शिमला: राजधानी शिमला शिव मंदिर लैंडस्लाइड हादसे में सोमवार को 8वें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा. दरअसल, रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सोमवार को पोकलेन मशीने मंगवाई गई. इसे जैसे ही सड़क से नीचे लिंक रोड़ में उतारा जाने लगा, यह मिट्टी के बीच फंस गई. वहीं, काफी मशक्कत के बाद भी इसे बाहर नहीं निकाला जा सका. इसके बाद इसे निकालने के लिए क्रेन मंगवानी पड़ी. तब जाकर इसे क्रेन से बाहर निकाला गया. दिनभर चले रेस्क्यू ऑपरेशन में शाम तक कोई सफलता नहीं मिली. बता दें, रेस्क्यू टीमें 5 से 7 फीट तक खुदाई कर चुकी है.
दरअसल, बताया जा रहा है कि खुदाई करने में दिक्कत पेश आ रही थी, जिससे निजात के लिए पोकलेन मशीन मंगवाई गई थी, ताकि खुदाई का काम सुचारू रूप से हो सके, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. अभी तक 17 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं, जबकि 3 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. वहीं, सर्च ऑपरेशन सोमवार सुबह 7 बजे से शुरू हुआ, जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, पुलिस, होमगार्ड और स्थानीय लोगों ने नाले के ऊपर और निचली दोनों तरफ से खुदाई की. रेस्क्यू ऑपरेशन को अलग-अलग सेगमेंट में किया जा रहा है.
ये लोग अभी लापता: शिमला पुलिस के अनुसार, हादसे में नीरज, पवन और उनकी पोती अभी भी लापता है. इनका अभी तक कोई पता नहीं चल पा रहा है. घटना में लापता लोगों के नहीं मिलने से इनके जिंदा होने की उम्मीदें भी लगभग खत्म हो गई है. वहीं, मौके पर बड़ी संख्या में देवदार के पेड़, मलबा और रेलवे ट्रेक के आने से सर्च ऑपरेशन पहाड़ जैसी चुनौती बना हुआ है. इसमें सबसे बड़ी बाधा ढलानदार पहाड़ी का होना है, जहां नीचे नाले तक जेसीबी और दूसरी मशीनरी ले जाना संभव नहीं है. जिसके कारण नाले में टनों के हिसाब से इकट्ठे मलबे को हटाना आसान नहीं हो पा रहा.