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शिमला बुक कैफे में चाय परोसते नजर नहीं आएंगे कैदी, निजी हाथों में सौंपने का फैसला

नगर निगम शिमला ने बुक कैफे को जेल विभाग से वापिस लेकर इसका टेंडर कर निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है.

kusum sadret
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Published : Aug 30, 2019, 11:12 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला के बुक कैफे में अब कैदी खाने की चीजें और चाय परोसते नजर नहीं आयेंगे. नगर निगम शिमला ने बुक कैफे को जेल विभाग से वापिस लेकर इसका टेंडर कर निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है. शुक्रवार को बैठक में पार्षदों ने बुक कैफे का टेंडर करने की मांग की, जिस पर सदन ने मुहर लगा दी है.

नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने कहा कि बुक कैफे को कैदी चला रहे थे, लेकिन इससे नगर निगम को कोई आय नहीं हो रही थी. इसके कारण बुक कैफे के टेंडर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बुक कैफे रहेगा, साथ ही जेल विभाग के सामान को भी बेचा जायेगा. नगर निगम जिसे भी ये टेंडर अलॉट करेगा उस पर ये शर्तें लागू होगीं.

बता दें 2016 में नगर निगम शिमला ने रिज मैदान के साथ टका बेंच के पास बुक कैफे बनाया था. यहां पर कैदी ही इस कैफे को चला रहें है. ये बुक कैफे शिमला आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ था. यहां पर्यटक कैदियों के बने सामान को देखने और उनसे बात करने के लिए पहुंचते थे, लेकिन अब ये आकर्षण खत्म होने वाला है. नगर निगम जल्द टेंडर जारी कर इसे निजी हाथों में सौंपने जा रहा है.

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ये भी पढ़ें:हिमाचल HC के चीफ जस्टिस बनेंगे SC के जज, केएल नारायण स्वामी होंगे प्रदेश के CJ

शिमला: राजधानी शिमला के बुक कैफे में अब कैदी खाने की चीजें और चाय परोसते नजर नहीं आयेंगे. नगर निगम शिमला ने बुक कैफे को जेल विभाग से वापिस लेकर इसका टेंडर कर निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है. शुक्रवार को बैठक में पार्षदों ने बुक कैफे का टेंडर करने की मांग की, जिस पर सदन ने मुहर लगा दी है.

नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने कहा कि बुक कैफे को कैदी चला रहे थे, लेकिन इससे नगर निगम को कोई आय नहीं हो रही थी. इसके कारण बुक कैफे के टेंडर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बुक कैफे रहेगा, साथ ही जेल विभाग के सामान को भी बेचा जायेगा. नगर निगम जिसे भी ये टेंडर अलॉट करेगा उस पर ये शर्तें लागू होगीं.

बता दें 2016 में नगर निगम शिमला ने रिज मैदान के साथ टका बेंच के पास बुक कैफे बनाया था. यहां पर कैदी ही इस कैफे को चला रहें है. ये बुक कैफे शिमला आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ था. यहां पर्यटक कैदियों के बने सामान को देखने और उनसे बात करने के लिए पहुंचते थे, लेकिन अब ये आकर्षण खत्म होने वाला है. नगर निगम जल्द टेंडर जारी कर इसे निजी हाथों में सौंपने जा रहा है.

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Intro:शिमला की शान बन चुके बुक कैफे में अब कैदी खाद्य पदार्थ और चाय परोसते नजर नही आयेगे ! नगर निगम की मासिक बैठक में इस बुक कैफे को जेल विभाग से वापिस लेकर इसके टेंडर कर निजी हाथो में सोपने का फैसला ले लिया है ! शुक्रवार को हुई बैठक में पार्षदों ने इस बुक कैफे का टेंडर करने की मांग की और सदन में इस पर मुहर भी लगा दी है ! Body:नगर निगम की महापौर कहा की कैदी चला रहे थे लेकिन इस से नगर निगम को कोई आय नही हो रही थी जिसके चलते अब इसके टेंडर किये जाये ! उन्होंने कहा की जेल विभाग के सामना वेसे ही बेचा जायेगा और बुक भी वेसे ही रहेगा ! जिसको भी नगर निगम टेंडर अलौट करेगा उस पर ये शर्ते लागू होगी ! Conclusion:बता दे पूर्व 2016 में नगर निगम ने शिमला के रिज मैदान के साथ टाका बेंच के पास बुक कैफे बनाया गया जसी जेल विभाग को दिया गया था यहाँ पर कैदी ही इस कैफे को चला रहे है और ये शिमला आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ था यहा पर्यटक कड़ियों के बने समाना को देखने और उनसे बात करने के लिए पहुचते थे लेकिन अब ये आकर्षण खत्म होने वाला है १ नगर निगम अब जल्द टेंडर जारी कर इसे निजी हाथो में सोम्पने जा रहा है !
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