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Shimla Krishna Nagar: कृष्ण नगर में बढ़ा बीमारियों का खतरा, कंटेनमेंट जोन किया गया घोषित, जानें क्यों लिया गया यह फैसला ? - शिमला नगर निगम मेयर सुरेंद्र चौहान

राजधानी शिमला का कृष्णा नगर क्षेत्र को जिला प्रशासन ने कंटेनमेंट जोन घोषित किया है. बताया जा रहा है कि 15 अगस्त को हुए लैंडस्लाइड में मलबे के नीचे बूचड़खाने के दर्जनों बकरों और मुर्गियां दब गये थे. जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है. पढ़ें पूरी खबर.. (Shimla Krishna Nagar declared as containment zone ) (Shimla Krishna Nagar) (Landslide In Krishna Nagar).

Shimla Krishna Nagar declared as containment zone
शिमला कृष्णा नगर को कन्टेनमेंट जोन किया गया घोषित
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 29, 2023, 6:12 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला के कृष्णा नगर में बीमरियों का खतरा बढ़ गया है. दरअसल, कुछ दिन पहले कृष्णा नगर हुए लैंडस्लाइड में बूचड़खाना सहित कई घर जमींदोज हो गया था, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी. यही नहीं यहां स्लॉटर हाउस के मलबे में दर्जनों बकरों और मुर्गियों के दबने से भारी दुर्गंध फैल गई है. जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ सकता है. हालत यह है कि कृष्णानगर वार्ड के निचले इलाकों में लोगों को घर खाली करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. हालांकि, नगर निगम इस क्षेत्र में सफाई करवाने में जुटा है, लेकिन जिला प्रशासन ने बूचड़खाने के 500 वर्ग मीटर क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है.

दरअसल, नगर निगम मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि कृष्णा नगर में लैंडस्लाइड हुआ था, जिसमें बूचड़खाना भी गिर गया था. जिसमें बकरे और मुर्गे भी दब गए. जिससे यहां बदबू आ रही है. इसको लेकर पशुपालन विभाग और शिमला नगर निगम के अधिकारियों की टीमों ने साइट का दौरा किया. इसके बाद बीमारी को फैलने से रोकने के लिए केमिकल स्प्रे और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया. जिससे संक्रमण का खतरा कम हो सके.

15 अगस्त को हुआ था कृष्णा नगर में लैंडस्लाइड: मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि, मिट्टी के सूखने का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि नमी वाली मिट्टी को हटाने के लिए भारी मशीनरी के इस्तेमाल से कृष्णा नगर इलाके में ऊपर के घरों को खतरा हो सकता है. बता दें, 15 अगस्त को कृष्णा नगर में लैंडस्लाइड से स्लॉटर हाउस सहित लगभग आठ घर जमींदोज हो गए थे. साथ ही दो लोगों की मौत हो गई थी. शवो को तो निकाल लिया गया था, लेकिन बकरे मुर्गे इसी में दफन हो गए है. जिससे यहां बीमरियों का खतरा बढ़ गया है.

ये भी पढे़ं: Shimla Landslide: शिमला के कृष्णा नगर में ताश के पत्तों की तरह ढह गई इमारतें, 1 शव बरामद, रेस्क्यू जारी

शिमला: राजधानी शिमला के कृष्णा नगर में बीमरियों का खतरा बढ़ गया है. दरअसल, कुछ दिन पहले कृष्णा नगर हुए लैंडस्लाइड में बूचड़खाना सहित कई घर जमींदोज हो गया था, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी. यही नहीं यहां स्लॉटर हाउस के मलबे में दर्जनों बकरों और मुर्गियों के दबने से भारी दुर्गंध फैल गई है. जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ सकता है. हालत यह है कि कृष्णानगर वार्ड के निचले इलाकों में लोगों को घर खाली करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. हालांकि, नगर निगम इस क्षेत्र में सफाई करवाने में जुटा है, लेकिन जिला प्रशासन ने बूचड़खाने के 500 वर्ग मीटर क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है.

दरअसल, नगर निगम मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि कृष्णा नगर में लैंडस्लाइड हुआ था, जिसमें बूचड़खाना भी गिर गया था. जिसमें बकरे और मुर्गे भी दब गए. जिससे यहां बदबू आ रही है. इसको लेकर पशुपालन विभाग और शिमला नगर निगम के अधिकारियों की टीमों ने साइट का दौरा किया. इसके बाद बीमारी को फैलने से रोकने के लिए केमिकल स्प्रे और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया. जिससे संक्रमण का खतरा कम हो सके.

15 अगस्त को हुआ था कृष्णा नगर में लैंडस्लाइड: मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि, मिट्टी के सूखने का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि नमी वाली मिट्टी को हटाने के लिए भारी मशीनरी के इस्तेमाल से कृष्णा नगर इलाके में ऊपर के घरों को खतरा हो सकता है. बता दें, 15 अगस्त को कृष्णा नगर में लैंडस्लाइड से स्लॉटर हाउस सहित लगभग आठ घर जमींदोज हो गए थे. साथ ही दो लोगों की मौत हो गई थी. शवो को तो निकाल लिया गया था, लेकिन बकरे मुर्गे इसी में दफन हो गए है. जिससे यहां बीमरियों का खतरा बढ़ गया है.

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