शिमला : स्वच्छता सर्वेक्षण की दूसरी तिमाही की रैंकिंग में शिमला टॉप 25 शहरों में जगह बनाने में कामयाब रहा है. राजधानी शिमला को 21वां स्थान मिला है. इसमें जमशेदपुर पहले नंबर पर है. पहली तिमाही में शिमला इस रैंकिग में 24वें नंबर पर था.
QUARTER 1 : 1 लाख से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में शिमला 24वें नंबर पर
25 हजार से कम आबादी के वाले शहरों में परवाणु 91, अर्की 93 पायदान पर रहा जबकि इस केटेगरी में प्रदेश के अन्य शहरों की रैंकिंग 130 से लेकर 716 के बीच रही... बंजार, नेरचौक, नारकंडा, चौपाल, ज्वाली समेत 10 शहर सबसे नीचे 716वीं यानि आखिरी पायदान पर रहे
25 हजार से 50 हजार की आबादी वाले छोटे शहरों की बात करें तो मंडी 176वें, सोलन 177वें, नाहन 179वें, पांवटा साहिब 188 और बद्दी 193वें नंबर पर रहा
50 हजार से 1 लाख की आबादी वाले शहरों की कैटेगरी में हिमाचल का एक भी शहर नहीं है
कैंट एरिया की बात करें तो चंबा का डल्हौज़ी कैंट देशभर में 8वें नंबर पर रहा, सोलन का कसौली कैंट 11वें, सुबाथु कैंट 30वें, चंबा का बकलोह कैंट 33वें, सोलन का दगशाई कैंट 35वें, कांगड़ा का योल कैंट 52वें और शिमला का जतोग कैंट 58वें नंबर पर रहा
ओवरऑल की बात करें तो स्वच्छता के मामले में पहले 100 शहरों में भी हिमाचल का कोई शहर नहीं है... राजधानी शिमला 167वें नंबर पर है.... डल्हौजी कैंट 746वें और कसौली कैंट 842वें नंबर पर है... बाकी शहरों की रैकिंग ना ही पूछें तो अच्छा होगा
QUARTER 2 : 1 लाख से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में शिमला 21वें नंबर पर
दूसरी तिमाही के दौरान 25 हजार से कम आबादी वाले शहरों की बात की जाए तो अर्की 19वें, बिलासपुर का तलई 36वें और हमीरपुर 53वें नंबर पर रहा. 693 शहरों की इस कैटेगरी में शिमला का चौपाल 690वें स्थान पर रहा.
25 से 50 हजार तक की आबादी वाले शहरों में मंडी 33, सोलन 34, बद्दी 148, नाहन 180 और 193 शहरों की इस कैटेगरी में पांवटा साहिब 191 पायदान पर रहा. कैंट एरिया की बात करें तो शिमला का जतोग कैंट 9वें, सोलन का सुबाथु कैंट 23वें, चंबा का बकलोह 27वें, सोलन का कसौली 35वें, दगशाई कैंट 46वें, चंबा का डल्हौजी कैंट 51वें और कांगड़ा का योल कैंट 54वें स्थान पर रहा.
ओवरऑल रैकिंग के लिहाज़ से दूसरी तिमाही में प्रदेश का एक भी शहर पहले 200 शहरों में भी जगह नहीं बना पाया. राजधानी शिमला को 224वां रैंक मिला. जब स्वच्छता के मामले में राजधानी का ये हाल है तो बाकी शहरों की बेहाली का अंदाज़ा लगाया जा सकता है.
इस लिहाज़ से दूसरी तिमाही में स्वच्छता के मामले में हिमाचल के शहरों का स्वच्छता का स्तर तो सुधरा है, लेकिन स्वच्छ हिमाचल के सपने को साकार करने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है.