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प्रदेश के स्कूलों में शगुन उत्सव से लिया जाएगा इंफ्रास्ट्रक्चर का ब्यौरा, एकेडमिक पार्ट पर होगी विभाग की नजर

हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर की गुणवत्ता का आकलन शगुन उत्सव मना कर किया जाएगा. अभी हाल ही में दिल्ली में हुई पेब की बैठक में शगुन उत्सव को मनाने के निर्देश जारी किए गए हैं.

शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश
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Published : May 17, 2019, 6:18 PM IST

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर की गुणवत्ता का आकलन शगुन उत्सव मना कर किया जाएगा. इसी वर्ष से इस उत्सव को मनाने की शुरुआत प्रदेश शिक्षा विभाग करेगा, जिसके तहत स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर का निरीक्षण कर छात्रों को दी जाने वाली सुविधाओं का आकलन एक्सपर्ट टीम की ओर से किया जाएगा.

shagun utsav will started in schools of himachal
शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश

बता दें कि ये पहल केंद्र की ओर से देशभर में की जा रही है. हिमाचल में भी इसकी शुरुआत की जा रही है. अभी हाल ही में दिल्ली में हुई पेब की बैठक में शगुन उत्सव को मनाने के निर्देश जारी किए गए हैं. शगुन उत्सव को मनाने का उद्देश्य ये है कि इस उत्सव से स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर नजर रखी जाएगी. निरीक्षण गठित टीमों द्वारा स्कूलों में शौचालय, कमरों की व्यवस्था और अन्य सुविधाओं का आकलन किया जाएगा. निरीक्षण के बाद एक पूरा सेंसेस इंडेक्स तैयार किया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट केंद्र को भेजी जाएगी.

ये भी पढ़ें-पत्नी गई थी मायके, इस वजह से असपताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा पति

परियोजना निदेशालय के निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि केंद्र सरकार के साथ हुई बैठक में शिक्षा के मूल्यांकन के लिए स्कूलों में शगुन उत्सव मनाने के निर्देश दिए हैं. ये एक अहम कदम है जिसके माध्यम से केवल स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ही काम किया जाएगा, जिसके लिए बजट भी केंद्र की ओर से मुहैया करवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि अगस्त और सितंबर में ये शगुन उत्सव मनाया जाएगा. इसके लिए एक टीम का गठन भी किया जाएगा, जिसमें अधिकारियों को शामिल किया जाएगा.

जानकारी देते परियोजना निदेशालय के निदेशक आशीष कोहली

बता दें कि इस उत्सव की शुरुआत गुजरात के स्कूलों में मनाए जाने वाले गुणोत्सव के तर्ज पर की जा रही है. सबसे पहले गुजरात राज्य ने ही इस उत्सव की शुरुआत शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर की है. ये एक बेहतर तरीका है जिसके आधार पर स्कूलों की स्थिति व वहां छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं का मूल्यांकन किया जाएगा. टीम का गठन भी इस उत्सव के तहत किया जाएगा.

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर की गुणवत्ता का आकलन शगुन उत्सव मना कर किया जाएगा. इसी वर्ष से इस उत्सव को मनाने की शुरुआत प्रदेश शिक्षा विभाग करेगा, जिसके तहत स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर का निरीक्षण कर छात्रों को दी जाने वाली सुविधाओं का आकलन एक्सपर्ट टीम की ओर से किया जाएगा.

shagun utsav will started in schools of himachal
शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश

बता दें कि ये पहल केंद्र की ओर से देशभर में की जा रही है. हिमाचल में भी इसकी शुरुआत की जा रही है. अभी हाल ही में दिल्ली में हुई पेब की बैठक में शगुन उत्सव को मनाने के निर्देश जारी किए गए हैं. शगुन उत्सव को मनाने का उद्देश्य ये है कि इस उत्सव से स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर नजर रखी जाएगी. निरीक्षण गठित टीमों द्वारा स्कूलों में शौचालय, कमरों की व्यवस्था और अन्य सुविधाओं का आकलन किया जाएगा. निरीक्षण के बाद एक पूरा सेंसेस इंडेक्स तैयार किया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट केंद्र को भेजी जाएगी.

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परियोजना निदेशालय के निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि केंद्र सरकार के साथ हुई बैठक में शिक्षा के मूल्यांकन के लिए स्कूलों में शगुन उत्सव मनाने के निर्देश दिए हैं. ये एक अहम कदम है जिसके माध्यम से केवल स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ही काम किया जाएगा, जिसके लिए बजट भी केंद्र की ओर से मुहैया करवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि अगस्त और सितंबर में ये शगुन उत्सव मनाया जाएगा. इसके लिए एक टीम का गठन भी किया जाएगा, जिसमें अधिकारियों को शामिल किया जाएगा.

जानकारी देते परियोजना निदेशालय के निदेशक आशीष कोहली

बता दें कि इस उत्सव की शुरुआत गुजरात के स्कूलों में मनाए जाने वाले गुणोत्सव के तर्ज पर की जा रही है. सबसे पहले गुजरात राज्य ने ही इस उत्सव की शुरुआत शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर की है. ये एक बेहतर तरीका है जिसके आधार पर स्कूलों की स्थिति व वहां छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं का मूल्यांकन किया जाएगा. टीम का गठन भी इस उत्सव के तहत किया जाएगा.

Intro:प्रदेश के स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर की गुणवत्ता का आंकलन शगुन उत्सव मना कर किया जाएगा। इसी वर्ष से इस उत्सव को मानने की शुरुआत प्रदेश शिक्षा विभाग करेगा जिसके तहत स्कूलों में जा कर वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर का निरीक्षण कर छात्रों को दी जाने वाली सुविधाओं का आंकलन एक्सपर्ट टीम की ओर से किया जाएगा। यह पहल केंद्र की ओर से देश भर में की जा रही है और हिमाचल में भी इसकी शुरुआत की जा रही हैं। अभी हाल ही दिल्ली में हुई पेब कि बैठक शगुन उत्सव को मानने के निर्देश जारी किए गए है।


Body:शगुन उत्सव को मानने का उद्देश्य यह है कि इस उसत्व से स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर नज़र रखी जाएगी। जिन स्कूलों में बच्चें शिक्षा ग्रहण कर रहे है उनमें उन्हें किस तरह की सुविधाएं ओर इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया करवाया जा रहा है इस बात का आंकलन किया जाएगा। स्कूलों में छात्रों के लिए कितने कमरों की व्यवस्था है और क्या अन्य सुविधाएं छात्रों को दी जा रही है। स्कूल में शौचालय है या नहीं, है तो इस्तेमाल हो रहा है या नहीं इसका निरीक्षण गठित टीम की ओर से किया जाएगा। निरीक्षण के बाद एक पूरा सेंसेस इंडेक्स तैयार किया जाएगा जिसकी रिपोर्ट केंद्र को भेजी जाएगी। परियोजना निदेशालय के निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि केंद्र सरकार के साथ हुई बैठक में शिक्षा के मूल्यांकन के लिए स्कूलों में शगुन उत्सव मनाने के निर्देश दिए है। यह एक अहम कदम है जिसके माध्यम से केवल स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ही काम किया जाएगा और इसके लिए बजट भी केंद्र की ओर से मुहैया करवाया जाएगा। अगस्त ओर सितंबर माह में यह शगुन उसत्व मनाया जाएगा। इसके लिए एक टीम का गठन भी किया जाएगा जिसमें अधिकारियों को शामिल किया जाएगा।


Conclusion:गुजरात के स्कूलों में मनाए जाने वाले गुणोत्सव तर्ज पर की जा रही है। सबसे पहले गुजरात राज्य ने ही इस उत्सव की शुरुआत शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर की है तैयारी विभाग की ओर से की जा रही है। यह एक बेहतर तरीका के जिसके आधार पर स्कूलों की स्थिति वहां छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं के साथ ही छात्रों को किस तरह की शिक्षा दी जा रही है इस बात का मूल्यांकन किया जाएगा। टीम का गठन भी इस उत्सव के तहत किया जाएगा जिसमें कौन सदस्य शामिल होंगे इस पर विचार किया जाएगा।
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