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सूबे के सबसे बड़े अस्पताल IGMC में नर्सों की कमी, 246 पद खाली

सूबे के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में नर्सों की कमी है. 104 नर्सां की भर्ती होनी थी, लेकिन इनमें से 44 ने ड्यूटी ज्वाइन ही नहीं की है. औसतन यहां पर रोजाना 2000 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए आते हैं. एक समय में 1500 से ज्यादा मरीज आईजीएमसी में एडमिट रहते हैं. जिनकी देखभाल के लिए एक समय में कई नर्सें चाहिए. मगर यहां पर अभी भी 246 नर्सों के पद रिक्त चल रहे हैं.

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Published : Jun 12, 2021, 9:08 AM IST

Updated : Jun 12, 2021, 9:34 AM IST

शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में नर्सां की कमी है.104 नर्सां की भर्ती होनी थी, लेकिन इनमें से 44 ने ड्यूटी ज्वाइन ही नहीं की है. ये सभी नर्सें अपनी एडजस्टमेंट अपने नजदीकी अस्पतालों में करवा रही हैं. आईजीएमसी में केवल 60 नर्सों ने ही ज्वाइन किया है. एक माह पहले ही इन नर्सों की नियुक्ति के आदेश स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए थे. जिसमें सबसे ज्यादा नर्सें आईजीएमसी अस्पताल को मिली थी.

आईजीएमसी अस्पताल में नर्सों की कमी

आईजीएमसी अस्पताल को सबसे ज्यादा नर्सें दी गई थी, क्योंकि यहां पर कोरोना मरीजों की देखभाल के लिए नर्सों की जरूरत थी. इससे पहले आज तक एक साथ आईजीएमसी कों इतनी ज्यादा नर्सें नहीं मिली थी. हालांकि नर्सों के आदेशों के बाद प्रशासन भी खुश था, क्योंकि यहां पर कोरोना मरीजों के अलावा अन्य वार्डों में भी नर्सों की जरूरत रहती है. मगर अब यहां पर कम नर्सों के ज्वाइन करने से कुछ हद तक समस्या हल तो हुई है, मगर अभी भी नर्सों की कमी दूर नहीं हो पाई है.

कोरोना संकट में खली नर्सों की कमी

आईजीएमसी में मौजूदा समय में नर्सों की किल्लत है. बता दें कि बीते डेढ़ साल से नर्सों की ज्यादा डिमांड इसलिए भी बढ़ गई थी कि कोरोना के साथ-साथ अन्य वार्डों में भी मरीज एडमिट होते हैं. उनकी देखभाल के लिए नर्सों की जरूरत होती है. कोरोना वार्ड में जो नर्सें ड्यूटी दे रही थीं, वह 10 दिन ड्यूटी देने के बाद फिर 7 दिन क्वारंटाइन में रहती हैं. अभी भी कई नर्सों को यहां पर चार-चार शिफ्टें लगातार करनी पड़ती हैं. अगर यहां पर नई नर्सों की ज्वाइनिंग हो जाती तो काफी हद तक बर्डन कम ह जाता. नर्स केवल एक शिफ्ट में ही ड्यूटी करके आराम कर सकती थीं.

246 नर्सों के पद चल रहे खाली

आईजीएमसी प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है. औसतन यहां पर रोजाना 2000 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए आते हैं. एक समय में 1500 से ज्यादा मरीज आईजीएमसी में एडमिट रहते हैं. जिनकी देखभाल के लिए एक समय में कई नर्सें चाहिए. मगर यहां पर अभी भी 246 नर्सों के पद रिक्त चल रहे हैं.

मरीजों की देखभाल के लिए नर्सों की जरूरत

मौजूदा समय में आईजीएमसी में 878 नर्सों के पद सेक्शन हैं, जिनमें 632 नर्सें अभी यहां पर हैं. जबकि नई नर्सों के मिलने से यहां पर करीब 736 नर्सें हो सकती थी, लेकिन इसमें अब फिर से 44 कम हो गई है. अब मरीजों के हिसाब से यहां पर एक हजार से ज्यादा नर्सें चाहिए. ताकि मरीजों की देखभाल सही ढंग से हो सके.

ये भी पढ़ें- CORONA UPDATE: देशभर में कोरोना की रफ्तार पड़ी धीमी! हिमाचल में एक्टिव केस 5879

शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में नर्सां की कमी है.104 नर्सां की भर्ती होनी थी, लेकिन इनमें से 44 ने ड्यूटी ज्वाइन ही नहीं की है. ये सभी नर्सें अपनी एडजस्टमेंट अपने नजदीकी अस्पतालों में करवा रही हैं. आईजीएमसी में केवल 60 नर्सों ने ही ज्वाइन किया है. एक माह पहले ही इन नर्सों की नियुक्ति के आदेश स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए थे. जिसमें सबसे ज्यादा नर्सें आईजीएमसी अस्पताल को मिली थी.

आईजीएमसी अस्पताल में नर्सों की कमी

आईजीएमसी अस्पताल को सबसे ज्यादा नर्सें दी गई थी, क्योंकि यहां पर कोरोना मरीजों की देखभाल के लिए नर्सों की जरूरत थी. इससे पहले आज तक एक साथ आईजीएमसी कों इतनी ज्यादा नर्सें नहीं मिली थी. हालांकि नर्सों के आदेशों के बाद प्रशासन भी खुश था, क्योंकि यहां पर कोरोना मरीजों के अलावा अन्य वार्डों में भी नर्सों की जरूरत रहती है. मगर अब यहां पर कम नर्सों के ज्वाइन करने से कुछ हद तक समस्या हल तो हुई है, मगर अभी भी नर्सों की कमी दूर नहीं हो पाई है.

कोरोना संकट में खली नर्सों की कमी

आईजीएमसी में मौजूदा समय में नर्सों की किल्लत है. बता दें कि बीते डेढ़ साल से नर्सों की ज्यादा डिमांड इसलिए भी बढ़ गई थी कि कोरोना के साथ-साथ अन्य वार्डों में भी मरीज एडमिट होते हैं. उनकी देखभाल के लिए नर्सों की जरूरत होती है. कोरोना वार्ड में जो नर्सें ड्यूटी दे रही थीं, वह 10 दिन ड्यूटी देने के बाद फिर 7 दिन क्वारंटाइन में रहती हैं. अभी भी कई नर्सों को यहां पर चार-चार शिफ्टें लगातार करनी पड़ती हैं. अगर यहां पर नई नर्सों की ज्वाइनिंग हो जाती तो काफी हद तक बर्डन कम ह जाता. नर्स केवल एक शिफ्ट में ही ड्यूटी करके आराम कर सकती थीं.

246 नर्सों के पद चल रहे खाली

आईजीएमसी प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है. औसतन यहां पर रोजाना 2000 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए आते हैं. एक समय में 1500 से ज्यादा मरीज आईजीएमसी में एडमिट रहते हैं. जिनकी देखभाल के लिए एक समय में कई नर्सें चाहिए. मगर यहां पर अभी भी 246 नर्सों के पद रिक्त चल रहे हैं.

मरीजों की देखभाल के लिए नर्सों की जरूरत

मौजूदा समय में आईजीएमसी में 878 नर्सों के पद सेक्शन हैं, जिनमें 632 नर्सें अभी यहां पर हैं. जबकि नई नर्सों के मिलने से यहां पर करीब 736 नर्सें हो सकती थी, लेकिन इसमें अब फिर से 44 कम हो गई है. अब मरीजों के हिसाब से यहां पर एक हजार से ज्यादा नर्सें चाहिए. ताकि मरीजों की देखभाल सही ढंग से हो सके.

ये भी पढ़ें- CORONA UPDATE: देशभर में कोरोना की रफ्तार पड़ी धीमी! हिमाचल में एक्टिव केस 5879

Last Updated : Jun 12, 2021, 9:34 AM IST
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