शिमला: कोरोना महामारी के कारण मौजूदा हालात को देखते हुए शिमला बार एसोसिएशन ने अपने वार्षिक चुनाव अनिश्चतकाल के लिए टाल दिए हैं. यह चुनाव 31 मई को होने थे. शिमला बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी की आपात बैठक में यह फैसला लिया गया.
बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि प्रदेश में कोरोना से संक्रमण के मामलों में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए अदालती कामकाज को मौजूदा तौर तरीके से ही 31 मई तक जारी रखा जाए. इस दौरान केवल अति महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई का आग्रह कोर्ट से किया गया है. यह फैसला वकीलों, जजों, कोर्ट स्टाफ व सभी के परिजनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. कार्यकारिणी की बैठक 22 और 29 मई को फिर से होगी.
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा जारी अधिसूचना के तहत 18 मई से हाईकोर्ट व अन्य अधीनस्थ न्यायालय कुछ शर्तों कर साथ सुचारू रूप से कार्य करना शुरू कर देंगे.
गौरतलब है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 व लॉकडाउन के चलते हाई कोर्ट व अधीनस्थ न्यायालयों में 24 मार्च से कोर्ट का कार्य स्थगित कर लिया था, लेकिन कुछ दिनों बाद अति महत्वपूर्ण मामलों पर सुनवाई करने के इरादे से मामलों पर सुनवाई वीडियो कॉंफ्रेंस के माध्यम से की गई.
वहीं, नई अधिसूचना के तहत हाईकोर्ट में वीडियो कॉंफ्रेंसिंग व कोर्ट रूम में बैठकर मामलों पर सुनवाई करेगा. कोर्ट में अधिवक्ताओं व हाईकोर्ट के स्टाफ के अलावा किसी के भी आने पर मनाही होगी. कोर्ट में कार्य करते समय सोशल डिस्टेंसिंग व सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के तहत काम किया जाएगा.
इसके साथ ही कोर्ट में लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुए कार्य को करने के लिए कोर्ट ने कोर्ट समय से अतिरिक्त 2 घंटे काम करने का भी फैसला भी लिया है. तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मियों का 30 फीसदी स्टाफ हर दिन रोटेशन वॉइस कोर्ट में आएगा. प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारी हर दिन कोर्ट आएंगे.
इसके अलावा दायर किए गए मामलों की स्क्रूटनी 3 दिनों के बाद होगी. साथ ही जो अति महत्वपूर्ण प्रकृति के मामले दायर करने होंगे उन्हें ईमेल के माध्यम से कोर्ट के समक्ष दायर किया जाएगा. वहीं, मामले उसी दिन या अगले दिन कोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए लगेंगे. स्टाफ के विषय में भी अधीनस्थ न्यायालय में भी यही शर्तें लागू होगी.
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