकार को 200 करोड़ रुपए से अधिक का लाभांश सौंपा है. ये उर्जा कंपनी तीन दशक से सेवाएं प्रदान कर रही है. इस कंपनी की नेटवर्थ इस समय 10 हजार, 200 करोड़ रुपए से अधिक है. एसजेवीएनएल हिमाचल प्रदेश में देश का सबसे बड़ा हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट संचालित करती है.

डेढ़ हजार मैगावाट के नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन से शुरूआत करके इसने हिमाचल प्रदेश में 412 मैगावाट का रामपुर जलविद्युत स्टेशन व महाराष्ट्र में 47.6 मेगावाट की खिरवीरे पवन विद्युत परियोजना को कमीशन किया है. एसजेवीएनएल वर्तमान में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, गुजरात, राजस्थान, अरूणाचल प्रदेश के अलावा पड़ोसी देशों नेपाल तथा भूटान में भी विद्युत परियोजनाएं चला रहा है.

शिमला: आर्थिक संकट में फंसे हिमाचल को सतलुज जल विद्युत परियोजना सहारा देती है. ये सहारा लाभांश के तौर पर दिया जाता है. हाल ही में सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड ने सीएम जयराम ठाकुर को 68 करोड़ रुपये से अधिक के लाभांश का चेक दिया था.

इससे पहले भी निगम ने जून 2018 में सार्वजनिक क्षेत्र की मिनी नवरत्न कंपनी सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) ने राज्य सरकार को 200 करोड़ रुपए से अधिक के लाभांश का चैक सौंपा था. एसजेवीएनएल के सीएमडी नंदलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को 200 करोड़, 45 लाख, 28 हजार, 120 रुपए के लाभांश का चैक दिया था. ये चैक राज्य सरकार के वित्त विभाग के प्रधान सचिव के नाम होता है.

यही नहीं, इससे पहले एसजेवीएनएल ने 2018 में ही जनवरी महीने में मुख्यमंत्री राहत कोष यानी सीएम रिलीफ फंड में एक करोड़ रुपए का अंशदान दिया है. केंद्र सरकार की तरफ से नवरत्न कंपनी घोषित एसजेवीएनएल में हिमाचल सरकार की 25.51 फीसदी हिस्सेदारी है. वर्ष 2016-17 में एसजेवीएनएल ने 2468.66 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल किया था. तब कंपनी ने सभी तरह के टैक्स आदि चुकाने के बाद 1544. 14 करोड़ रुपए का लाभ कमाया. इसी लाभ में से प्रदेश सरकार को अपने 25.51 फीसदी हिस्से के तौर पर 290 करोड़ रुपए से अधिक का लाभांश दिया था.

अब कंपनी ने राज्य सरकार को 200 करोड़ रुपए से अधिक का लाभांश सौंपा है. ये उर्जा कंपनी तीन दशक से सेवाएं प्रदान कर रही है. इस कंपनी की नेटवर्थ इस समय 10 हजार, 200 करोड़ रुपए से अधिक है. एसजेवीएनएल हिमाचल प्रदेश में देश का सबसे बड़ा हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट संचालित करती है.

डेढ़ हजार मैगावाट के नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन से शुरूआत करके इसने हिमाचल प्रदेश में 412 मैगावाट का रामपुर जलविद्युत स्टेशन व महाराष्ट्र में 47.6 मेगावाट की खिरवीरे पवन विद्युत परियोजना को कमीशन किया है. एसजेवीएनएल वर्तमान में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, गुजरात, राजस्थान, अरूणाचल प्रदेश के अलावा पड़ोसी देशों नेपाल तथा भूटान में भी विद्युत परियोजनाएं चला रहा है.

शिमला। आर्थिक संकट में फंसे हिमाचल को यहां स्थापित सतलुज जल विद्युत परियोजना सहारा देती है। ये सहारा लाभांश के तौर पर होता है। हाल ही में सतलुज जल विद्युत निगम।लिमिटेड ने सीएम जयराम ठाकुर को 68 करोड़ रुपये से अधिक के लाभांश का चेक दिया था। इस से पहले भी निगम ने जून 2018 में राज्य सरकार को 200 करोड़ का चेक लाभांश के रूप में दिया था। जून 2018 में सार्वजनिक क्षेत्र की मिनी नवरत्न कंपनी सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) ने राज्य सरकार को 200 करोड़ रुपए से अधिक के लाभांश का चैक सौंपा था। एसजेवीएनएल के सीएमडी नंदलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को 200 करोड़, 45 लाख, 28 हजार, 120 रुपए के लाभांश का चैक दिया था। ये चैक राज्य सरकार के वित्त विभाग के प्रधान सचिव के नाम होता है। यही नहीं, इससे पहले एसजेवीएनएल ने 2018 में ही जनवरी महीने में मुख्यमंत्री राहत कोष यानी सीएम रिलीफ फंड में एक करोड़ रुपए का अंशदान दिया है। केंद्र सरकार की तरफ से नवरत्न कंपनी घोषित एसजेवीएनएल में हिमाचल सरकार की 25.51 फीसदी हिस्सेदारी है। वर्ष 2016-17 में एसजेवीएनएल ने 2468.66 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल किया था। तब कंपनी ने सभी तरह के टैक्स आदि चुकाने के बाद 1544. 14 करोड़ रुपए का लाभ कमाया। इसी लाभ में से प्रदेश सरकार को अपने 25.51 फीसदी हिस्से के तौर पर 290 करोड़ रुपए से अधिक का लाभांश दिया था। अब कंपनी ने राज्य सरकार को 200 करोड़ रुपए से अधिक का लाभांश सौंपा है। ये उर्जा कंपनी तीन दशक से सेवाएं प्रदान कर रही है। इसकी नेटवर्थ इस समय 10 हजार, 200 करोड़ रुपए से अधिक है। एसजेवीएनएल हिमाचल प्रदेश में देश का सबसे बड़ा हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट संचालित करती है। डेढ़ हजार मैगावाट के नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन से शुरूआत करके इसने हिमाचल प्रदेश में 412 मैगावाट का रामपुर जलविद्युत स्टेशन व महाराष्ट्र में 47.6 मेगावाट की खिरवीरे पवन विद्युत परियोजना को कमीशन किया है। एसजेवीएनएल वर्तमान में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, गुजरात, राजस्थान, अरूणाचल प्रदेश के अलावा पड़ोसी देशों नेपाल तथा भूटान में भी विद्युत परियोजनाएं चला रहा है।
Last Updated : Oct 28, 2019, 12:34 PM IST
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