ETV Bharat / state

ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में पहले स्थान पर आने पर शिमलावासी खुश, कही ये बात - Ease of Living Index city shimla

ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में पहले स्थान पर आने पर शिमलावासी खुश हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि शिमला में शिक्षा स्वास्थ्य और सड़कों से जुड़ी सभी तरह की सुविधाएं हैं. यहां के लोगों के लिए ट्रांसपोर्टेशन की सुविधाएं भी काफी है. बिजली और पानी की सुविधा भी यहां लोगों को मिल रही है. वहीं, स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के लिए भी यहां सरकारी और निजी स्तर के बड़े अस्पताल हैं.

शिमला
shimla
author img

By

Published : Mar 5, 2021, 11:56 AM IST

शिमला: भारत सरकार ने ईज ऑफ लिविंग सूचकांक जारी किया है. इस सूचकांक के तहत कुल 111 शहरों की रैंकिंग जारी की गई है. इस सूचकांक में 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में बेंगलुरु पहले, पुणे दूसरे और अहमदाबाद तीसरे स्थान पर है. जबकि 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में शिमला पहले और भुवनेश्वर दूसरे नंबर पर है. ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में पहले स्थान पर आने पर शिमलावासी खुश हैं.

शहर में बेतरतीब ढंग से हो रहा निर्माण कार्य

यहां की प्राकृतिक सुंदरता ही है जो देश और विदेशों से सैलानियों को यहां पर खींचकर लेकर आती है. ऐसे शहर में कौन नहीं रहना चाहेगा, लेकिन इसके साथ ही शिमला की ऐतिहासिकता से हो रहे खिलवाड़ से लोग परेशान भी नजर आ रहे हैं. भले ही शिमला में हर एक तरह की सुविधाएं उन्हें मिल रही है, लेकिन जिस तरह से शिमला शहर में बेतरतीब ढंग से निर्माण कार्य हो रहा है और शिमला शहर को जितनी आबादी के लिए बनाया गया था, उससे तीन गुना आबादी यहां पर आकर बस चुकी है, तो ऐसे में अब इस खूबसूरत हिल स्टेशन का स्वरूप बदलता जा रहा है.

वीडियो.

स्थानीय लोगों का कहना है कि शिमला में शिक्षा स्वास्थ्य और सड़कों से जुड़ी सभी तरह की सुविधाएं हैं. यहां के लोगों के लिए ट्रांसपोर्टेशन की सुविधाएं भी काफी है. बिजली और पानी की सुविधा भी यहां लोगों को मिल रही है. वहीं, स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के लिए भी यहां सरकारी और निजी स्तर के बड़े अस्पताल हैं.

बेहतर शिक्षा प्रणाली

शिक्षा के लिए कॉन्वेंट स्कूलों से लेकर सरकारी स्कूलों तक का जाल यहां बिछा हुआ है. छात्रों को बेहतर शिक्षा यहां मिल रही है, जिसके चलते शिमला शहर में लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है, लेकिन अभी भी कुछ एक समस्याओं से शिमला शहर के स्थानीय लोगों के दो चार होना पड़ रहा है.

अगर उन समस्याओं को भी दूर कर दिया जाए तो यहां के स्थानीय लोगों को सहूलियत मिलने के साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों के लिए भी शिमला घूमना और यहां की आबोहवा का मजा लेना और ज्यादा आनंददायक हो जाएगा.

पार्किंग और ट्रैफिक जाम का नहीं हो रहा समाधान

शहर की कुछ एक समस्याएं हैं जिनका समाधान अभी तक नहीं हो पाया है. शिमला में ना तो पार्किंग की समस्या सुलझ पाई है और ना ही यहां पर ट्रैफिक जाम की समस्या का कोई समाधान निकल पाया है. सड़कों पर लगातार लंबा ट्रैफिक जाम रहता है जिसकी वजह से लोग अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाते हैं. वहीं जो बाहरी राज्यों से पर्यटक यहां पर आते हैं तो उन्हें अपनी वाहनों की पार्किंग करने के लिए यहां जगह नहीं मिलती है. इसके साथ ही बिजली पानी की दरों में भी कटौती की जानी चाहिए.

शिमला के लोगों ने कहा इस बात से बेहद खुश हैं कि ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में शिमला शहर में देशभर में पहला स्थान हासिल किया है. यह बहुत बड़ी बात है कि 2018 के सर्वेक्षण के अनुसार शिमला शहर जीवन सुगमता सूचकांक में देश के 111 शहरों में 92 स्थान पर था.

शिमलावासियों के लिए गर्व की बात

बीते दो सालों में ही शहर की सुविधाओं में इतना अधिक सुधार हुआ है कि 92 स्थान से अब यह शहर पहले पायदान पर पहुंच चुका है, जो हर एक शिमला वासी के लिए गर्व की बात है. शिमला अन्य राज्यों के मुकाबले प्रदूषण बेहद कम है और इसकी वजह यही है कि यहां देवदार के ऊंचे-ऊंचे पेड़ हैं, जो यहां की वायु को शुद्ध रखते हैं.

अब सरकार और नगर निगम प्रशासन को इस दिशा की ओर कार्य करना चाहिए कि किस तरह से इस शहर को पहले पायदान पर ही कायम रखने के काबिल बनाया जाए. जो कुछ दिक्कतें अभी भी आम जनता और यहां आने वाले पर्यटकों के सामने आ रही हैं. उन्हें दूर करने को कार्य किया जाए जिससे भविष्य में भी यह शहर पहले स्थान पर बना रहे.

ये भी पढ़ें: NEWSTODAY: जानिए आज क्या रहेगा खास, दिनभर इन खबरों पर रहेगी नजर

ये भी पढ़ें: सरोगेसी से मां बनी महिला को मातृत्व अवकाश से नहीं किया जा सकता इनकार: HC

शिमला: भारत सरकार ने ईज ऑफ लिविंग सूचकांक जारी किया है. इस सूचकांक के तहत कुल 111 शहरों की रैंकिंग जारी की गई है. इस सूचकांक में 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में बेंगलुरु पहले, पुणे दूसरे और अहमदाबाद तीसरे स्थान पर है. जबकि 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में शिमला पहले और भुवनेश्वर दूसरे नंबर पर है. ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में पहले स्थान पर आने पर शिमलावासी खुश हैं.

शहर में बेतरतीब ढंग से हो रहा निर्माण कार्य

यहां की प्राकृतिक सुंदरता ही है जो देश और विदेशों से सैलानियों को यहां पर खींचकर लेकर आती है. ऐसे शहर में कौन नहीं रहना चाहेगा, लेकिन इसके साथ ही शिमला की ऐतिहासिकता से हो रहे खिलवाड़ से लोग परेशान भी नजर आ रहे हैं. भले ही शिमला में हर एक तरह की सुविधाएं उन्हें मिल रही है, लेकिन जिस तरह से शिमला शहर में बेतरतीब ढंग से निर्माण कार्य हो रहा है और शिमला शहर को जितनी आबादी के लिए बनाया गया था, उससे तीन गुना आबादी यहां पर आकर बस चुकी है, तो ऐसे में अब इस खूबसूरत हिल स्टेशन का स्वरूप बदलता जा रहा है.

वीडियो.

स्थानीय लोगों का कहना है कि शिमला में शिक्षा स्वास्थ्य और सड़कों से जुड़ी सभी तरह की सुविधाएं हैं. यहां के लोगों के लिए ट्रांसपोर्टेशन की सुविधाएं भी काफी है. बिजली और पानी की सुविधा भी यहां लोगों को मिल रही है. वहीं, स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के लिए भी यहां सरकारी और निजी स्तर के बड़े अस्पताल हैं.

बेहतर शिक्षा प्रणाली

शिक्षा के लिए कॉन्वेंट स्कूलों से लेकर सरकारी स्कूलों तक का जाल यहां बिछा हुआ है. छात्रों को बेहतर शिक्षा यहां मिल रही है, जिसके चलते शिमला शहर में लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है, लेकिन अभी भी कुछ एक समस्याओं से शिमला शहर के स्थानीय लोगों के दो चार होना पड़ रहा है.

अगर उन समस्याओं को भी दूर कर दिया जाए तो यहां के स्थानीय लोगों को सहूलियत मिलने के साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों के लिए भी शिमला घूमना और यहां की आबोहवा का मजा लेना और ज्यादा आनंददायक हो जाएगा.

पार्किंग और ट्रैफिक जाम का नहीं हो रहा समाधान

शहर की कुछ एक समस्याएं हैं जिनका समाधान अभी तक नहीं हो पाया है. शिमला में ना तो पार्किंग की समस्या सुलझ पाई है और ना ही यहां पर ट्रैफिक जाम की समस्या का कोई समाधान निकल पाया है. सड़कों पर लगातार लंबा ट्रैफिक जाम रहता है जिसकी वजह से लोग अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाते हैं. वहीं जो बाहरी राज्यों से पर्यटक यहां पर आते हैं तो उन्हें अपनी वाहनों की पार्किंग करने के लिए यहां जगह नहीं मिलती है. इसके साथ ही बिजली पानी की दरों में भी कटौती की जानी चाहिए.

शिमला के लोगों ने कहा इस बात से बेहद खुश हैं कि ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में शिमला शहर में देशभर में पहला स्थान हासिल किया है. यह बहुत बड़ी बात है कि 2018 के सर्वेक्षण के अनुसार शिमला शहर जीवन सुगमता सूचकांक में देश के 111 शहरों में 92 स्थान पर था.

शिमलावासियों के लिए गर्व की बात

बीते दो सालों में ही शहर की सुविधाओं में इतना अधिक सुधार हुआ है कि 92 स्थान से अब यह शहर पहले पायदान पर पहुंच चुका है, जो हर एक शिमला वासी के लिए गर्व की बात है. शिमला अन्य राज्यों के मुकाबले प्रदूषण बेहद कम है और इसकी वजह यही है कि यहां देवदार के ऊंचे-ऊंचे पेड़ हैं, जो यहां की वायु को शुद्ध रखते हैं.

अब सरकार और नगर निगम प्रशासन को इस दिशा की ओर कार्य करना चाहिए कि किस तरह से इस शहर को पहले पायदान पर ही कायम रखने के काबिल बनाया जाए. जो कुछ दिक्कतें अभी भी आम जनता और यहां आने वाले पर्यटकों के सामने आ रही हैं. उन्हें दूर करने को कार्य किया जाए जिससे भविष्य में भी यह शहर पहले स्थान पर बना रहे.

ये भी पढ़ें: NEWSTODAY: जानिए आज क्या रहेगा खास, दिनभर इन खबरों पर रहेगी नजर

ये भी पढ़ें: सरोगेसी से मां बनी महिला को मातृत्व अवकाश से नहीं किया जा सकता इनकार: HC

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.