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देवदार को बचाने उतरे मेयर सुरेंद्र चौहान, जंगली बेल हटाने का अभियान किया शुरू

शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने देवदार वृक्षों को बचाने का बीड़ा उठाया है. उन्होंने शिमला के जंगलों में देवदार पेड़ों की रक्षा के लिए जंगली बेल हटाने का अभियान चलाया है. पढ़िए पूरी खबर...

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 2, 2023, 4:46 PM IST

शिमला: नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान एक बार फिर खबरों में हैं. इसकी वजह है कि उन्होंने शिमला के जंगलों में देवदार के पेड़ों से जंगली बेल हटाने का अभियान शुरू किया है. शनिवार को अपनी टीम के साथ सुरेंद्र चौहान कनलोग के जंगलों में पहुंचे. जहां उन्होंने देवदार पेड़ों के साथ लगी बेलों को हटाने का अभियान चलाया.

बता दें कि देवदार के पेड़ में लगी जंगली बेल से पेड़ को खासा नुकसान होता है. इसकी वजह से पेड़ की ग्रोथ पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ऐसे में पेड़ से जंगली बेल को हटाकर पेड़ का जीवन बचाने का बीड़ा मेयर सुरेंद्र चौहान ने उठाया है. इसके लिए नगर निगम शिमला ने चार विशेष टीमों का गठन किया गया है. इस विशेष अभियान के लिए वन विभाग का भी सहयोग लिया जा रहा है.

शिमला मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा शिमला शहर में आठ सौ हेक्टेयर जमीन पर जंगल है. देवदार पेड़ शिमला की शान है, जो ऑक्सीजन देने का काम करता है लेकिन पेड़ो के साथ लिपटी बेले इनको काफी नुकसान पहुंचा रही है. नगर निगम की ओर से देवदार के पेड़ों से बेलों को हटाने का विशेष अभियान शुरू किया गया है. उन्होंने कहा वह इसके लिए स्थानीय लोगों का सहयोग ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि देवदार के पेड़ों को जंगली बेलों की वजह से बहुत ज्यादा नुकसान होता है.

मेयर सुरेंद्र चौहान ने 10 साल पहले भी उन्होंने इस तरह का अभियान शुरू किया था. अब नगर निगम शिमला के मेयर बनने के बाद में एक बार फिर इस अभियान को शुरू कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वास्तव में यह काम वन विभाग का है, लेकिन वे चाहते हैं कि स्थानीय लोगों के सहयोग से इस काम को किया जाए. उन्होंने कहा कि बेल को हटाने का काम बहुत बड़ा है. ऐसे में इसका टेंडर किया जाना जरूरी है .उन्होंने कहा कि वह इसके लिए प्रस्ताव तैयार करेंगे. प्रस्ताव मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भेजा जाएगा.

बता दें कि इससे पहले 14 अगस्त की सुबह हुई भारी तबाही के बाद कनलोग इलाके में कई सड़कें बंद हो गई थी. इसके बाद मेयर सुरेंद्र चौहान खुद मौके पर पहुंचकर मलबा हटाते हुए भी नजर आए थे. इसी जगह पर मेयर ने नेशनल हाईवे के किनारे बैठकर दफ्तर की जरूरी फाइलें भी निपटा थी. आपदा के दौरान ग्राउंड जीरो पर उनका काम लोगों में चर्चा का विषय बना रहा. इसके बाद 22 अक्टूबर को मयूर सुरेंद्र चौहान छोटा शिमला इलाके में नगर निगम शिमला की रेलिंग को भी पेंट करते हुए दिखाई दिए थे. अपने नए अभियान के चलते अब वे एक बार फिर मेयर सुर्खियों में नजर आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी उनके इस काम की तारीफ हो रही है.

ये भी पढ़ें: Himachal Road Accidents: जानलेवा सड़क हादसे, 2022 में 1032 लोगों ने गंवाई थी जान, इस साल सितंबर तक 659 की मौत

शिमला: नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान एक बार फिर खबरों में हैं. इसकी वजह है कि उन्होंने शिमला के जंगलों में देवदार के पेड़ों से जंगली बेल हटाने का अभियान शुरू किया है. शनिवार को अपनी टीम के साथ सुरेंद्र चौहान कनलोग के जंगलों में पहुंचे. जहां उन्होंने देवदार पेड़ों के साथ लगी बेलों को हटाने का अभियान चलाया.

बता दें कि देवदार के पेड़ में लगी जंगली बेल से पेड़ को खासा नुकसान होता है. इसकी वजह से पेड़ की ग्रोथ पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ऐसे में पेड़ से जंगली बेल को हटाकर पेड़ का जीवन बचाने का बीड़ा मेयर सुरेंद्र चौहान ने उठाया है. इसके लिए नगर निगम शिमला ने चार विशेष टीमों का गठन किया गया है. इस विशेष अभियान के लिए वन विभाग का भी सहयोग लिया जा रहा है.

शिमला मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा शिमला शहर में आठ सौ हेक्टेयर जमीन पर जंगल है. देवदार पेड़ शिमला की शान है, जो ऑक्सीजन देने का काम करता है लेकिन पेड़ो के साथ लिपटी बेले इनको काफी नुकसान पहुंचा रही है. नगर निगम की ओर से देवदार के पेड़ों से बेलों को हटाने का विशेष अभियान शुरू किया गया है. उन्होंने कहा वह इसके लिए स्थानीय लोगों का सहयोग ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि देवदार के पेड़ों को जंगली बेलों की वजह से बहुत ज्यादा नुकसान होता है.

मेयर सुरेंद्र चौहान ने 10 साल पहले भी उन्होंने इस तरह का अभियान शुरू किया था. अब नगर निगम शिमला के मेयर बनने के बाद में एक बार फिर इस अभियान को शुरू कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वास्तव में यह काम वन विभाग का है, लेकिन वे चाहते हैं कि स्थानीय लोगों के सहयोग से इस काम को किया जाए. उन्होंने कहा कि बेल को हटाने का काम बहुत बड़ा है. ऐसे में इसका टेंडर किया जाना जरूरी है .उन्होंने कहा कि वह इसके लिए प्रस्ताव तैयार करेंगे. प्रस्ताव मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भेजा जाएगा.

बता दें कि इससे पहले 14 अगस्त की सुबह हुई भारी तबाही के बाद कनलोग इलाके में कई सड़कें बंद हो गई थी. इसके बाद मेयर सुरेंद्र चौहान खुद मौके पर पहुंचकर मलबा हटाते हुए भी नजर आए थे. इसी जगह पर मेयर ने नेशनल हाईवे के किनारे बैठकर दफ्तर की जरूरी फाइलें भी निपटा थी. आपदा के दौरान ग्राउंड जीरो पर उनका काम लोगों में चर्चा का विषय बना रहा. इसके बाद 22 अक्टूबर को मयूर सुरेंद्र चौहान छोटा शिमला इलाके में नगर निगम शिमला की रेलिंग को भी पेंट करते हुए दिखाई दिए थे. अपने नए अभियान के चलते अब वे एक बार फिर मेयर सुर्खियों में नजर आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी उनके इस काम की तारीफ हो रही है.

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