शिमला: प्रदेश के स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर की गुणवत्ता का आकलन शगुन उत्सव मना कर किया जाएगा. इसी वर्ष से इस उत्सव को मनाने की शुरुआत प्रदेश शिक्षा विभाग करेगा, जिसके तहत स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर का निरीक्षण कर छात्रों को दी जाने वाली सुविधाओं का आकलन एक्सपर्ट टीम की ओर से किया जाएगा.
बता दें कि ये पहल केंद्र की ओर से देशभर में की जा रही है. हिमाचल में भी इसकी शुरुआत की जा रही है. अभी हाल ही में दिल्ली में हुई पेब की बैठक में शगुन उत्सव को मनाने के निर्देश जारी किए गए हैं. शगुन उत्सव को मनाने का उद्देश्य ये है कि इस उत्सव से स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर नजर रखी जाएगी. निरीक्षण गठित टीमों द्वारा स्कूलों में शौचालय, कमरों की व्यवस्था और अन्य सुविधाओं का आकलन किया जाएगा. निरीक्षण के बाद एक पूरा सेंसेस इंडेक्स तैयार किया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट केंद्र को भेजी जाएगी.
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परियोजना निदेशालय के निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि केंद्र सरकार के साथ हुई बैठक में शिक्षा के मूल्यांकन के लिए स्कूलों में शगुन उत्सव मनाने के निर्देश दिए हैं. ये एक अहम कदम है जिसके माध्यम से केवल स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ही काम किया जाएगा, जिसके लिए बजट भी केंद्र की ओर से मुहैया करवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि अगस्त और सितंबर में ये शगुन उत्सव मनाया जाएगा. इसके लिए एक टीम का गठन भी किया जाएगा, जिसमें अधिकारियों को शामिल किया जाएगा.
बता दें कि इस उत्सव की शुरुआत गुजरात के स्कूलों में मनाए जाने वाले गुणोत्सव के तर्ज पर की जा रही है. सबसे पहले गुजरात राज्य ने ही इस उत्सव की शुरुआत शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर की है. ये एक बेहतर तरीका है जिसके आधार पर स्कूलों की स्थिति व वहां छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं का मूल्यांकन किया जाएगा. टीम का गठन भी इस उत्सव के तहत किया जाएगा.