ETV Bharat / state

शिमला स्वच्छता रैंकिंग में टॉप-100 से बाहर, नगर आयुक्त बोले- बर्फबारी की वजह से नहीं कर पाए 'परफॉर्म'

शिमला को स्वच्छता में पहले 100 में भी जगह नहीं मिल पाई है.

डिजाइन फोटो
author img

By

Published : Mar 6, 2019, 10:17 PM IST

शिमला: पर्यटन नगरी व हिल्स क्वीन कहे जाने वाले शिमला को स्वच्छता में पहले 100 में भी जगह नहीं मिल पाई है. इस बार शिमला को 128वां स्थान मिला है, जबकि बीते साल यह 144वे नंबर पर था.भारतसरकार द्वारा करवाए गएसर्वेक्षणमेंनगरनिगमशिमलाकोस्वच्छताकेक्षेत्रमेंपूरीतरहसेपिछड़गयाहै.

shimla, cleanness ranking, out of top 100, indore
डिजाइन फोटो
पिछली बार नगर निगम केंद्र की स्वच्छता रैकिंग में 144वां स्थान मिला था. वजह यह थी कि नगर निगम शहर में गीले और सूखे कचरे के प्रबंधन के लिए सेग्रिगेशन व्यवस्था को शुरू नहीं कर पाया था.इस बार आयुक्तने खासतौर पर शहर में सेग्रिगेशन व्यवस्था को शुरू करवाया. इसमें नगर निगम को एक हजार अंक दिए जाने थे, लेकिन यह अंक नगर निगम को मिले ही नहीं. केंद्र की टीम ने जब नगर निगम शिमला का सर्वेक्षण कियातोस्वच्छता सर्वेक्षण-2019 के लिए देश के सबसे स्वच्छ शहरों के नाम का ऐलान बुधवार को राष्ट्रपति भवन में हुआ. इस सर्वे में इंदौर लगातार तीसरी बार अव्वल रहा है. सबसे स्वच्छ राजधानियों में भोपाल पहले स्थान पर है. 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में अहमदाबाद और पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों में उज्जैन ने बाजी मारी है.मंत्रालय के मुताबिक, स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 में 4237 शहरों का सर्वेक्षण 28 दिनों में किया गया. इस दौरान विभिन्न टीमों ने 64 लाख लोगों का फीडबैक लिया. साथ ही, सोशल मीडिया के माध्यम से इन शहरों के 4 करोड़ लोगों से फीडबैक लिया गया. टीम ने इन शहरों के 41 लाख फोटोग्राफ्स कलेक्ट लिए. सर्वेक्षण में शामिल शहरों की तरफ से स्वच्छता के संदर्भ में 4.5 लाख डॉक्यूमेंट्स अपलोड किए गए.इंदौर इन वजहों से तीसरी बार भी पहले स्थान पर2014 तक इंदौर देश में सफाई के मामले में 149वें नंबर पर था, लेकिन अब स्वच्छता का ब्रांड बन चुका है. देश में नंबर-1 बनने के बाद देश के 300 शहरों के प्रतिनिधियोंकी टीम ने इंदौर शहर की सफाई व्यवस्था कोदेख चुके हैं. 100 से ज्यादा नगरीय निकायों ने इंदौर की केस स्टडी भी बुलवाई. इसमें जम्मू-कश्मीर से लेकर चेन्नई, पूणे, बेंगलुरु, जयपुर शामिल हैं.ये है इंदौर शहर की खासियतदेश का पहला ऐसा शहर, जिसने ट्रेंचिंग ग्राउंड को पूरी तरह खत्म कर वहां नए प्रयोग शुरू किए.100% कचरे की प्रोसेसिंग और बिल्डिंग मटेरियल और व्यर्थ निर्माण सामग्री का कलेक्शन और निपटान.कचरा गाड़ियों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस, कंट्रोल रूम और 19 जोन की अलग-अलग 19 स्क्रीन.29 हजार से ज्यादा घरों में गीले कचरे से होम कम्पोस्टिंग का काम.देश की पहली डिस्पोजल फ्री मार्केट. इसमें हाल ही में 56 दुकान क्षेत्र को शामिल किया है.सर्वेक्षण 2019 से पहले राजधानी में जोर-शोर से तैयारियां की गई थी. नगर निगम ने इस बार अव्वल स्थान पाने के लिए तीन माह पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी. इसमें स्कूलों से लेकर बच्चों को जागरुक किया गया. वहां वार्ड स्तर पर लोगों को सफाई के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाए गए. यहां तक आयुक्त ने कर्मचारियों की छुट्टियां तक रद्द कर दी थी. अधिकारियों से लेकर एक-एक कर्मचारी की फील्ड में डयूटियां लगाई गई थी. जिनका काम शहर में केवल सफाई व्यवस्था को देखना और उसकी जांच करना था. इसके साथ ही डॉक्यूमेंटेशन भी समय से जमा करवा दी गई थी. नगर निगम ने शिमला को सेवन स्टार रैकिंग क्लैम किया था.
शिमला स्वच्छता रैंकिंग में टॉप-100 से बाहर
आयुक्त पंकज राय ने कहा किनगर निगम को सेग्रिगेशन के एक हजार अंक नहीं मिल पाए इस कारण नगर निगम को 128वां अंक मिला है. 4 जनवरी से स्वचछता सर्वेक्षण शुरू हुआजबकि 6 जनवरी से शहर में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया था. इस कारण नगर निगम इस योजना को सही ढंग से शुरू नहीं कर पाया. लेकिन, नगर निगम पिछली बार की रैकिंग से इस बार बेहतर प्रदर्शन किया है.आगेसे इसमें और भी सुधार किया जाएगा.

शिमला: पर्यटन नगरी व हिल्स क्वीन कहे जाने वाले शिमला को स्वच्छता में पहले 100 में भी जगह नहीं मिल पाई है. इस बार शिमला को 128वां स्थान मिला है, जबकि बीते साल यह 144वे नंबर पर था.भारतसरकार द्वारा करवाए गएसर्वेक्षणमेंनगरनिगमशिमलाकोस्वच्छताकेक्षेत्रमेंपूरीतरहसेपिछड़गयाहै.

shimla, cleanness ranking, out of top 100, indore
डिजाइन फोटो
पिछली बार नगर निगम केंद्र की स्वच्छता रैकिंग में 144वां स्थान मिला था. वजह यह थी कि नगर निगम शहर में गीले और सूखे कचरे के प्रबंधन के लिए सेग्रिगेशन व्यवस्था को शुरू नहीं कर पाया था.इस बार आयुक्तने खासतौर पर शहर में सेग्रिगेशन व्यवस्था को शुरू करवाया. इसमें नगर निगम को एक हजार अंक दिए जाने थे, लेकिन यह अंक नगर निगम को मिले ही नहीं. केंद्र की टीम ने जब नगर निगम शिमला का सर्वेक्षण कियातोस्वच्छता सर्वेक्षण-2019 के लिए देश के सबसे स्वच्छ शहरों के नाम का ऐलान बुधवार को राष्ट्रपति भवन में हुआ. इस सर्वे में इंदौर लगातार तीसरी बार अव्वल रहा है. सबसे स्वच्छ राजधानियों में भोपाल पहले स्थान पर है. 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में अहमदाबाद और पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों में उज्जैन ने बाजी मारी है.मंत्रालय के मुताबिक, स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 में 4237 शहरों का सर्वेक्षण 28 दिनों में किया गया. इस दौरान विभिन्न टीमों ने 64 लाख लोगों का फीडबैक लिया. साथ ही, सोशल मीडिया के माध्यम से इन शहरों के 4 करोड़ लोगों से फीडबैक लिया गया. टीम ने इन शहरों के 41 लाख फोटोग्राफ्स कलेक्ट लिए. सर्वेक्षण में शामिल शहरों की तरफ से स्वच्छता के संदर्भ में 4.5 लाख डॉक्यूमेंट्स अपलोड किए गए.इंदौर इन वजहों से तीसरी बार भी पहले स्थान पर2014 तक इंदौर देश में सफाई के मामले में 149वें नंबर पर था, लेकिन अब स्वच्छता का ब्रांड बन चुका है. देश में नंबर-1 बनने के बाद देश के 300 शहरों के प्रतिनिधियोंकी टीम ने इंदौर शहर की सफाई व्यवस्था कोदेख चुके हैं. 100 से ज्यादा नगरीय निकायों ने इंदौर की केस स्टडी भी बुलवाई. इसमें जम्मू-कश्मीर से लेकर चेन्नई, पूणे, बेंगलुरु, जयपुर शामिल हैं.ये है इंदौर शहर की खासियतदेश का पहला ऐसा शहर, जिसने ट्रेंचिंग ग्राउंड को पूरी तरह खत्म कर वहां नए प्रयोग शुरू किए.100% कचरे की प्रोसेसिंग और बिल्डिंग मटेरियल और व्यर्थ निर्माण सामग्री का कलेक्शन और निपटान.कचरा गाड़ियों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस, कंट्रोल रूम और 19 जोन की अलग-अलग 19 स्क्रीन.29 हजार से ज्यादा घरों में गीले कचरे से होम कम्पोस्टिंग का काम.देश की पहली डिस्पोजल फ्री मार्केट. इसमें हाल ही में 56 दुकान क्षेत्र को शामिल किया है.सर्वेक्षण 2019 से पहले राजधानी में जोर-शोर से तैयारियां की गई थी. नगर निगम ने इस बार अव्वल स्थान पाने के लिए तीन माह पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी. इसमें स्कूलों से लेकर बच्चों को जागरुक किया गया. वहां वार्ड स्तर पर लोगों को सफाई के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाए गए. यहां तक आयुक्त ने कर्मचारियों की छुट्टियां तक रद्द कर दी थी. अधिकारियों से लेकर एक-एक कर्मचारी की फील्ड में डयूटियां लगाई गई थी. जिनका काम शहर में केवल सफाई व्यवस्था को देखना और उसकी जांच करना था. इसके साथ ही डॉक्यूमेंटेशन भी समय से जमा करवा दी गई थी. नगर निगम ने शिमला को सेवन स्टार रैकिंग क्लैम किया था.
शिमला स्वच्छता रैंकिंग में टॉप-100 से बाहर
आयुक्त पंकज राय ने कहा किनगर निगम को सेग्रिगेशन के एक हजार अंक नहीं मिल पाए इस कारण नगर निगम को 128वां अंक मिला है. 4 जनवरी से स्वचछता सर्वेक्षण शुरू हुआजबकि 6 जनवरी से शहर में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया था. इस कारण नगर निगम इस योजना को सही ढंग से शुरू नहीं कर पाया. लेकिन, नगर निगम पिछली बार की रैकिंग से इस बार बेहतर प्रदर्शन किया है.आगेसे इसमें और भी सुधार किया जाएगा.

अपडेट खबर 

स्वछता सर्वेक्षण में शिमला पहले 100 में नहीं बना पाया स्थान 

सेग्रिगशन व्यवस्था के लिए छेड़ी थी मुहिम, एक हजार अंक से चूक गया शिमला  

शिमला। 

पर्यटन नगरी व हिल्स क़्वीन कहे जाने वाले शिमला को स्वछता में पहले 100 में भी जगह नहीं मिल पायी है। इस बार शिमला को 128वा स्थान मिला है। जंबकी बीते साल यह 144वे नंबर पर था। भारत सरकार द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण में नगर निगम शिमला को स्वच्छता के क्षेत्र में पूरी तरह से पिछड़ गया है !  पिछली बार नगर निगम केंद्र की स्वच्छता रैकिंग में 144 स्थान मिला था। वजह यह थी कि नगर निगम शहर में गीले और  सूखे कचरे के प्रबंधन के लिए सेग्रिगेशन व्यवस्था काे शुरू नहीं कर पाया था। इस बार भी ऐसा  न हाे इसके लिए आयुक्त  ने खासताैर पर शहर में सेग्रिगेशन व्यवस्था काे शुरू करवाया। इसमें नगर निगम काे एक हजार अंक दिए जाने थे। लेकिन यह अंक नगर निगम काे मिले ही नहीं। केंद्र की टीम ने जब नगर निगम शिमला का सर्वेक्षण किया  ताे स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 के लिए देश के सबसे स्वच्छ शहरों के नाम का ऐलान बुधवार को राष्ट्रपति भवन में हुआ। इस सर्वे में इंदौर लगातार तीसरी बार अव्वल रहा है। सबसे स्वच्छ राजधानियों में भोपाल पहले स्थान पर है। 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में अहमदाबाद और पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों में उज्जैन ने बाजी मारी है।

मंत्रालय के मुताबिक, स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 में 4237 शहरों का सर्वेक्षण 28 दिनों में किया गया। इस दौरान विभिन्न टीमों ने 64 लाख लोगों का फीडबैक लिया। साथ ही, सोशल मीडिया के माध्यम से इन शहरों के 4 करोड़ लोगों से फीडबैक लिया गया। टीम ने इन शहरों के 41 लाख फोटोग्राफ्स कलेक्ट लिए। सर्वेक्षण में शामिल शहरों की तरफ से स्वच्छता के संदर्भ में 4.5 लाख डॉक्यूमेंट्स अपलोड किए गए।   
इंदौर इन वजहाें से तीसरी बार भी पहले स्थान पर 
2014 तक इंदौर देश में सफाई के मामले में 149वें नंबर पर था। लेकिन, अब स्वच्छता का ब्रांड बन चुका है। देश में नंबर-1 बनने के बाद देश के 300 शहरों के प्रतिनिधियों  की टीम ने इंदौर शहर की सफाई व्यवस्था काे  को देख चुके हैं। 100 से ज्यादा नगरीय निकायों ने इंदौर की केस स्टडी भी बुलवाई। इसमें जम्मू-कश्मीर से लेकर चेन्नई, पूणे, बेंगलुरु, जयपुर शामिल है। 
ये है इंदाैर शहर की खासियत
-देश का पहला ऐसा शहर, जिसने ट्रेंचिंग ग्राउंड को पूरी तरह खत्म कर वहां नए प्रयोग शुरू किए।
- 100% कचरे की प्रोसेसिंग और बिल्डिंग मटेरियल और व्यर्थ निर्माण सामग्री का कलेक्शन और निपटान।
-कचरा गाड़ियों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस, कंट्रोल रूम और 19 जोन की अलग-अलग 19 स्क्रीन।
-29 हजार से ज्यादा घरों में गीले कचरे से होम कम्पोस्टिंग का काम।
-देश की पहली डिस्पोजल फ्री मार्केट। इसमें हाल ही में 56 दुकान क्षेत्र को शामिल किया है।
नगर निगम के साथ पब्लिक की भी  थी जिम्मेवारी, लाेगाें से मिला कम सहयाेग 
सर्वेक्षण 2019 से पहले राजधानी में जोर-शोर से तैयारियां की गई थी। नगर निगम ने इस बार अव्वल स्थान पाने के लिए तीन माह पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी। इसमें स्कूलाें से लेकर बच्चाें काे जागरुक िकया गया वहां वार्ड स्तर पर लाेगाें काे सफाई के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाए गए। यहां तक अायुक्त ने कर्मचारियाें की छुटटियां तक रद कर दी थी। अधिकारियाें से लेकर एक-एक कर्मचारियाें की फील्ड में डयूटियां लगाई गई थी जिनका काम शहर में केवल सफाई व्यवस्था काे देखना अाैर उसकी जांच करना था। इसके साथ ही डाॅक्यूमेंटेशन भी समय से जमा करवा दी गई थी। नगर निगम ने शिमला काे सेवन स्टार रैकिंग क्लैम िकया था। 
लेकिन फिर भी नगर निगम टाॅप-100 में अपनी जगह नहीं बना पाया। 
काेट
 आयुक्त पंकज राय ने कहा कि नगर निगम काे सेग्रिगेशन के एक हजार अंक नहीं मिल पाए इस कारण नगर निगम काे 128वां अंक मिला है। 4 जनवरी से स्वचछता सर्वेक्षण शुरू हुआ  जबकि 6 जनवरी से शहर में बर्फबारी का दाैर शुरू हाे गया था। इस कारण नगर निगम इस याेजना काे सही ढंग से शुरू नहीं कर पाया। लेकिन नगर निगम पिछली बार की रैकिंग से इस बार बेहतर प्रदर्शन िकया है। 
आगे  से इसमें और र भी सुधार किया  जाएगा।

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.