शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर विवाद शुरू हो गया है. एसएफआई ने अटल बिहारी की प्रतिमा बनाए जाने का विरोध किया है.
विवि प्रशासन पार्टी विशेष की विचारधारा को बल देने की कोशिश
एसएफआई के कैंपस सचिव रॉकी जुगवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन पार्टी विशेष की विचारधारा को बल देने की कोशिश कर रहा है. रॉकी जग्वाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार आरएसएस की विचारधारा को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि अपनी सीट बचाने के लिए कुलपति पार्टी विशेष की विचारधारा पर काम कर रहे हैं. जुगवाल ने कहा कि जब प्रोफेसर सिकंदर कुमार की नियुक्ति कुलपति के तौर पर हुई थी, तब भी उन्होंने आरएसएस के लिए काम करने की बात कही थी.
विशेष विचारधारा के लिए काम करने का आरोप
एसएफआई के कैंपस सचिव रॉकी जुगवाल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई की प्रतिमा की जगह किसी शिक्षाविद की प्रतिमा यहां पर लगाई जानी चाहिए थी. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को कहा कि पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रो. सिकंदर कुमार की नियुक्ति के बाद से ही विश्वविद्यालय प्रशासन एक विशेष विचारधारा की ओर अग्रसर हो कर काम कर रहा है.
बड़े नेताओं को खुश करने का आरोप
रॉकी जुगवाल ने कहा कि संकट के इस दौर में जहां विश्वविद्यालय प्रशासन को विद्यार्थियों की फीस माफ करने के बारे में सोचना चाहिए था. वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन बड़े नेताओं को खुश करने के लिए पार्टी विशेष की विचारधारा को आगे बढ़ा रहा है.
पुस्तकालय के सामने हो रहा प्रतिमा का निर्माण
बीते करीब 1 साल से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है. इसी सौंदर्यकरण बजट से देश के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की प्रतिमा का निर्माण करवाया जा रहा है. इसमें करीब चार से पांच लाख रुपये खर्च का अनुमान है. 22 जुलाई को विश्वविद्यालय की स्थापना दिवस पर इस प्रतिमा का अनावरण प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कर सकते हैं.
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